ETV Bharat / bharat

'क्या लद्दाख सीमा पर फिर बढ़ा तनाव', आर्मी चीफ ने दिया बड़ा अपडेट - INDIA CHINA BORDER

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी सोमवार को नई दिल्ली में वार्षिक प्रेस कॉनफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे.

ARMY CHIEF ADDRESSING THE ANNUAL PC
सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी (ANI)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 13, 2025, 1:01 PM IST

Updated : Jan 13, 2025, 1:13 PM IST

नई दिल्ली: सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी सोमवार को नई दिल्ली में मानेकशॉ सेंटर में वार्षिक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि भारत की उत्तरी सीमा पर स्थिति संवेदनशील लेकिन स्थिर है. उन्होंने नई दिल्ली में मानेकशॉ सेंटर में वार्षिक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि पूर्वी लद्दाख के देपसांग और डेमचोक में पारंपरिक क्षेत्रों में गश्त शुरू हो गई है. हमारी तैनाती संतुलित और मजबूत है. द्विवेदी ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर स्थिति के बारे में कहा कि हम किसी भी स्थिति से निपटने में सक्षम हैं. सेना प्रमुख ने कहा कि वे सीमा पर बुनियादी ढांचे को बढ़ाने, क्षमता विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.

पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा पर स्थिति पर जनरल द्विवेदी ने कहा कि पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम जारी है, लेकिन घुसपैठ की कोशिशें जारी हैं. पाकिस्तान की तरफ आतंकी ढांचा अभी भी बना हुआ है. पिछले साल मारे गए 60% आतंकवादी पाकिस्तान मूल के थे.

मणिपुर की स्थिति पर सेना प्रमुख ने कहा कि सुरक्षा बलों के समन्वित प्रयासों और सक्रिय सरकारी पहलों ने मणिपुर में स्थिति को नियंत्रण में ला दिया है. उन्होंने कहा कि हिंसा की चक्रीय घटनाएं जारी हैं और हम क्षेत्र में शांति लाने की कोशिश कर रहे हैं.

भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि पूर्वोत्तर के संबंध में, कुल मिलाकर स्थिति धीरे-धीरे सुधर रही है. मणिपुर में सुरक्षा बलों के समन्वित प्रयासों और सक्रिय सरकारी पहलों ने स्थिति को नियंत्रण में ला दिया है. हालांकि, हिंसा की चक्रीय घटनाएं जारी हैं. हम इस क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए काम कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि विभिन्न गैर सरकारी संगठन और हमारे दिग्गज समुदाय के नेताओं से संपर्क कर रहे हैं ताकि एक तरह का सामंजस्य स्थापित किया जा सके. भारत-म्यांमार सीमा पर, निगरानी और वर्चस्व बढ़ाया गया है, ताकि म्यांमार में अभी तक हो रही अशांति के फैलाव से बचा जा सके.

उन्होंने कहा कि जहां तक मानवीय सहायता और आपदा राहत का सवाल है, 2024 में प्राप्त अनुभव के आधार पर, हमने अपने क्यूआरटी और क्यूआर मेडिकल टीमों को अपग्रेड करने के लिए विशेष रूप से 17 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं.

वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर स्थिति पर, भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि यह स्थिर लेकिन संवेदनशील है. कई बैठकें हुई हैं. यहां तक कि प्रधानमंत्री ने भी चीनी प्रमुख से मुलाकात की है. देपसांग और डेमचोक की बात करें तो 20 अप्रैल से दोनों पक्ष आगे बढ़ गए हैं और दूसरे पक्ष को उन पारंपरिक क्षेत्रों में जाने से रोक दिया है जहां वे गश्त कर रहे थे. जहां तक सत्यापन गश्त का सवाल है, दोनों पक्षों द्वारा पिछले कुछ समय में दो दौर पूरे किए जा चुके हैं और दोनों ही इससे काफी संतुष्ट हैं.

जहां तक चरागाह की बात है, तो वे अब आपसी सहमति से इस पर सहमत हो गए हैं. बफर जोन जैसी कोई चीज नहीं है. उन्होंने कहा कि योजना के तहत जहां लगता है कि हिंसा की प्रकृति या डिग्री अधिक हो सकती है वहां कुछ दूरी बनायी जाती है. इसलिए जब हमने कुछ समय तक ये वार्ताएं कीं, तो कुछ स्थानों पर अस्थायी रोक लगा दी गई.

उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि दोनों पक्ष पीछे रहेंगे और आम क्षेत्रों में नहीं जाएंगे क्योंकि हमें अभी भी लगता है कि अगर हम उन जगहों पर मिलते हैं तो हिंसा का स्तर बढ़ सकता है. 20 अप्रैल के बाद, दोनों देशों के बीच विश्वास को एक नई परिभाषा मिलनी चाहिए. इसलिए हमें एक साथ बैठकर इस बात पर व्यापक समझ बनाने की आवश्यकता है कि हम स्थिति को कैसे शांत करना चाहते हैं और विश्वास को कैसे बहाल करना चाहते हैं. अब हम अगली विशेष प्रतिनिधि बैठक की प्रतीक्षा कर रहे हैं जो होनी चाहिए..."

भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि आज मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि महिला अधिकारी बहुत अच्छा काम कर रही हैं और अगर मुझे आपको कोई पैमाना देना हो, तो आज लगभग 16 अधिकारी हैं जो स्टाफ कॉलेज कर रही हैं. जहां तक भारतीय सेना का सवाल है, हम एक मजबूत महिला अधिकारी चाहते हैं. उन्होंने कहा कि हम सेना में लिंग तटस्थ दृष्टिकोण अपनाना चाहते हैं. हालांकि, सेना का मानना है कि शारीरिक परीक्षण के मापदंड लगभग समान होने चाहिए, लेकिन निश्चित रूप से शारीरिक स्थितियों को ध्यान रख कर कुछ अपवाद हो सकते हैं जिन्हें तय किया जायेगा.

उन्होंने कहा कि लगभग 1700 महिला अधिकारी वर्तमान में सैनिक स्कूलों, सैन्य स्कूलों में प्रशिक्षण ले रही हैं. इसका मतलब है कि वे भारतीय सेना और तीनों सेनाओं में आएंगी. इसलिए, यह कुछ ऐसा है जिसे रोका नहीं जा सकता और यह बेहद परिपक्व तरीके से होगा.

मणिपुर की स्थिति पर भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि आज मणिपुर का समग्र दृष्टिकोण यह है कि वहां संबद्धताएं हैं और जनजातीय संबद्धताएं एक मजबूत रुख अपना रही हैं लेकिन हमें सुलह सुनिश्चित करने के लिए काम करना होगा. मुझे वहां गए नए राज्यपाल से बहुत उम्मीद है कि वे इस दिशा में कदम उठाएंगे. जहां तक समन्वय की कमी का सवाल है, मैं आपको बस यह आश्वस्त करना चाहता हूं कि समन्वय की बिल्कुल भी कमी नहीं है, लेकिन हमें यह समझना होगा कि कौन सा पक्ष कहां है. जब मई 2023 में यह समस्या हुई, तो डीजीपी ने आदेश जारी किए कि आप जिस भी समुदाय से संबंधित हैं, उसके निकटतम पुलिस स्टेशन जाएं ताकि कम से कम आप उन कर्तव्यों को निभा सकें.

ये भी पढ़ें

नई दिल्ली: सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी सोमवार को नई दिल्ली में मानेकशॉ सेंटर में वार्षिक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि भारत की उत्तरी सीमा पर स्थिति संवेदनशील लेकिन स्थिर है. उन्होंने नई दिल्ली में मानेकशॉ सेंटर में वार्षिक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि पूर्वी लद्दाख के देपसांग और डेमचोक में पारंपरिक क्षेत्रों में गश्त शुरू हो गई है. हमारी तैनाती संतुलित और मजबूत है. द्विवेदी ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर स्थिति के बारे में कहा कि हम किसी भी स्थिति से निपटने में सक्षम हैं. सेना प्रमुख ने कहा कि वे सीमा पर बुनियादी ढांचे को बढ़ाने, क्षमता विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.

पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा पर स्थिति पर जनरल द्विवेदी ने कहा कि पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम जारी है, लेकिन घुसपैठ की कोशिशें जारी हैं. पाकिस्तान की तरफ आतंकी ढांचा अभी भी बना हुआ है. पिछले साल मारे गए 60% आतंकवादी पाकिस्तान मूल के थे.

मणिपुर की स्थिति पर सेना प्रमुख ने कहा कि सुरक्षा बलों के समन्वित प्रयासों और सक्रिय सरकारी पहलों ने मणिपुर में स्थिति को नियंत्रण में ला दिया है. उन्होंने कहा कि हिंसा की चक्रीय घटनाएं जारी हैं और हम क्षेत्र में शांति लाने की कोशिश कर रहे हैं.

भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि पूर्वोत्तर के संबंध में, कुल मिलाकर स्थिति धीरे-धीरे सुधर रही है. मणिपुर में सुरक्षा बलों के समन्वित प्रयासों और सक्रिय सरकारी पहलों ने स्थिति को नियंत्रण में ला दिया है. हालांकि, हिंसा की चक्रीय घटनाएं जारी हैं. हम इस क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए काम कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि विभिन्न गैर सरकारी संगठन और हमारे दिग्गज समुदाय के नेताओं से संपर्क कर रहे हैं ताकि एक तरह का सामंजस्य स्थापित किया जा सके. भारत-म्यांमार सीमा पर, निगरानी और वर्चस्व बढ़ाया गया है, ताकि म्यांमार में अभी तक हो रही अशांति के फैलाव से बचा जा सके.

