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फर्जी आयुष्मान कार्ड से महिला का इलाज हुआ, जांच के बाद स्वास्थ्य महकमे ने लिया बड़ा एक्शन

आयुष्मान कार्ड योजना का लाभ लेने के लिए एक महिला ने फर्जी आयुष्मान कार्ड से इलाज करवाया (Woman gets treatment with Fake Ayushman Card) था. शिकायत के बाद जांच में इसका खुलासा हुआ.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 22, 2023, 8:11 AM IST

Updated : Nov 22, 2023, 11:24 AM IST

लखनऊ: सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान कार्ड योजना में फर्जीवाड़ा (Woman gets treatment with Fake Ayushman Card) का मामला सामने में आया है. जिम्मेदारों की मिलीभगत से कैंसर से पीड़ित अपात्र महिला का कार्ड बनाकर उसका इलाज करवा लिया गया. स्वास्थ्य विभाग को इसकी भनक तक नहीं लगी. शिकायत के बाद जांच में इसका खुलासा (Fraud in Ayushman Card Scheme) होने पर जिम्मेदारों के विरुद्ध कार्रवाई करने के बजाय स्वास्थ्य विभाग कार्ड को निरस्त कर अपना पल्ला झाड़ लिया है. इस मामले में शिकायतकर्ता लगातार उच्चाधिकारियों को पत्र भेज कर कार्रवाई की मांग कर रहा है.

महिला के पति ने की शिकायत: शिकायतकर्ता कोई और नहीं बल्कि, आरोपी महिला का पति ही है. चिनहट के हासेमऊ निवासी अवधराम ने बताया कि उसकी शादी गोमतीनगर के भरवारा निवासी मायाराम की बेटी विमलेश यादव से 9 मई 2022 में हुई थी. 21 अगस्त को विमलेश के पेट में दर्द होने की शिकायत पर उसने डॉक्टर की सलाह पर जांच कराई. जांच में पता चला कि उसे बच्चेदानी का कैंसर था. पड़ताल करने पर पता चला कि शादी के समय यह बात छिपाई गई थी.

शादी से पहले 11 सितंबर 2021 को ही एक निजी अस्पताल में ऑपरेशन कर बच्चेदानी निकाल दी गई थी. लेकिन कीमोथेरेपी नहीं चढ़वाई गई. इस पर अवधराम से कीमोथेरेपी के नाम पर करीब 8.50 लाख रुपये पत्नी व ससुर द्वारा ऐंठ लिए गए. अवधराम के मुताबिक राममनोहर लोहिया अस्पताल में इलाज से सम्बंधित जानकारी लेने पर पता चला कि विमलेश का आयुष्मान कार्ड से इलाज किया जा रहा है.

दूसरे का राशनकार्ड लगाकर बनाया गया आयुष्मान कार्ड धारक: अवधराम के मुताबिक इस मामले में उसने स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों के साथ ही मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत की. जिस पर सीएमओ ऑफिस की तरफ से जांच कराई गई. जांच में आयुष्मान कार्ड फर्जी पाए जाने पर निरस्त कर दिया गया. जांच में पता चला कि जो बीपीएल कार्ड लगाया गया है, उस कार्ड का नंबर दूसरे परिवार के नाम पर जारी हुआ है. कार्ड बनवाते समय राशनकार्ड के साथ ही कई अन्य दस्तावेजों के साथ फर्जीवाड़ा किया गया.

20 हजार लेकर बनाया गया कार्ड: अवधराम का यह भी दावा है कि जांच करने पर यह भी पता चला कि इलाके के ही दो युवक 20 हजार रुपये लेकर लोगों के कार्ड बनवा कर फर्जीवाड़ा कर रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग की जांच में इसका खुलासा होने के बावजूद सुनवाई नहीं हो रही.

आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के नोडल अधिकारी डॉ. संदीप के मुताबिक ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत आयुष्मान कार्ड का आवेदन होता है. 80 फीसदी सही पाए जाने पर कार्ड बना दिया जाता है. इसकी जिम्मेदारी स्टेट से तय होती है. शिकायत पर कार्ड को निरस्त कर दिया गया. आगे की कार्रवाई उच्चाधिकारियों के निर्देश पर होगी.

