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लखनऊ की आसिफी मस्जिद में नहीं होगी जुमा की नमाज़, मौलाना कल्बे जवाद ने किया एलान

सरकार के निर्देश के बाद 8 जून से सभी धर्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति दी गई है. लेकिन इस बीच लखनऊ की आसिफी मस्जिद नहीं खुलेगी. इसके बारे में जुमा मौलनन कल्बे जवाद ने मीडिया में बयान जारी किया है.

मौलाना सय्यद कलबे जवाद नक़वी
मौलाना सय्यद कलबे जवाद नक़वी
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Published : Jun 8, 2020, 4:57 AM IST

लखनऊः अनलॉक-1 में अब 8 जून से एक बार फिर धर्मिकस्थलों को श्रद्धालुओं के लिये खोला जाएगा. अकीदतमंद अपनी आस्था के अनुसार धार्मिक स्थलों पर जाकर इबादत करेंगे. लेकिन सरकार की गाइडलाइंस के तहत इबादतगाहों में कई बदलाव रहेंगे. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए महज 5 लोग ही एक बार में इबादत कर सकेंगे. ऐसे में शिया समुदाय की लखनऊ में स्थित सबसे बड़ी आसिफी जुमा मस्जिद बन्द रहेगी.

मस्जिद के इमाम-ए-जुमा मौलाना सय्यद कलबे जवाद नक़वी ने अपने बयान में कहा कि सरकार ने मस्जिदों को खोलने और जमात के साथ नमाज़ के लिए जो दिशा निर्देश दिए हैं, उनका पालन करते हुए मस्जिदों में जमात के साथ नमाज़ नहीं हो सकती मगर फ़ुरादा (अकेले-अकेले) नमाज़ पढ़ी जा सकती है. मौलाना ने कहा कि जमात के साथ नमाज़ के लिए 6 फिट की दूरी सही नहीं है और न इतनी दूरी से जमात हो सकती है. इसलिए अभी हम मस्जिदों में जमात के साथ नमाज़ और जुमे की नमाज़ के लिए नहीं जा सकते.

उन्होंने कहा कि सरकार ने कहा है कि धर्मिक स्थलों में सीमित लोग दूरी के साथ आएं, लोगों को ये समझना अभी मुमकिन नहीं. नमाज़-ए-जुमा का एलान होगा तो भीड़ आएगी जिसे रोका नहीं जा सकता. इसलिए अभी असिफी मस्जिद में जुमे की नमाज नहीं होगी. मौलाना ने कहा अभी जब तक हालात सही नहीं होते और दूरी बनाए रखने की शर्त ख़त्म नहीं होती असिफी मस्जिद में जमात नहीं होगी.

लखनऊः अनलॉक-1 में अब 8 जून से एक बार फिर धर्मिकस्थलों को श्रद्धालुओं के लिये खोला जाएगा. अकीदतमंद अपनी आस्था के अनुसार धार्मिक स्थलों पर जाकर इबादत करेंगे. लेकिन सरकार की गाइडलाइंस के तहत इबादतगाहों में कई बदलाव रहेंगे. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए महज 5 लोग ही एक बार में इबादत कर सकेंगे. ऐसे में शिया समुदाय की लखनऊ में स्थित सबसे बड़ी आसिफी जुमा मस्जिद बन्द रहेगी.

मस्जिद के इमाम-ए-जुमा मौलाना सय्यद कलबे जवाद नक़वी ने अपने बयान में कहा कि सरकार ने मस्जिदों को खोलने और जमात के साथ नमाज़ के लिए जो दिशा निर्देश दिए हैं, उनका पालन करते हुए मस्जिदों में जमात के साथ नमाज़ नहीं हो सकती मगर फ़ुरादा (अकेले-अकेले) नमाज़ पढ़ी जा सकती है. मौलाना ने कहा कि जमात के साथ नमाज़ के लिए 6 फिट की दूरी सही नहीं है और न इतनी दूरी से जमात हो सकती है. इसलिए अभी हम मस्जिदों में जमात के साथ नमाज़ और जुमे की नमाज़ के लिए नहीं जा सकते.

उन्होंने कहा कि सरकार ने कहा है कि धर्मिक स्थलों में सीमित लोग दूरी के साथ आएं, लोगों को ये समझना अभी मुमकिन नहीं. नमाज़-ए-जुमा का एलान होगा तो भीड़ आएगी जिसे रोका नहीं जा सकता. इसलिए अभी असिफी मस्जिद में जुमे की नमाज नहीं होगी. मौलाना ने कहा अभी जब तक हालात सही नहीं होते और दूरी बनाए रखने की शर्त ख़त्म नहीं होती असिफी मस्जिद में जमात नहीं होगी.

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