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लखनऊ: जानिए एपी मिश्रा का यूपीपीसीएल में इंजीनियर से एमडी तक का सफर - epf scam

यूपीपीसीएल के पूर्व एमडी एपी मिश्रा हजारों करोड़ के पीएफ घोटाले में आरोपी हैं. उन्होंने बिजली विभाग में एक इंजीनियर के पद से करियर शुरू की थी. इसके बाद सपा सरकार में उन्हें पॉवर कॉरपोरेशन का एमडी बनाया गया.

पूर्व एमडी एपी मिश्रा (फाइल फोटो).
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Published : Nov 7, 2019, 10:50 AM IST

लखनऊ: बिजली विभाग में एक इंजीनियर से करियर शुरू करने वाले एपी मिश्रा दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की की रफ्तार से आगे बढ़े और विभाग के शिखर तक पहुंच गए. पॉवर कारपोरेशन के पूर्व एमडी एपी मिश्रा पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की आंखों के तारे माने जाते रहे हैं. एक उपखंड अधिकारी के तौर पर बिजली विभाग में एपी मिश्रा की पहली तैनाती हुई थी. इसके बाद सपा सरकार में ही पॉवर कॉरपोरेशन के एमडी रहते नियम खिलाफ जाकर उनके कार्यकाल को सेवा विस्तार तक दिया गया.

जानिए एमडी मिश्रा के बारे में.


जानें पूर्व एमडी एपी मिश्रा के करियर सफर के बारे में
पॉवर कॉरपोरेशन के तत्कालीन प्रबंध निदेशक रहे अयोध्या प्रसाद मिश्रा इन दिनों बिजली विभाग के हजारों करोड़ के पीएफ घोटाले में आरोपी हैं. आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा उनसे पूछताछ कर रही है. उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. बिजली विभाग में एक छोटे पद से करियर की शुरुआत करने वाले एपी मिश्रा 2012 में प्रदेश में सपा की सरकार में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के एमडी बने. 2015 तक पूर्वांचल और मध्यांचल के प्रबंध निदेशक रहे. इसके बाद उनका पद और बढ़ गया. उन्हें मध्यांचल एमडी से सीधे पॉवर कॉरपोरेशन का प्रबंध निदेशक बना दिया गया. इसके बाद तत्कालीन सपा सरकार ने नियमों को दरकिनार कर उन्हें कई बार सेवा विस्तार दिया.

इसे भी पढ़ें:- UPPCL में PF घोटाला: यूपीपीसीएल के पूर्व एमडी एपी मिश्रा सहित अब तक 3 गिरफ्तार

बिजली बिलिंग घोटाले में थे आरोपी
सपा सरकार में प्रदेश में 5 अरब का बिजली बिलिंग घोटाला हुआ. एपी मिश्रा पर भी घोटाले के आरोप लगे, लेकिन बच निकले. तमाम कंपनियों को भी शह देने के आरोप एपी मिश्रा पर लगते रहे, लेकिन वह बच निकलते रहे. 2017 में जब प्रदेश में भाजपा सत्ता में आई, तो एपी मिश्रा ने आनन-फानन में इस्तीफा दे दिया. कई ब्लैक लिस्टेड कंपनियों को भी एमडी रहते उन्होंने महत्त्व दिया. यहां तक कि उन पर ये भी आरोप लगे हैं कि रिश्तेदारों की तमाम कंपनियों को भी उन्होंने बिजली विभाग में काम दिया है, लेकिन ये आरोप कभी साबित नहीं हो पाए.

लखनऊ: बिजली विभाग में एक इंजीनियर से करियर शुरू करने वाले एपी मिश्रा दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की की रफ्तार से आगे बढ़े और विभाग के शिखर तक पहुंच गए. पॉवर कारपोरेशन के पूर्व एमडी एपी मिश्रा पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की आंखों के तारे माने जाते रहे हैं. एक उपखंड अधिकारी के तौर पर बिजली विभाग में एपी मिश्रा की पहली तैनाती हुई थी. इसके बाद सपा सरकार में ही पॉवर कॉरपोरेशन के एमडी रहते नियम खिलाफ जाकर उनके कार्यकाल को सेवा विस्तार तक दिया गया.

जानिए एमडी मिश्रा के बारे में.


जानें पूर्व एमडी एपी मिश्रा के करियर सफर के बारे में
पॉवर कॉरपोरेशन के तत्कालीन प्रबंध निदेशक रहे अयोध्या प्रसाद मिश्रा इन दिनों बिजली विभाग के हजारों करोड़ के पीएफ घोटाले में आरोपी हैं. आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा उनसे पूछताछ कर रही है. उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. बिजली विभाग में एक छोटे पद से करियर की शुरुआत करने वाले एपी मिश्रा 2012 में प्रदेश में सपा की सरकार में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के एमडी बने. 2015 तक पूर्वांचल और मध्यांचल के प्रबंध निदेशक रहे. इसके बाद उनका पद और बढ़ गया. उन्हें मध्यांचल एमडी से सीधे पॉवर कॉरपोरेशन का प्रबंध निदेशक बना दिया गया. इसके बाद तत्कालीन सपा सरकार ने नियमों को दरकिनार कर उन्हें कई बार सेवा विस्तार दिया.

