प्रयागराज: महिलाएं आज हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं. वर्जनाओं और सीमाओं को आज तोड़ा जा रहा है. महिलाएं मानसिक रूप से सशक्त हो रही हैं, लेकिन अभी भी बहुत बड़े संघर्ष के साथ ही व्यवस्था परिवर्तन होना बाकी है. ये बात उच्च शिक्षा राज्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार नीलिमा कटियार ने सोमवार को साप्ताहिक अटल जन्मोत्सव समारोह में कहीं. यह समारोह उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय में आयोजित किया जा रहा है.
सीमा सुरक्षा बल में महिलाओं को दिया जा रहा स्थान
उन्होंने कहा कि यह समाज की जिम्मेदारी है कि वह महिलाओं में जागरूकता उत्पन्न करे और उन्हें स्वास्थ्य परीक्षण कराने के लिए केंद्र तक पहुंचाने में मदद करे. कटियार ने कहा कि आज सीमा सुरक्षा बल में महिलाओं को स्थान दिया जा रहा है. सीआरपीएफ की दो बटालियन महिलाओं के लिए आरक्षित की गई हैं. पुलिसिंग में 35 प्रतिशत स्थान महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है. मुद्रा योजना में महिलाओं को 70 प्रतिशत लाभ दिया जा रहा है. मनरेगा में भी महिलाएं योगदान दे रही हैं. इसके साथ ही विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में महिलाएं सर्वोच्च स्थान प्राप्त कर रही हैं. नामांकन दरों में भी महिलाओं ने आगे बढ़कर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है.
महिलाएं गाड़ रहीं सफलता के झंडे
नीलिमा कटियार ने कहा कि यह परिवार की जिम्मेदारी है कि वह बेटा-बेटी को बराबरी का दर्जा देकर पालें. मूल मानसिकता में परिवर्तन किए बिना हम भवन तैयार कर लें, तो वह लंबे समय तक आसरा देने वाला नहीं बन सकता. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर प्रारंभ से ही दिशा-निर्देशक और मार्गदर्शक रहे हैं. उच्च शिक्षा राज्यमंत्री ने कहा कि महिलाएं आज चारों दिशाओं में सफलता के झंडे गाड़ रही हैं. वर्तमान में मातृत्व अवकाश को दोगुना करने के साथ ही पितृत्व अवकाश भी प्रदान किया जा रहा है. छात्राओं को आत्मनिर्भर, स्वाभिमानी और साहसी बनाने में उच्च शिक्षा संस्थाओं का महत्वपूर्ण योगदान है.
महिलाओं के सम्मान की शुरुआत घर से ही करनी चाहिए
साप्ताहिक अटल जन्मोत्सव समारोह में कुलपति प्रोफेसर कामेश्वर नाथ सिंह ने कहा कि जिस परिवार एवं समाज में महिला का सम्मान नहीं होगा, वह उजड़ जाएगा. हमें महिलाओं के सम्मान की शुरुआत घर से ही करनी चाहिए. इस तरह हम ज्ञान के लिए सरस्वती की आराधना करते हैं, धन के लिए लक्ष्मी की आराधना करते हैं और शक्ति के लिए दुर्गा की आराधना करते हैं. उसी प्रकार समाज को सही दिशा में ले जाने के लिए हमें महिलाओं का सम्मान करना होगा. कुलपति प्रोफेसर सिंह ने कहा कि मुक्त विश्वविद्यालय ने जिन गांवों को गोद लिया है, वहां की लड़कियों की शिक्षा नि:शुल्क कर दी गई है.
व्याख्यानमाला का संचालन डॉ. सुरेंद्र कुमार ने तथा अतिथियों का स्वागत एवं विषय प्रवर्तन अटल बिहारी वाजपेई सुशासन पीठ के निदेशक प्रोफेसर पीके पांडे ने किया. इस अवसर पर विश्वविद्यालय के निदेशक, शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी, छात्र एवं कई प्रतिभागी ऑनलाइन उपस्थित रहे.