उन्होंने कहा कि जहां तक मानवीय सहायता और आपदा राहत का सवाल है, 2024 में प्राप्त अनुभव के आधार पर, हमने अपने क्यूआरटी और क्यूआर मेडिकल टीमों को अपग्रेड करने के लिए विशेष रूप से 17 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं.

वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर स्थिति पर, भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि यह स्थिर लेकिन संवेदनशील है. कई बैठकें हुई हैं. यहां तक कि प्रधानमंत्री ने भी चीनी प्रमुख से मुलाकात की है. देपसांग और डेमचोक की बात करें तो 20 अप्रैल से दोनों पक्ष आगे बढ़ गए हैं और दूसरे पक्ष को उन पारंपरिक क्षेत्रों में जाने से रोक दिया है जहां वे गश्त कर रहे थे. जहां तक सत्यापन गश्त का सवाल है, दोनों पक्षों द्वारा पिछले कुछ समय में दो दौर पूरे किए जा चुके हैं और दोनों ही इससे काफी संतुष्ट हैं.

जहां तक चरागाह की बात है, तो वे अब आपसी सहमति से इस पर सहमत हो गए हैं. बफर जोन जैसी कोई चीज नहीं है. उन्होंने कहा कि योजना के तहत जहां लगता है कि हिंसा की प्रकृति या डिग्री अधिक हो सकती है वहां कुछ दूरी बनायी जाती है. इसलिए जब हमने कुछ समय तक ये वार्ताएं कीं, तो कुछ स्थानों पर अस्थायी रोक लगा दी गई.

उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि दोनों पक्ष पीछे रहेंगे और आम क्षेत्रों में नहीं जाएंगे क्योंकि हमें अभी भी लगता है कि अगर हम उन जगहों पर मिलते हैं तो हिंसा का स्तर बढ़ सकता है. 20 अप्रैल के बाद, दोनों देशों के बीच विश्वास को एक नई परिभाषा मिलनी चाहिए. इसलिए हमें एक साथ बैठकर इस बात पर व्यापक समझ बनाने की आवश्यकता है कि हम स्थिति को कैसे शांत करना चाहते हैं और विश्वास को कैसे बहाल करना चाहते हैं. अब हम अगली विशेष प्रतिनिधि बैठक की प्रतीक्षा कर रहे हैं जो होनी चाहिए..."

भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि आज मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि महिला अधिकारी बहुत अच्छा काम कर रही हैं और अगर मुझे आपको कोई पैमाना देना हो, तो आज लगभग 16 अधिकारी हैं जो स्टाफ कॉलेज कर रही हैं. जहां तक भारतीय सेना का सवाल है, हम एक मजबूत महिला अधिकारी चाहते हैं. उन्होंने कहा कि हम सेना में लिंग तटस्थ दृष्टिकोण अपनाना चाहते हैं. हालांकि, सेना का मानना है कि शारीरिक परीक्षण के मापदंड लगभग समान होने चाहिए, लेकिन निश्चित रूप से शारीरिक स्थितियों को ध्यान रख कर कुछ अपवाद हो सकते हैं जिन्हें तय किया जायेगा.

उन्होंने कहा कि लगभग 1700 महिला अधिकारी वर्तमान में सैनिक स्कूलों, सैन्य स्कूलों में प्रशिक्षण ले रही हैं. इसका मतलब है कि वे भारतीय सेना और तीनों सेनाओं में आएंगी. इसलिए, यह कुछ ऐसा है जिसे रोका नहीं जा सकता और यह बेहद परिपक्व तरीके से होगा.

मणिपुर की स्थिति पर भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि आज मणिपुर का समग्र दृष्टिकोण यह है कि वहां संबद्धताएं हैं और जनजातीय संबद्धताएं एक मजबूत रुख अपना रही हैं लेकिन हमें सुलह सुनिश्चित करने के लिए काम करना होगा. मुझे वहां गए नए राज्यपाल से बहुत उम्मीद है कि वे इस दिशा में कदम उठाएंगे. जहां तक समन्वय की कमी का सवाल है, मैं आपको बस यह आश्वस्त करना चाहता हूं कि समन्वय की बिल्कुल भी कमी नहीं है, लेकिन हमें यह समझना होगा कि कौन सा पक्ष कहां है. जब मई 2023 में यह समस्या हुई, तो डीजीपी ने आदेश जारी किए कि आप जिस भी समुदाय से संबंधित हैं, उसके निकटतम पुलिस स्टेशन जाएं ताकि कम से कम आप उन कर्तव्यों को निभा सकें.

ये भी पढ़ें

Last Updated : Jan 13, 2025, 1:13 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.