पीलीभीत: बहुजन समाज पार्टी ने पीलीभीत सदर विधानसभा से प्रत्याशी मुस्ताक अंसारी के टिकट को काटते हुए सपा सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे मरहूम हाजी रियाज अहमद के बागी बेटे पर दांव लगाया है. देर शाम बसपा द्वारा जारी की गई लिस्ट में मरहूम हाजी रियाज के बेटे शाने अली का नाम शामिल है.
बहुजन समाज पार्टी ने 24 घंटे पहले प्रत्याशियों के नामों की सूची जारी की थी. इसमें पीलीभीत सदर विधानसभा से सपा के बागी प्रत्याशी मुस्ताक अंसारी का नाम शामिल था. 24 घंटे के अंदर ही बहुजन समाज पार्टी ने पीलीभीत सदर विधानसभा की सीट से अपना प्रत्याशी बनाते हुए समाजवादी पार्टी के पूर्व कैबिनेट मंत्री और कद्दावर नेता रहे मरहूम हाजी रियाज अहमद के बेटे शाने अली को अपना प्रत्याशी बनाया है.
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में हाजी रियाज अहमद की इलाज के दौरान मौत हो गई थी. वहीं उनकी बड़ी बेटी और जिला पंचायत अध्यक्ष रहीं रुकैया आरिफ की भी इलाज के दौरान मौत हो गई थी. ऐसे में हाजिर रियाज के बेटे शाने अली पीलीभीत सदर विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी के टिकट की दावेदारी करने उतरे थे.
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पीलीभीत सदर विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी ने डॉ. शैलेंद्र गंगवार को उम्मीदवार बनाया था. इसके बाद लॉ कॉलेज में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान हाजी रियाज अहमद की पुत्री डॉ. बुशरा ने बगावत का ऐलान किया था और समर्थकों के दबाव के चलते निर्दलीय या किसी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने की बात कही थी. ऐसे में उनके बागी भाई शाने अली ने बसपा का दामन थाम कर सदर विधानसभा की सीट का टिकट पा लिया.
बसपा ने दो ओबीसी प्रत्याशियों के टिकट काटे
बसपा में विरोध के बावजूद टिकट काटने का सिलसिला जारी है. सोमवार को चार प्रत्याशी पार्टी ने बदल दिए. बसपा ने दो ओबीसी उम्मीदवारों के टिकट काटकर मुस्लिम प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतार दिए. यूपी में 403 विधानसभा सीटे हैं. इससे पहले बसपा ने 225 सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए थे. इसमें अब तक करीब 14 सीटों पर टिकट बदले जा चुके हैं.
सोमवार को एक बार फिर लिस्ट जारी हुई. इसमें पीलीभीत सीट पर मुस्ताक अहमद की जगह शाने अली को टिकट दिया गया. ऐसे ही निंघासन सीट से पहले मनमोहन मौर्य को टिकट दिया गया था. तीसरे दिन इनका टिकट काटकर डॉ. आरए उस्मानी को दे दिया गया. कस्ता सीट से पहले सरिता वर्मा को टिकट दिया गया था. सोमवार को हेमवती राज के नाम पर मुहर लगा दी गई. वहीं कासगंज सीट से पहले इंजीनियर प्रभुदयाल राजपूत को टिकट दिया था. वहीं अब मोहम्मद आरिफ को टिकट देकर बसपा ने रणनीति साधी है. बसपा के मुस्लिम उम्मीदवार बढ़कर 64 हो गए हैं.
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