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यूपी में धार्मिक स्थल रजिस्ट्रेशन एवं रेगुलेशन अध्यादेश लाने पर बोले मुस्लिम धर्म गुरु - धार्मिक स्थल रजिस्ट्रेशन एवं रेगुलेशन

यूपी सरकार के धार्मिक स्थल रजिस्ट्रेशन एवं रेगुलेशन अध्यादेश लाने की तैयारियों पर मुस्लिम धर्मगुरु और दारुल उलूम फरंगी महल के प्रवक्ता मौलाना सुफियान निजामी का बयान सामने आया है. यूपी सरकार मंदिरों, मस्जिदों और दूसरे धार्मिक स्थलों के संचालन के लिए नियम-कायदे तय करने की कवायद कर रही है. उसी सिलसिले में गाइडलाइंस बनाने का काम चल रहा है.

दारुल उलूम फरंगी महल के प्रवक्ता मौलाना सुफियान निजामी
दारुल उलूम फरंगी महल के प्रवक्ता मौलाना सुफियान निजामी
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Published : Dec 30, 2020, 1:17 PM IST

लखनऊ: यूपी के धार्मिक स्थलों के रजिस्ट्रेशन और संचालन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार तैयारी कर रही है. यूपी सरकार मंदिर, मस्जिदों और दूसरे धार्मिक स्थलों के संचालन के लिए नियम का खाका तैयार करने की कवायद कर रही है, जिस पर दारुल उलूम फरंगी महल के प्रवक्ता मौलाना सुफियान निजामी का भी बयान सामने आया है.

जानकारी देते दारुल उलूम फरंगी महल के प्रवक्ता मौलाना सुफियान निजामी
जानिए पूरी खबर

सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश के धार्मिक स्थलों की गतिविधियों को सहज एवं सुचारु संचालन के लिए विभाग में निदेशालय गठित करने की बात चल रही है. योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश के धार्मिक स्थलों के संचालन के लिए नियम कायदे कानून तय करने की कवायद शुरू कर दी है, जिस पर मुस्लिम धर्मगुरु और दारुल उलूम फिरंगी महल के प्रवक्ता मौलाना सुफियान निजामी का बयान सामने आया है. हाल ही में मंत्रिमंडल की बैठक में निदेशालय गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी. अब धार्मिक स्थलों के रजिस्ट्रेशन और रेगुलेशन के लिए सरकार अध्यादेश लाने की तैयारी कर रही है.

मौलाना सुफियान निजामी का कहना है कि सेक्युलर मुल्क के अंदर सरकारों को मजहबी कामकाज में दखल नहीं देना चाहिए. मौलाना सुफियान ने कहा कि उत्तर प्रदेश की तमाम मस्जिद सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के नियम कायदे कानून के अधीन चलती हैं, लेकिन अगर कोई नया ऐसा कानून बनता है जिसको मस्जिदों को चलाने के लिए दुश्वारी पैदा होती है तो नए एक्ट की ज़रूरत नहीं है. क्योंकि जितनी भी मस्जिद और मज़ारे हैं वह सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और सेंट्रल वक़्फ़ एक्ट के तहत चल रही हैं. मौलाना सुफियान निजामी ने कहा कि अगर कोई ऐसा नया एक्ट लाया जाता है जो सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की ख़िलाफ़ वर्ज़ी नहीं करता है तो उसको कुबूल किया जा सकता है.

लखनऊ: यूपी के धार्मिक स्थलों के रजिस्ट्रेशन और संचालन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार तैयारी कर रही है. यूपी सरकार मंदिर, मस्जिदों और दूसरे धार्मिक स्थलों के संचालन के लिए नियम का खाका तैयार करने की कवायद कर रही है, जिस पर दारुल उलूम फरंगी महल के प्रवक्ता मौलाना सुफियान निजामी का भी बयान सामने आया है.

जानकारी देते दारुल उलूम फरंगी महल के प्रवक्ता मौलाना सुफियान निजामी
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सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश के धार्मिक स्थलों की गतिविधियों को सहज एवं सुचारु संचालन के लिए विभाग में निदेशालय गठित करने की बात चल रही है. योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश के धार्मिक स्थलों के संचालन के लिए नियम कायदे कानून तय करने की कवायद शुरू कर दी है, जिस पर मुस्लिम धर्मगुरु और दारुल उलूम फिरंगी महल के प्रवक्ता मौलाना सुफियान निजामी का बयान सामने आया है. हाल ही में मंत्रिमंडल की बैठक में निदेशालय गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी. अब धार्मिक स्थलों के रजिस्ट्रेशन और रेगुलेशन के लिए सरकार अध्यादेश लाने की तैयारी कर रही है.

मौलाना सुफियान निजामी का कहना है कि सेक्युलर मुल्क के अंदर सरकारों को मजहबी कामकाज में दखल नहीं देना चाहिए. मौलाना सुफियान ने कहा कि उत्तर प्रदेश की तमाम मस्जिद सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के नियम कायदे कानून के अधीन चलती हैं, लेकिन अगर कोई नया ऐसा कानून बनता है जिसको मस्जिदों को चलाने के लिए दुश्वारी पैदा होती है तो नए एक्ट की ज़रूरत नहीं है. क्योंकि जितनी भी मस्जिद और मज़ारे हैं वह सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और सेंट्रल वक़्फ़ एक्ट के तहत चल रही हैं. मौलाना सुफियान निजामी ने कहा कि अगर कोई ऐसा नया एक्ट लाया जाता है जो सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की ख़िलाफ़ वर्ज़ी नहीं करता है तो उसको कुबूल किया जा सकता है.

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