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चुनाव में कमर्चारियों की नाराजगी दूर करने का मास्टरस्ट्रोक है महंगाई भत्ता देने का फैसला

प्रदेश के 28 लाख कर्मचारी व पेंशनरों की नाराजगी दूर करने को लेकर सरकार ने एक बड़ा मास्टर स्ट्रोक खेला है. सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनरों को बढ़ा हुआ मानदेय भत्ता देने का फैसला करके उनकी नाराजगी दूर करने की कोशिश की है. योगी आदित्यनाथ सरकार ने 11 फीसद बड़ा महंगाई भत्ता व महंगाई राहत देने का आदेश जारी किया था. जिसके आदेश के बाद 1 जुलाई 21 से उत्तर प्रदेश के 16 लाख कर्मचारी और 12 लाख पेंशनरों को बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता दिया जाएगा.

मास्टरस्ट्रोक है महंगाई भत्ता देने का फैसला
मास्टरस्ट्रोक है महंगाई भत्ता देने का फैसला
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Published : Aug 29, 2021, 5:01 PM IST

Updated : Aug 29, 2021, 5:09 PM IST

लखनऊ: 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर योगी सरकार और बीजेपी संगठन हर स्तर पर काम कर रही है. प्रदेश के 28 लाख कर्मचारी और पेंशनरों की नाराजगी दूर करने को लेकर एक बड़ा मास्टर स्ट्रोक खेला गया है. सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनरों को बढ़ा हुआ मानदेय भत्ता देने का फैसला करके उनकी नाराजगी दूर करने की कोशिश की है. काफी समय से महंगाई के कारण लोग परेशान हैं और अब उन्हें किसी न किसी रूप से संतुष्ट करने की कोशिश की जा रही है. ऐसे में जो राज्य कर्मचारी हैं उन्हें संतुष्ट करने के लिए महंगाई भत्ता देने की बात कही गई है. देखना दिलचस्प होगा कि कर्मचारी सरकार की कवायद से संतुष्ट होते हैं या नहीं और इसका सियासी फायदा भाजपा को होता है या नहीं.

नाराजगी दूर करने की कोशिश

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 11 फीसद बड़ा महंगाई भत्ता व महंगाई राहत देने का आदेश जारी किया था. जिसके आदेश के बाद 1 जुलाई 21 से उत्तर प्रदेश के 16 लाख कर्मचारी व 12 लाख पेंशनरों को बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता दिया जाएगा. अब कर्मचारियों व पेंशनरों को 28 फीसद महंगाई भत्ता दिया जाएगा. भारतीय जनता पार्टी ने 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले हर स्तर पर कील कांटे दुरुस्त करने का काम किया है.

बीजेपी नेतृत्व को मिले फीडबैक के बाद यह बड़ा फैसला किया गया है. बीजेपी को यह फीडबैक लगातार मिल रहा था कि कर्मचारियों में काफी नाराजगी है. उनका जो महंगाई भत्ता है, वह नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में चुनाव में इसका नुकसान भी भारतीय जनता पार्टी को उठाना पड़ सकता है. यही कारण है कि बीजेपी नेतृत्व के निर्देश पर योगी आदित्यनाथ सरकार ने 1 जुलाई से बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता देने का बड़ा आदेश कर दिया है.

सूत्रों का दावा है कि बीजेपी नेतृत्व में कर्मचारियों की नाराजगी दूर करने को लेकर यह एक बड़ा मास्टर स्ट्रोक खेलने की कोशिश की है. पिछले काफी समय से महंगाई भत्ते को लेकर कर्मचारियों में नाराजगी देखने को मिल रही थी और यह नाराजगी चुनाव में भाजपा के लिए घातक सिद्ध हो जाए. इसको देखते हुए यह फैसला किया गया यह बड़ी बात है कि प्रदेश के 28 लाख कर्मचारी इससे प्रभावित हो रहे थे. ऐसे में स्वाभाविक रूप से इन्हें महंगाई भत्ता दिया गया है, तो नाराजगी दूर भी हो सकती है.

मास्टरस्ट्रोक है महंगाई भत्ता देने का फैसला

वहीं, कर्मचारी संगठनों की तरफ से कोविड-19 के दौरान जो महंगाई भत्ता नहीं दिया गया था उसे भी आने वाले समय में दिए जाने की मांग की जा रही है. कर्मचारी संगठनों की तरफ से महंगाई भत्ता दिए जाने के आदेश स्वागत किया गया है और सरकार की सराहना की गई है कि कर्मचारियों के हित को ध्यान में रखा गया. उत्तर प्रदेश सचिवालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष यादवेंद्र मिश्र ने कहा है कि सरकार ने कर्मचारियों के हित में फैसला किया है. सरकार से हमारी मांग है कि पिछले 18 महीने तक जो महंगाई भत्ता नहीं दिया गया था, वह भी आने वाले समय में दिया जाए और कर्मचारियों के हितों का सरकार लगातार ध्यान दें और इस में कोई बाधा ना उत्पन्न होने पाए.

क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषक

उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्यकर्मियों के लिए बड़ा फैसला किया था. सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाया है. यह एक जुलाई 2021 से लागू होगा. कर्मचारियों के स्तर पर महंगाई भत्ता न मिलने की वजह से नाराजगी देखने को मिल रही थी. सरकार को इसका फीडबैक भी मिल रहा था. जिसके बाद सरकार ने उच्च स्तर पर फैसला करते हुए इसको लेकर आदेश जारी किया है.

