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गैंगस्टर आरोपी की जमानत मंजूर, अभियोजन ने दिया था लंबे आपराधिक इतिहास का हवाला - गैंगस्टर आरोपी की जमानत मंजूर

स्पेशल कोर्ट गैंगस्टर अलीगढ़ से जमानत नामंजूर होने के बाद तेजवीर ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की थी. अर्जी पर न्यायमूर्ति अजय भनोट ने सुनवाई की. याची के अधिवक्ताओं की दलील थी कि उसे गैंगस्टर के मामले में झूठा फंसाया गया है. उसका कोई गैंग नहीं है.

गैंगस्टर आरोपी की जमानत मंजूर, अभियोजन ने किया था लंबे आपराधिक इतिहास का हवाला देकर विरोध
गैंगस्टर आरोपी की जमानत मंजूर, अभियोजन ने किया था लंबे आपराधिक इतिहास का हवाला देकर विरोध
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Published : Dec 16, 2021, 10:13 PM IST

प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अलीगढ़ के तेजवीर सिंह उर्फ गुड्डू की गैंगस्टर के मामले में जमानत मंजूर कर ली है. उसके खिलाफ अलीगढ़ के सिविल लाइंस थाने में गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया था.

स्पेशल कोर्ट गैंगस्टर अलीगढ़ से जमानत नामंजूर होने के बाद तेजवीर ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की थी. अर्जी पर न्यायमूर्ति अजय भनोट ने सुनवाई की. याची के अधिवक्ताओं की दलील थी कि उसे गैंगस्टर के मामले में झूठा फंसाया गया है. उसका कोई गैंग नहीं है.

यह भी पढ़ें : इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश, राजेश वर्मा के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी की नए सिरे से जांच होगी

उसके लंबे आपराधिक इतिहास के संबंध में अधिवक्ताओं का कहना था कि ज्यादातर मामले में वह छूट चुका है या जमानत पर है. कई सिविल विवादों के मामले में भी वह जमानत पर है. अधिवक्ताओं ने कहा कि पुलिस जानबूझकर याची को बार-बार फर्जी मुकदमे में फंसाती है.

कोर्ट ने कहा कि सरकारी वकील याची के अधिवक्ताओं की दलीलों का संतोषजनक जवाब नहीं दे सके. कोर्ट ने प्रकरण के गुणदोष पर विचार न कर तेजवीर को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है. उसे जमानत की शर्तों के पालन का निर्देश दिया है. ऐसा न करने पर जमानत निरस्त की जा सकती है.

प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अलीगढ़ के तेजवीर सिंह उर्फ गुड्डू की गैंगस्टर के मामले में जमानत मंजूर कर ली है. उसके खिलाफ अलीगढ़ के सिविल लाइंस थाने में गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया था.

स्पेशल कोर्ट गैंगस्टर अलीगढ़ से जमानत नामंजूर होने के बाद तेजवीर ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की थी. अर्जी पर न्यायमूर्ति अजय भनोट ने सुनवाई की. याची के अधिवक्ताओं की दलील थी कि उसे गैंगस्टर के मामले में झूठा फंसाया गया है. उसका कोई गैंग नहीं है.

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उसके लंबे आपराधिक इतिहास के संबंध में अधिवक्ताओं का कहना था कि ज्यादातर मामले में वह छूट चुका है या जमानत पर है. कई सिविल विवादों के मामले में भी वह जमानत पर है. अधिवक्ताओं ने कहा कि पुलिस जानबूझकर याची को बार-बार फर्जी मुकदमे में फंसाती है.

कोर्ट ने कहा कि सरकारी वकील याची के अधिवक्ताओं की दलीलों का संतोषजनक जवाब नहीं दे सके. कोर्ट ने प्रकरण के गुणदोष पर विचार न कर तेजवीर को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है. उसे जमानत की शर्तों के पालन का निर्देश दिया है. ऐसा न करने पर जमानत निरस्त की जा सकती है.

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