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बिजली बिलिंग घोटाले में थे आरोपी
सपा सरकार में प्रदेश में 5 अरब का बिजली बिलिंग घोटाला हुआ. एपी मिश्रा पर भी घोटाले के आरोप लगे, लेकिन बच निकले. तमाम कंपनियों को भी शह देने के आरोप एपी मिश्रा पर लगते रहे, लेकिन वह बच निकलते रहे. 2017 में जब प्रदेश में भाजपा सत्ता में आई, तो एपी मिश्रा ने आनन-फानन में इस्तीफा दे दिया. कई ब्लैक लिस्टेड कंपनियों को भी एमडी रहते उन्होंने महत्त्व दिया. यहां तक कि उन पर ये भी आरोप लगे हैं कि रिश्तेदारों की तमाम कंपनियों को भी उन्होंने बिजली विभाग में काम दिया है, लेकिन ये आरोप कभी साबित नहीं हो पाए.

Intro:अखिलेश यादव की मेहरबानी से बढ़ता गया एपी मिश्रा का रसूख, एक इंजीनियर से एमडी बनने तक की कहानी

नोट: कृपया तत्कालीन एमडी पावर कारपोरेशन एपी मिश्रा की फोटो पैकेज में शामिल कर लें। सहृदय धन्यवाद।


लखनऊ। बिजली विभाग में एक इंजीनियर से करियर का आगाज करने वाले एपी मिश्रा दिन दूनी रात चौगुनी रफ्तार से आगे बढ़े और विभाग के शिखर तक पहुंचे। इसमें भी कोई संदेह नहीं कि यहां तक पहुंचने में उन पर सपा सरकार की मेहरबानी रही। हम बात कर रहे हैं पावर कारपोरेशन के तत्कालीन एमडी एपी मिश्रा की। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की आंखों के तारे माने जाते रहे हैं एपी मिश्रा। एक उपखंड अधिकारी के तौर पर बिजली विभाग में एपी मिश्रा की पहली तैनाती हुई थी। इसके बाद वे सपा सरकार के इतने प्यारे हुए कि पावर कारपोरेशन के एमडी रहते नियम विरुद्ध जाकर उनके कार्यकाल को सेवा विस्तार तक दिया गया।


Body:पावर कारपोरेशन के तत्कालीन प्रबंध निदेशक रहे अयोध्या प्रसाद मिश्रा इन दिनों बिजली विभाग के हजारों करोड़ के पीएफ घोटाले में आरोपी हैं और आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा उनसे पूछताछ कर रही है। उनकी गिरफ्तारी हो गई है। बिजली विभाग में एक छोटे स्तर के पद से शुरुआत करने वाले एपी मिश्रा जब 2012 में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार आई तो पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के एमडी बने और 2015 तक पूर्वांचल और मध्यांचल के प्रबंध निदेशक रहे। इसके बाद उनका कद और बढ़ गया। उन्हें मध्यांचल एमडी से सीधे पावर कारपोरेशन का प्रबंध निदेशक बना दिया गया। इसके बाद तत्कालीन सपा सरकार ने नियमों को दरकिनार कर उन्हें कई बार सेवा विस्तार दिया। सपा सरकार में एपी मिश्रा की पहुंच का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि प्रदेश में 5 अरब का बिजली बिलिंग घोटाला हुआ और एपी मिश्रा पर भी घोटाले के आरोप लगे लेकिन वे साफ तौर पर बच निकले। तमाम कंपनियों को भी शह देने के आरोप एपी मिश्रा पर लगते रहे, लेकिन उन पर सपा सरकार रहते कोई असर नहीं पड़ा। 2017 में जब उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार सत्ता में वापसी नहीं कर पाई और भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आ गई तो एपी मिश्रा ने आनन-फानन में इस्तीफा दे दिया। एपी मिश्रा के एमडी रहते बिजली विभाग के तमाम अधिकारी भी उनसे परेशान रहे, लेकिन कभी खुलकर कुछ भी नहीं बोल पाए क्योंकि एपी मिश्रा के संबंध सीधे सरकार थे। ऐसे में अगर पीड़ित अधिकारी सरकार से भी गुहार लगाते तो उनकी सुनवाई कहीं भी नहीं होती उल्टा उन्हीं पर कार्रवाई हो जाती। डर- डरकर अधिकारी बिजली विभाग में एपी मिश्रा के एमडी रहते काम करते रहे। कई ब्लैक लिस्टेड कंपनियों को भी एमडी रहते उन्होंने महत्त्व दिया। यहां तक कि उन पर ये भी आरोप लगे कि रिश्तेदारों की तमाम कंपनियों को भी उन्होंने बिजली विभाग में काम दिया है, लेकिन कोई भी आरोप इसलिए एपी मिश्रा को प्रभावित नहीं कर पाए क्योंकि उन पर सपा सरकार की छत्रछाया थी।


Conclusion:सपा सरकार में 5 अरब के बिजली बिलिंग घोटाले में भी साफ बच निकले तत्कालीन एमडी एपी मिश्रा अब हाल ही में यूपीपीसीएल के हजारों करोड़ के पीएफ घोटाले में आरोपी हैं और इस समय प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार होने के बजाय भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, ऐसे में क्या बिलिंग घोटाले की तरह पीएफ घोटाले में भी वे पाक साफ साबित होंगे या फिर इस बार सत्ता परिवर्तन का असर उन पर पड़ेगा, यह देखने वाली बात होगी।

अखिल पांडेय, लखनऊ, 93368 64096
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