मास्टरस्ट्रोक है महंगाई भत्ता देने का फैसला

प्रदेश में बड़ी संख्या में कर्मचारी हैं और 28 लाख कर्मचारी और पेंशनर इस आदेश से प्रभावित हो रहे थे. अब जब सरकार ने यहां बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता देने का आदेश किया है, तो स्वाभाविक रूप से इसका पॉलिटिकली माइलेज भी भारतीय जनता पार्टी को मिल सकता है. महंगाई भत्ता देने से लोगों को राहत देने का प्रयास किया गया है. उत्तर प्रदेश में कुछ महीने बाद चुनाव होने है. सत्ता पक्ष को इसका चुनावी लाभ मिल सकता है. फिलहाल महंगाई से परेशान लोगों को सहायता प्रदान की गई है.

लखनऊ: 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर योगी सरकार और बीजेपी संगठन हर स्तर पर काम कर रही है. प्रदेश के 28 लाख कर्मचारी और पेंशनरों की नाराजगी दूर करने को लेकर एक बड़ा मास्टर स्ट्रोक खेला गया है. सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनरों को बढ़ा हुआ मानदेय भत्ता देने का फैसला करके उनकी नाराजगी दूर करने की कोशिश की है. काफी समय से महंगाई के कारण लोग परेशान हैं और अब उन्हें किसी न किसी रूप से संतुष्ट करने की कोशिश की जा रही है. ऐसे में जो राज्य कर्मचारी हैं उन्हें संतुष्ट करने के लिए महंगाई भत्ता देने की बात कही गई है. देखना दिलचस्प होगा कि कर्मचारी सरकार की कवायद से संतुष्ट होते हैं या नहीं और इसका सियासी फायदा भाजपा को होता है या नहीं.

नाराजगी दूर करने की कोशिश

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 11 फीसद बड़ा महंगाई भत्ता व महंगाई राहत देने का आदेश जारी किया था. जिसके आदेश के बाद 1 जुलाई 21 से उत्तर प्रदेश के 16 लाख कर्मचारी व 12 लाख पेंशनरों को बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता दिया जाएगा. अब कर्मचारियों व पेंशनरों को 28 फीसद महंगाई भत्ता दिया जाएगा. भारतीय जनता पार्टी ने 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले हर स्तर पर कील कांटे दुरुस्त करने का काम किया है.

बीजेपी नेतृत्व को मिले फीडबैक के बाद यह बड़ा फैसला किया गया है. बीजेपी को यह फीडबैक लगातार मिल रहा था कि कर्मचारियों में काफी नाराजगी है. उनका जो महंगाई भत्ता है, वह नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में चुनाव में इसका नुकसान भी भारतीय जनता पार्टी को उठाना पड़ सकता है. यही कारण है कि बीजेपी नेतृत्व के निर्देश पर योगी आदित्यनाथ सरकार ने 1 जुलाई से बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता देने का बड़ा आदेश कर दिया है.

सूत्रों का दावा है कि बीजेपी नेतृत्व में कर्मचारियों की नाराजगी दूर करने को लेकर यह एक बड़ा मास्टर स्ट्रोक खेलने की कोशिश की है. पिछले काफी समय से महंगाई भत्ते को लेकर कर्मचारियों में नाराजगी देखने को मिल रही थी और यह नाराजगी चुनाव में भाजपा के लिए घातक सिद्ध हो जाए. इसको देखते हुए यह फैसला किया गया यह बड़ी बात है कि प्रदेश के 28 लाख कर्मचारी इससे प्रभावित हो रहे थे. ऐसे में स्वाभाविक रूप से इन्हें महंगाई भत्ता दिया गया है, तो नाराजगी दूर भी हो सकती है.

मास्टरस्ट्रोक है महंगाई भत्ता देने का फैसला

वहीं, कर्मचारी संगठनों की तरफ से कोविड-19 के दौरान जो महंगाई भत्ता नहीं दिया गया था उसे भी आने वाले समय में दिए जाने की मांग की जा रही है. कर्मचारी संगठनों की तरफ से महंगाई भत्ता दिए जाने के आदेश स्वागत किया गया है और सरकार की सराहना की गई है कि कर्मचारियों के हित को ध्यान में रखा गया. उत्तर प्रदेश सचिवालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष यादवेंद्र मिश्र ने कहा है कि सरकार ने कर्मचारियों के हित में फैसला किया है. सरकार से हमारी मांग है कि पिछले 18 महीने तक जो महंगाई भत्ता नहीं दिया गया था, वह भी आने वाले समय में दिया जाए और कर्मचारियों के हितों का सरकार लगातार ध्यान दें और इस में कोई बाधा ना उत्पन्न होने पाए.

क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषक

उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्यकर्मियों के लिए बड़ा फैसला किया था. सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाया है. यह एक जुलाई 2021 से लागू होगा. कर्मचारियों के स्तर पर महंगाई भत्ता न मिलने की वजह से नाराजगी देखने को मिल रही थी. सरकार को इसका फीडबैक भी मिल रहा था. जिसके बाद सरकार ने उच्च स्तर पर फैसला करते हुए इसको लेकर आदेश जारी किया है.

मास्टरस्ट्रोक है महंगाई भत्ता देने का फैसला

प्रदेश में बड़ी संख्या में कर्मचारी हैं और 28 लाख कर्मचारी और पेंशनर इस आदेश से प्रभावित हो रहे थे. अब जब सरकार ने यहां बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता देने का आदेश किया है, तो स्वाभाविक रूप से इसका पॉलिटिकली माइलेज भी भारतीय जनता पार्टी को मिल सकता है. महंगाई भत्ता देने से लोगों को राहत देने का प्रयास किया गया है. उत्तर प्रदेश में कुछ महीने बाद चुनाव होने है. सत्ता पक्ष को इसका चुनावी लाभ मिल सकता है. फिलहाल महंगाई से परेशान लोगों को सहायता प्रदान की गई है.

Last Updated : Aug 29, 2021, 5:09 PM IST
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