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हैलट के डॉक्टरों ने पहली बार बिना चीरा किया अग्नाशय की गांठ का इलाज - HALLETT HOSPITAL KANPUR

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने इलाज करने वाली चिकित्सकों की टीम को दी बधाई.

Hallett Multi Super Specialist Hospital.
Hallett Multi Super Specialist Hospital. (Photo Credit ; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 11, 2025, 11:39 AM IST

कानपुर : हैलट के मल्टी सुपर स्पेशलिस्ट अस्पताल में युवक के अग्नाशय की गांठ का इलाज पहली बार बिना किसी चीरा लगाए सफलतापूर्वक किया गया. इलाज गैस्ट्रोइंटोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. विनय और उनकी टीम के द्वारा किया गया. मरीज के सफल इलाज को लेकर जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला के द्वारा पूरी टीम को विशेष रूप से बधाई दी गई है.


मूलरूप से औरैया के रहने वाले कौशल उम्र (26) वर्ष को पैंक्रिटाइटिस हुआ था. उनके द्वारा इस समस्या को लेकर इलाज कराया गया. जिससे वह ठीक तो हो गया, लेकिन कुछ दिन के बाद अग्नाशय के पास गांठ बन गई. इससे रोगी की तकलीफ बढ़ती गई. इसके बाद उन्होंने हैलेट के मल्टी सुपर स्पेशलिस्ट अस्पताल में पहुंचकर विशेजषज्ञों को इस समस्या के बारे में बताया. गैस्ट्रोइंटोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. विनय ने मरीज की इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए तत्काल उसका उपचार शुरू किया.


डॉ. विनय ने बताया कि करीब 4 दिन पहले मरीज उनके पास आया था. सीटी स्कैन करने के बाद उसका इलाज एंडोस्कोपिक विधि से किया गया. मुंह से एंडोस्कोपी का पाइप डालकर स्टंट के जरिए गांठ को खाने की थैली से जोड़ दिया गया. इससे गांठ का पानी पेट में आ गया. बाद में पेट से पानी निकाल दिया गया. गांठ से करीब डेढ़ लीटर पानी निकला. फिलहाल रोगी को एक दिन के बाद ही डिस्चार्ज कर दिया गया. इलाज के दौरान स्टील के डेढ़ लाख के स्थान पर सिर्फ 700 रुपये का प्लास्टिक स्टेंट लगाया गया था. रोगी के सफल इलाज को लेकर उनके टीम में डॉ. ध्रुव के साथ टीम के कई अन्य सदस्य रहे. जिनके साथ मिलकर रोगी का सफल इलाज किया गया.

कानपुर : हैलट के मल्टी सुपर स्पेशलिस्ट अस्पताल में युवक के अग्नाशय की गांठ का इलाज पहली बार बिना किसी चीरा लगाए सफलतापूर्वक किया गया. इलाज गैस्ट्रोइंटोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. विनय और उनकी टीम के द्वारा किया गया. मरीज के सफल इलाज को लेकर जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला के द्वारा पूरी टीम को विशेष रूप से बधाई दी गई है.


मूलरूप से औरैया के रहने वाले कौशल उम्र (26) वर्ष को पैंक्रिटाइटिस हुआ था. उनके द्वारा इस समस्या को लेकर इलाज कराया गया. जिससे वह ठीक तो हो गया, लेकिन कुछ दिन के बाद अग्नाशय के पास गांठ बन गई. इससे रोगी की तकलीफ बढ़ती गई. इसके बाद उन्होंने हैलेट के मल्टी सुपर स्पेशलिस्ट अस्पताल में पहुंचकर विशेजषज्ञों को इस समस्या के बारे में बताया. गैस्ट्रोइंटोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. विनय ने मरीज की इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए तत्काल उसका उपचार शुरू किया.


डॉ. विनय ने बताया कि करीब 4 दिन पहले मरीज उनके पास आया था. सीटी स्कैन करने के बाद उसका इलाज एंडोस्कोपिक विधि से किया गया. मुंह से एंडोस्कोपी का पाइप डालकर स्टंट के जरिए गांठ को खाने की थैली से जोड़ दिया गया. इससे गांठ का पानी पेट में आ गया. बाद में पेट से पानी निकाल दिया गया. गांठ से करीब डेढ़ लीटर पानी निकला. फिलहाल रोगी को एक दिन के बाद ही डिस्चार्ज कर दिया गया. इलाज के दौरान स्टील के डेढ़ लाख के स्थान पर सिर्फ 700 रुपये का प्लास्टिक स्टेंट लगाया गया था. रोगी के सफल इलाज को लेकर उनके टीम में डॉ. ध्रुव के साथ टीम के कई अन्य सदस्य रहे. जिनके साथ मिलकर रोगी का सफल इलाज किया गया.

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