लखनऊ : रहमानखेड़ा में पिछले 38 दिनों से बाघ की मौजूदगी से लोगों में दहशत का माहौल है. इसके बाद भी उन्हें बाघ को पकड़ने में कामयाबी नहीं मिल रही है. जंगल में चार जगहों पर पिंजरे भी लगाए गए हैं. साथ ही दुधवा टाइगर रिजर्व से एक विशेष ट्रांसपोर्टेशन पिंजरा मंगवाया गया है. वन विभाग ने बाघ को पकड़ने के लिए 32 जगहों पर ट्रैप कैमरे लगाए हैं और थर्मल ड्रोन कैमरों से निगरानी की जा रही है.
वन विभाग की कुल 35 सदस्यीय टीम बाघ को पकड़ने के लिए जुटी हैं. इस बीच बाघ ने शुक्रवार को एक नीलगाय का शिकार किया. यह बाघ का 7वां शिकार है. शिकार के बाद बाघ नीलगाय को करीब 100 मीटर जंगल के अंदर ले गया और उसका लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा खा गया. बाघ की गतिविधियों के बावजूद अब तक उसे पकड़ने में सफलता नहीं मिली.
अब तक किए 7 शिकार : डीएफओ ने बताया कि रहमानखेडा संस्थान के जोन-2 में एक नीलगाय का शिकार पाया गया, जो तकरीबन 01 दिन पुराना है. टीम ने वहां पर पहुंचकर निगरानी की. एवं जोन-2 में मिले पदचिन्हों को ट्रैक करने का प्रयास किया जा रहा है. हथिनियों सुलोचना एवं डायना को लेके जोन-2 में काम्बिग की गयी. आज मंडौली गाँव में CISH के अमरूद के वृक्षारोपण प्लाट में भी बाघ, वन्य जीव के पदचिन्ह पाये गये. ट्रैकर्स के माध्यम से बाघ, वन्य जीव के पदचिन्हो को ट्रैक किया जा रहा है. इसके अतिरिक्त आज ग्राम हलुवापुर, हबीबपुर एवं मंडौली आदि में जन-जागरूकता अभियान चलाया जाएगा.
अपर मुख्य वन संरक्षक रेणु सिंह के नेतृत्व में बाघ को पकड़ने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है. क्षेत्र में 32 ट्रैप कैमरे और 4 पिंजरे लगाए गए हैं. इसमें वन विभाग की 5 टीमों सहित कुल 9 टीमें लगी हुई हैं.
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