लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय से संबंद्ध डिग्री कॉलेजों (Lucknow university degree collage) के शिक्षकों ने मंगलवार को प्रदर्शन (Teachers protest in Lucknow) किया. शिक्षक बायोमेट्रिक हाजिरी का विरोध कर रहे हैं. विश्वविद्यालय के सरस्वती वाटिका पर धरना दे रहे शिक्षकों ने मांग की कि बायोमेट्रिक हाजिरी की अनिवार्यता समाप्त की जाए. इससे आर्थिक रूप से कमजोर छात्र-छात्राएं उच्च शिक्षा से वंचित हो जायेंगे.
उन्होंने कुलसचिव को मुख्यमंत्री व कुलाधिपति को संबोधित 42 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा. धरने को प्रदेश संगठन के उपाध्यक्ष डॉ. शिव प्रकाश यादव, हरदोई सीएसएन कॉलेज के डॉ. दीपक राय, आरएमपी, सीतापुर के डॉ. अजीत यादव, तेजगांव के डॉ. सतीश सिंह, डॉ. तिरमल सिंह, डॉ. सिद्धार्थ सिंह, डॉ. मुकेश मिश्र, प्रो. ज्योति काला ने संबोधित किया.
डिग्री कॉलेज शिक्षकों के धरने का नेतृत्व करते हुए लुआक्टा के अध्यक्ष डॉ. मनोज पांडे ने कहा कि उच्च शिक्षा के शिक्षकों की अनेकों मांग एवं समस्याएं शासन एवं निदेशालय और विश्वविद्यालय स्तर पर लम्बित हैं. इसके रहने के विरोध में अशासकीय अनुदानित महाविद्यालय के प्रदेश भर के शिक्षक चरणबद्ध ढंग से 16 अगस्त से आंदोलनरत हैं. उन्होंने पुरानी पेंशन जल्द बहाल करने की मांग की. साथ ही कहा कि एमपी, उत्तराखंड आदि राज्यों की तरह यहां भी शिक्षकों की अधिवर्षता आयु 65 वर्ष की जाए.
उन्होंने कहा कि बायोमेट्रिक हाजिरी उच्च शिक्षा के नवाचार, शोध एवं नई शिक्षा नीति के उन्नयन में बाधक है, लिहाजा उसे तत्काल खत्म किया जाए. लविवि परीक्षा फंड का ऑडिट कराया जाए. डॉ. मनोज पांडे और महामंत्री अंशुकेडिया ने कहा कि लविवि का परीक्षा फंड का दुरूपयोग हो रहा है. बड़े पैमाने पर अनापशनाप खर्च होता है. छात्रों के पैसों का गोपनीयता का फायदा उठाते हुए निजी कंप्यूटर एजेंसियों को मनमाना भुगतान हो रहा है. लिहाजा लविवि के परीक्षा फंड का ऑडिट कराया जाए. उन्होंने मांग की कि लखनऊ विश्वविद्यालय के केंद्रीयकृत प्रवेश के नाम पर प्रति विषय 50,000 रुपये की वसूली बन्द की जाए. परीक्षा शुल्क महाविद्यालयों में 10 फीसदी रोककर विश्वविद्यालय में जमा कराया जाए.
शिक्षकों के साथ अराजक तत्वों जैसा हुआ व्यवहार: शिक्षक धरने के बाद कुलपति आलोक कुमार राय को ज्ञापन सौंपने कुल सचिव भवन पहुंचे, लेकिन उन्हें भवन के अन्दर जाने नहीं दिया गया. सुरक्षा कर्मियों ने गेट का चैनल बंद कर दिया. कुल सचिव डॉ. विनोद सिंह आए, तब चैनल खोला गया. इस पर कुछ शिक्षकों ने नाराजगी जताई. उनका कहना था कि क्या हम लोग अराजक है, जो गेट बंद कर दिया गया.