सहारनपुर: जिले में एक दोस्त ने ही दूसरे दोस्त से 33 लाख रुपए ठग लिए। तंत्र क्रिया के नाम पर दोस्त ने यह वारदात की. फिलहाल पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी दोस्त, फर्जी तांत्रिक सहित पूरी घटना में शामिल 7 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनसे पूछताछ की जा रही है, कि कहीं इन्होंने इसी तरह से दूसरों को भी तो अपना शिकार नहीं बनाया है.
घर में सोना दबा होने का लालच: जानकारी के मुताबिक, यह गैंग लोगों के घर में सोना दबा होने का लालच देता है. गिरोह लंबे समय से भोले-भाले लोगों को तंत्र-मंत्र और सोना निकालने का झांसा देकर ठगी करता रहा है. इस बार मामले का खुलासा तब सामने आया, जब खुद गैंग के सदस्यों के बीच धोखा हो गया. पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्तों में से मोनू उर्फ इरफान मुख्य साजिशकर्ता है. उसने सुनील, रुस्तम और बिट्टू के साथ मिलकर योजना बनाई।
हरियाणा के रहने वाले कैसे ठगा: पुलिस पूछताछ में पता चला कि मोनू ने हरियाणा निवासी वीरेंद्र दहिया और उनके साथी सोनू सैनी को यह विश्वास दिलाया कि उनके घर पर काला साया है. शुद्धिकरण के लिए तांत्रिक अनुष्ठान जरूरी है. इस अनुष्ठान में 33 लाख रुपए एक हांडी में लाल कपड़े में लपेटकर पीर पर चढ़ाने की सलाह दी. पीड़ितों को यकीन हो गया कि इस प्रक्रिया के बाद उनके घर से सोना निकलेगा.
योजना के तहत खारा पावर हाउस पर अनुष्ठान की तैयारी की गई. पैसे रखवाने के बाद तांत्रिक ने वहां से भागने की योजना बना ली. मोनू और उसके साथियों ने पहले से सब कुछ तय कर रखा था. वे मौके से 33 लाख रुपए लेकर भाग गए. घटना की सूचना थाना मिर्जापुर पुलिस को दी गई.
पुलिस ने मामला दर्ज कर तत्काल कार्रवाई शुरू की. एसपी देहात सागर जैन के निर्देशन में दो टीमों का गठन किया गया. जब मामले की जांच की गई तो यह खुलासा हुआ कि सोनू सैनी, जो इस मामले में शिकायतकर्ता था, खुद इस ठगी में शामिल है.
हरियाणा पहुंची पुलिस की टीम: मामले की तह तक जाने के लिए पुलिस की टीमें हरियाणा रवाना हुईं। अभियुक्तों की निशानदेही पर पुलिस ने 33 लाख रुपS की पूरी रकम बरामद कर ली। पुलिस ने बताया कि इस ठगी के गिरोह में शामिल सात अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है। इन अभियुक्तों में मुख्य तांत्रिक सलीम और उसका बेटा शामिल है, जो देहरादून के सेलाकुई इलाके के रहने वाले हैं।
नकली सोना बताकर करते रहे हैं ठगी: गिरफ्तार ठगों ने बताया कि लोगों को तंत्र-मंत्र के नाम पर फंसाकर नकली सोने को असली बताकर ठगी की जाती है. हम लोग बलि और जकात के नाम पर बड़ी रकम ऐंठते हैं. काम हो जाने के बाद यह रकम आपस में बांट लेते हैं. इस बार भी यही योजना थी, लेकिन मोनू ने अपने साथियों को धोखा देकर खुद अधिक रकम हड़पने की कोशिश की. इसके बाद गिरोह के अन्य सदस्यों ने पुलिस को फर्जी कहानी सुनाई. पुलिस ने जांच में सच्चाई का पता लगाते हुए सभी अभियुक्तों को पकड़ लिया.