लखनऊ: बिजली विभाग में एक इंजीनियर से करियर शुरू करने वाले एपी मिश्रा दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की की रफ्तार से आगे बढ़े और विभाग के शिखर तक पहुंच गए. पॉवर कारपोरेशन के पूर्व एमडी एपी मिश्रा पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की आंखों के तारे माने जाते रहे हैं. एक उपखंड अधिकारी के तौर पर बिजली विभाग में एपी मिश्रा की पहली तैनाती हुई थी. इसके बाद सपा सरकार में ही पॉवर कॉरपोरेशन के एमडी रहते नियम खिलाफ जाकर उनके कार्यकाल को सेवा विस्तार तक दिया गया.
जानें पूर्व एमडी एपी मिश्रा के करियर सफर के बारे में
पॉवर कॉरपोरेशन के तत्कालीन प्रबंध निदेशक रहे अयोध्या प्रसाद मिश्रा इन दिनों बिजली विभाग के हजारों करोड़ के पीएफ घोटाले में आरोपी हैं. आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा उनसे पूछताछ कर रही है. उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. बिजली विभाग में एक छोटे पद से करियर की शुरुआत करने वाले एपी मिश्रा 2012 में प्रदेश में सपा की सरकार में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के एमडी बने. 2015 तक पूर्वांचल और मध्यांचल के प्रबंध निदेशक रहे. इसके बाद उनका पद और बढ़ गया. उन्हें मध्यांचल एमडी से सीधे पॉवर कॉरपोरेशन का प्रबंध निदेशक बना दिया गया. इसके बाद तत्कालीन सपा सरकार ने नियमों को दरकिनार कर उन्हें कई बार सेवा विस्तार दिया.
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बिजली बिलिंग घोटाले में थे आरोपी
सपा सरकार में प्रदेश में 5 अरब का बिजली बिलिंग घोटाला हुआ. एपी मिश्रा पर भी घोटाले के आरोप लगे, लेकिन बच निकले. तमाम कंपनियों को भी शह देने के आरोप एपी मिश्रा पर लगते रहे, लेकिन वह बच निकलते रहे. 2017 में जब प्रदेश में भाजपा सत्ता में आई, तो एपी मिश्रा ने आनन-फानन में इस्तीफा दे दिया. कई ब्लैक लिस्टेड कंपनियों को भी एमडी रहते उन्होंने महत्त्व दिया. यहां तक कि उन पर ये भी आरोप लगे हैं कि रिश्तेदारों की तमाम कंपनियों को भी उन्होंने बिजली विभाग में काम दिया है, लेकिन ये आरोप कभी साबित नहीं हो पाए.