ये भी पढ़ें- यूपी रोडवेज के 35 हजार संविदाकर्मियों को मिली बड़ी सौगात, UPSTRC ने वेतन बढ़ाया

लखनऊ: सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान कार्ड योजना में फर्जीवाड़ा (Woman gets treatment with Fake Ayushman Card) का मामला सामने में आया है. जिम्मेदारों की मिलीभगत से कैंसर से पीड़ित अपात्र महिला का कार्ड बनाकर उसका इलाज करवा लिया गया. स्वास्थ्य विभाग को इसकी भनक तक नहीं लगी. शिकायत के बाद जांच में इसका खुलासा (Fraud in Ayushman Card Scheme) होने पर जिम्मेदारों के विरुद्ध कार्रवाई करने के बजाय स्वास्थ्य विभाग कार्ड को निरस्त कर अपना पल्ला झाड़ लिया है. इस मामले में शिकायतकर्ता लगातार उच्चाधिकारियों को पत्र भेज कर कार्रवाई की मांग कर रहा है.

महिला के पति ने की शिकायत: शिकायतकर्ता कोई और नहीं बल्कि, आरोपी महिला का पति ही है. चिनहट के हासेमऊ निवासी अवधराम ने बताया कि उसकी शादी गोमतीनगर के भरवारा निवासी मायाराम की बेटी विमलेश यादव से 9 मई 2022 में हुई थी. 21 अगस्त को विमलेश के पेट में दर्द होने की शिकायत पर उसने डॉक्टर की सलाह पर जांच कराई. जांच में पता चला कि उसे बच्चेदानी का कैंसर था. पड़ताल करने पर पता चला कि शादी के समय यह बात छिपाई गई थी.

शादी से पहले 11 सितंबर 2021 को ही एक निजी अस्पताल में ऑपरेशन कर बच्चेदानी निकाल दी गई थी. लेकिन कीमोथेरेपी नहीं चढ़वाई गई. इस पर अवधराम से कीमोथेरेपी के नाम पर करीब 8.50 लाख रुपये पत्नी व ससुर द्वारा ऐंठ लिए गए. अवधराम के मुताबिक राममनोहर लोहिया अस्पताल में इलाज से सम्बंधित जानकारी लेने पर पता चला कि विमलेश का आयुष्मान कार्ड से इलाज किया जा रहा है.

दूसरे का राशनकार्ड लगाकर बनाया गया आयुष्मान कार्ड धारक: अवधराम के मुताबिक इस मामले में उसने स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों के साथ ही मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत की. जिस पर सीएमओ ऑफिस की तरफ से जांच कराई गई. जांच में आयुष्मान कार्ड फर्जी पाए जाने पर निरस्त कर दिया गया. जांच में पता चला कि जो बीपीएल कार्ड लगाया गया है, उस कार्ड का नंबर दूसरे परिवार के नाम पर जारी हुआ है. कार्ड बनवाते समय राशनकार्ड के साथ ही कई अन्य दस्तावेजों के साथ फर्जीवाड़ा किया गया.

20 हजार लेकर बनाया गया कार्ड: अवधराम का यह भी दावा है कि जांच करने पर यह भी पता चला कि इलाके के ही दो युवक 20 हजार रुपये लेकर लोगों के कार्ड बनवा कर फर्जीवाड़ा कर रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग की जांच में इसका खुलासा होने के बावजूद सुनवाई नहीं हो रही.

आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के नोडल अधिकारी डॉ. संदीप के मुताबिक ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत आयुष्मान कार्ड का आवेदन होता है. 80 फीसदी सही पाए जाने पर कार्ड बना दिया जाता है. इसकी जिम्मेदारी स्टेट से तय होती है. शिकायत पर कार्ड को निरस्त कर दिया गया. आगे की कार्रवाई उच्चाधिकारियों के निर्देश पर होगी.

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Last Updated : Nov 22, 2023, 11:24 AM IST
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