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विजयदशमी के दिन यहां परंपरागत तरीके से होती है शस्त्रों की पूजा, लोग लेते हैं बढ़चढ़ कर हिस्सा

देश भर में आज विजय दशमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है, वहीं मथुरा जिले में ब्रज मंडल राजपूत क्षत्रिय महासभा ने भी शस्त्र पूजन किया.

परंपरागत तरीके से होती है शस्त्रों की पूजा
परंपरागत तरीके से होती है शस्त्रों की पूजा
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Published : Oct 15, 2021, 2:30 PM IST

मथुरा: देश भर में आज विजय दशमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है, वहीं कान्हा की नगरी मथुरा में बुराई पर अच्छाई की जीत के पर्व पर क्षत्रिय समाज के द्वारा शस्त्र पूजन किया गया, जिसमें ब्रज मंडल राजपूत क्षत्रिय महासभा ने भी शस्त्र पूजन किया. यहां भारी संख्या में लोगों ने इसमे भाग लिया. वहीं सैकड़ों शस्त्रों का पूजन भी किया गया है. लोगों ने जहां राजा राम चन्द्र के जय कार करते हुए महाराणा प्रताप को भी याद किया.



जानकारी देते हुए ब्रजमंडल राजपूत क्षत्रिय महासभा के अध्यक्ष मुकेश सिकरवार ने बताया कि आज ब्रजमंडल क्षत्रिय राजपूत सभा के बैनर तले परंपरागत जो विजयदशमी है. यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का एक प्रतीक है, हमारे बुजुर्गों ने जो परंपराएं दी हैं. उसका निर्वहन करते हुए बड़े ही धूमधाम से हजारों की संख्या में लोगों ने पहुंचकर के कार्यक्रम में सहभागिता की है.

परंपरागत तरीके से होती है शस्त्रों की पूजा
उन्होंने कहा कि लोग सैकड़ों की संख्या में शस्त्र अपने साथ लेकर आए हैं. शास्त्रों की पूजा करने के पीछे यह कहानी है कि जब गरीब की, ब्राह्मण की, असहाय की, नारी की जब कभी सम्मान की बात आती है तो निश्चित रूप से सबसे पहले क्षत्रिय ही सबसे पहले सामने आता है.

यह भी पढ़ें- आज CM योगी निभाएंगे दंडाधिकारी की भूमिका, गोरखपुर में करेंगे विजयादशमी के जुलूस का नेतृत्व



श्री राम जी ने हमको जो शास्त्र दिया है आज हम उसका निर्वहन कर रहे हैं. वहीं, उन्होंने कहा कि जो राज्य सरकार ने क्षत्रियों के शास्त्रों को छीनने का जो काम किया है जबरन क्षत्रियों के शस्त्रों को निरस्त करने का काम किया जा रहा है, हम माननीय मुख्यमंत्री जी से अपील करते हैं और चेतावनी भी देते हैं कि हमारे शास्त्रों को जबरन निरस्त न किया जाए. अगर क्षत्रियों के पास शस्त्र नहीं रहेंगे तो निश्चित रूप से तो यह प्रदेश और देश खतरे में चला जाएगा.

यह भी पढ़ें- पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व दशहरा, पीएम मोदी और सीएम योगी ने दी देशवासियों शुभकामनाएं


विजयदशमी के मौके पर पिछले कई वर्षों से होने बाली शस्त्र पूजा कान्हा की नगरी मथुरा में क्षत्रिय समाज द्वारा की गई है. समाज के लोगों का कहना था कि क्यों कि क्षत्रिय ने शस्त्र को हमेशा से ही दीन हीन निर्बल की रक्षा के लिए उठाया. इसी लिए अब सरकार जहां क्षत्रिय के शस्त्र निरस्त कर रही है उसे रोकने की जरूरत है ,और आज के दिन राजा राम भगवान ने बुराई के प्रतीक रावण का वध किया था, जिसपर विजय पाई जोकि अपनी शस्त्र के माध्यम से ही मिल सकी. तो इसी लिए अब ऐसा लगता है ये शस्त्र सिर्फदिखाने के लिए नही बल्कि उठाने का समय भी आ रहा है.

मथुरा: देश भर में आज विजय दशमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है, वहीं कान्हा की नगरी मथुरा में बुराई पर अच्छाई की जीत के पर्व पर क्षत्रिय समाज के द्वारा शस्त्र पूजन किया गया, जिसमें ब्रज मंडल राजपूत क्षत्रिय महासभा ने भी शस्त्र पूजन किया. यहां भारी संख्या में लोगों ने इसमे भाग लिया. वहीं सैकड़ों शस्त्रों का पूजन भी किया गया है. लोगों ने जहां राजा राम चन्द्र के जय कार करते हुए महाराणा प्रताप को भी याद किया.



जानकारी देते हुए ब्रजमंडल राजपूत क्षत्रिय महासभा के अध्यक्ष मुकेश सिकरवार ने बताया कि आज ब्रजमंडल क्षत्रिय राजपूत सभा के बैनर तले परंपरागत जो विजयदशमी है. यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का एक प्रतीक है, हमारे बुजुर्गों ने जो परंपराएं दी हैं. उसका निर्वहन करते हुए बड़े ही धूमधाम से हजारों की संख्या में लोगों ने पहुंचकर के कार्यक्रम में सहभागिता की है.

परंपरागत तरीके से होती है शस्त्रों की पूजा
उन्होंने कहा कि लोग सैकड़ों की संख्या में शस्त्र अपने साथ लेकर आए हैं. शास्त्रों की पूजा करने के पीछे यह कहानी है कि जब गरीब की, ब्राह्मण की, असहाय की, नारी की जब कभी सम्मान की बात आती है तो निश्चित रूप से सबसे पहले क्षत्रिय ही सबसे पहले सामने आता है.

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श्री राम जी ने हमको जो शास्त्र दिया है आज हम उसका निर्वहन कर रहे हैं. वहीं, उन्होंने कहा कि जो राज्य सरकार ने क्षत्रियों के शास्त्रों को छीनने का जो काम किया है जबरन क्षत्रियों के शस्त्रों को निरस्त करने का काम किया जा रहा है, हम माननीय मुख्यमंत्री जी से अपील करते हैं और चेतावनी भी देते हैं कि हमारे शास्त्रों को जबरन निरस्त न किया जाए. अगर क्षत्रियों के पास शस्त्र नहीं रहेंगे तो निश्चित रूप से तो यह प्रदेश और देश खतरे में चला जाएगा.

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विजयदशमी के मौके पर पिछले कई वर्षों से होने बाली शस्त्र पूजा कान्हा की नगरी मथुरा में क्षत्रिय समाज द्वारा की गई है. समाज के लोगों का कहना था कि क्यों कि क्षत्रिय ने शस्त्र को हमेशा से ही दीन हीन निर्बल की रक्षा के लिए उठाया. इसी लिए अब सरकार जहां क्षत्रिय के शस्त्र निरस्त कर रही है उसे रोकने की जरूरत है ,और आज के दिन राजा राम भगवान ने बुराई के प्रतीक रावण का वध किया था, जिसपर विजय पाई जोकि अपनी शस्त्र के माध्यम से ही मिल सकी. तो इसी लिए अब ऐसा लगता है ये शस्त्र सिर्फदिखाने के लिए नही बल्कि उठाने का समय भी आ रहा है.

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