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केरल: नीलांबुर से विधायक अनवर ने पद से इस्तीफा दिया, ये थी वजह - KERALA MLA RESIGNS

केरल के नीलांबुर से विधायक अनवर ने तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के बाद अयोग्यता से बचने के लिए अपने पद से इस्तीफा दे दिया.

Unhappy with Vijayan-led Left govt, Anvar resigns as MLA
केरल के नीलांबुर से निर्दलीय विधायक पीवी अनवर ने दिया इस्तीफा (ETV Bharat kerala Desk)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 13, 2025, 1:02 PM IST

तिरुवनंतपुरम: नीलांबुर से दो बार के निर्दलीय विधायक पीवी अनवर ने दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्यता से बचने के लिए केरल विधानसभा में अपने पद से इस्तीफा दे दिया. हाल ही में तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के उनके फैसले के बाद यह कदम उठाया गया है. अनवर ने सोमवार सुबह स्पीकर एएन शमसेर को अपना इस्तीफा सौंप दिया.

उनका इस्तीफा वामपंथी सरकार और मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के साथ बढ़ते तनाव के बीच आया है, खासकर एडीजीपी एमआर अजित कुमार के खिलाफ आरोप लगाने के बाद. चुनाव के बाद एक नई पार्टी में शामिल होने से अनवर को दलबदल विरोधी कानून का उल्लंघन करने का जोखिम उठाना पड़ा, जिसके कारण उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला किया.

अपने इस्तीफे के बाद तिरुवनंतपुरम में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अनवर ने घोषणा की कि वह आगामी नीलांबुर उपचुनाव नहीं लड़ेंगे और यूडीएफ उम्मीदवार को अपना पूरा समर्थन देने का वादा किया. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस्तीफा देने का फैसला केरल में तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व और स्थानीय बिशपों के साथ चर्चा के बाद किया गया.

तृणमूल नेतृत्व ने उन्हें इस्तीफा देने की सलाह दी थी. इस बात पर जोर देते हुए कि निर्णय उनके विवेक पर आधारित होना चाहिए. अनवर ने यह भी कहा कि तृणमूल कांग्रेस संसद में वन्यजीवों पर हमलों का मुद्दा उठाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि पिनाराई सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गई है.

अनवर ने विपक्षी नेता वीडी सतीशन के खिलाफ लगाए गए आरोपों को भी संबोधित किया जिसमें कहा गया कि 150 करोड़ रुपये की रिश्वत के आरोप मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के राजनीतिक सचिव पी शशि के निर्देश पर लगाए गए थे. उन्होंने जोर देकर कहा कि वह उस समय पार्टी द्वारा उन्हें सौंपी गई भूमिका को पूरा कर रहे थे. अनवर ने मीडिया से कहा कि उन पर अभी भी आरोपों का बोझ है और उन्होंने सतीशन और केरल समुदाय से माफी मांगी.

ये भी पढ़ें- केरल सरकार ने एडीजीपी कुमार की आरएसएस नेताओं से मुलाकात की जांच के आदेश दिए

तिरुवनंतपुरम: नीलांबुर से दो बार के निर्दलीय विधायक पीवी अनवर ने दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्यता से बचने के लिए केरल विधानसभा में अपने पद से इस्तीफा दे दिया. हाल ही में तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के उनके फैसले के बाद यह कदम उठाया गया है. अनवर ने सोमवार सुबह स्पीकर एएन शमसेर को अपना इस्तीफा सौंप दिया.

उनका इस्तीफा वामपंथी सरकार और मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के साथ बढ़ते तनाव के बीच आया है, खासकर एडीजीपी एमआर अजित कुमार के खिलाफ आरोप लगाने के बाद. चुनाव के बाद एक नई पार्टी में शामिल होने से अनवर को दलबदल विरोधी कानून का उल्लंघन करने का जोखिम उठाना पड़ा, जिसके कारण उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला किया.

अपने इस्तीफे के बाद तिरुवनंतपुरम में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अनवर ने घोषणा की कि वह आगामी नीलांबुर उपचुनाव नहीं लड़ेंगे और यूडीएफ उम्मीदवार को अपना पूरा समर्थन देने का वादा किया. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस्तीफा देने का फैसला केरल में तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व और स्थानीय बिशपों के साथ चर्चा के बाद किया गया.

तृणमूल नेतृत्व ने उन्हें इस्तीफा देने की सलाह दी थी. इस बात पर जोर देते हुए कि निर्णय उनके विवेक पर आधारित होना चाहिए. अनवर ने यह भी कहा कि तृणमूल कांग्रेस संसद में वन्यजीवों पर हमलों का मुद्दा उठाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि पिनाराई सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गई है.

अनवर ने विपक्षी नेता वीडी सतीशन के खिलाफ लगाए गए आरोपों को भी संबोधित किया जिसमें कहा गया कि 150 करोड़ रुपये की रिश्वत के आरोप मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के राजनीतिक सचिव पी शशि के निर्देश पर लगाए गए थे. उन्होंने जोर देकर कहा कि वह उस समय पार्टी द्वारा उन्हें सौंपी गई भूमिका को पूरा कर रहे थे. अनवर ने मीडिया से कहा कि उन पर अभी भी आरोपों का बोझ है और उन्होंने सतीशन और केरल समुदाय से माफी मांगी.

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