बेंगलुरु: गुजरात के पोरबंदर हवाई अड्डे पर 5 जनवरी को भारतीय तटरक्षक बल का एएलएच ध्रुव एमके III दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. हादसे में चालक दल के तीन सदस्यों की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद एचएएल ने एएलएच ध्रुव बेड़े के परिचालन पर रोक लगा दी थी. इस वजह से बेंगलुरु में चल रहे एयरो इंडिया में मंगलवार को एएलएच ध्रुव का प्रदर्शन नहीं किया गया था. दर्शकों को निराशा हुई थी. एचएएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ने इस पर बड़ा अपडेट दिया है.
एचएएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. डी. के. सुनील ने मंगलवार को बेंगलुरु में एयरो इंडिया 2025 स्थल पर आयोजित पारंपरिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "प्रारंभिक जांच से पता चला है कि दुर्घटना हेलीकॉप्टर की स्वैश प्लेट में फ्रैक्चर के कारण हुई थी. लेकिन फिर भी जांच दल विस्तृत जांच कर रहा है. उम्मीद है कि यह तीन सप्ताह में अपनी रिपोर्ट सौंप देगा.इसके बाद हम एएलएच के संचालन को फिर से शुरू करने पर फैसला करेंगे."
28 हादसे का गवाहः भारतीय सेना के सभी विंग द्वारा संचालित और पश्चिमी बहुउपयोगी हेलीकॉप्टरों के लिए कम लागत वाले विकल्प के रूप में पेश किए जाने वाले एएलएच ध्रुव ने 25 साल पहले अपनी सेवा में शामिल होने के बाद से 28 दुर्घटनाएं देखी हैं. इनमें से एक तिहाई लगभग 13 दुर्घटनाएं तकनीकी कारणों से हुईं. जबकि, एक तिहाई मानवीय भूलों के कारण और शेष अज्ञात कारणों से हुईं.
डिजाइन में खामी नहींः बार-बार दुर्घटनाओं के कारण स्वदेशी रूप से विकसित इस हेलिकॉप्टर की सुरक्षा और प्रभावकारिता पर उठ रहे सवालों पर सीएमडी ने कहा कि हेलिकॉप्टर के डिजाइन में कोई खामी नहीं है. प्रशिक्षण और रखरखाव काफी हद तक इसके कारण हो सकते हैं. उन्होंने कहा, "हम भारतीय तटरक्षकों के साथ मिलकर उनके रखरखाव के तौर-तरीकों को जानने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि पता लगाया जा सके कि क्या कोई बदलाव किया जाना है."
इसे भी पढ़ेंः बेंगलुरु में एयरो इंडिया 2025 आज से शुरु, पांचवी पीढ़ी का रूसी एसयू-67 होगा मुख्य आकर्षण