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यूपी के वन विभाग में वर्षों तक राज करने वाली ममता संजीव दुबे ने कर दिया तबादला घोटाला, शासन ने लगाई रोक - क्षेत्रीय वनाधिकारियों के तबादले

वन विभागाध्यक्ष ने सेवानिवृत्ति से तीन दिन पहले एक साथ 90 से अधिक क्षेत्रीय वनाधिकारियों (रेंजरों) के तबादले कर दिए. मामला शासन तक पहुंचने के बाद उत्तर प्रदेश के वन मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना के हस्तक्षेप के बाद तबदले निरस्त कर दिए गए हैं.

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Published : Jul 31, 2023, 2:29 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के वन विभाग में वर्षों तक विभागाध्यक्ष के तौर पर राज करने वाली ममता संजीव दुबे ने अपनी सेवानिवृत्ति से तीन दिन पहले बड़ा खेल कर दिया. एक साथ 90 से अधिक वन अधिकारियों का तबादला करके उनको मनचाही पोस्टिंग दे दी. उनकी इस मनमानी की जानकारी जब सरकार तक पहुंची तो राज्य के वन मंत्री ने सभी तबादलों पर रोक लगा दी है. इस आशय का आदेश अपर मुख्य सचिव वन मनोज कुमार सिंह की ओर से जारी किया गया.

ममता संजीव दुबे का कारनामा.
ममता संजीव दुबे का कारनामा.

अपर मुख्य सचिव, वन मनोज कुमार सिंह ने विभागाध्यक्ष के स्तर से विगत 15 दिनों में रेंजरों के किए गए सभी स्थानांतरण तत्काल प्रभाव निरस्त करने का आदेश जारी किया गया है. तबादलों पर न ही शासन का पूर्व अनुमोदन लिया गया और न ही इसकी प्रतिलिपि मुहैया कराई गई है. इस तरह पौधरोपण सत्र के मध्य में ये स्थानांतरण संदेह के घेरे में आ जाते हैं.

ममता संजीव दुबे का कारनामा.
ममता संजीव दुबे का कारनामा.
वन विभागाध्यक्ष ममता संजीव दुबे ने सेवानिवृत्ति से तीन दिन पहले 90 से ज्यादा क्षेत्रीय वनाधिकारियों (रेंजरों) के तबादले कर दिए. बताया जा रहा है कि इसमें विभागीय मंत्री को भी विश्वास में नहीं लिया गया. मंत्री की नाराजगी के बाद शासन ने सभी तबादले निरस्त कर दिए हैं. शासन ने विभागाध्यक्ष के रवैये को मनमाना व विभागीय हितों के प्रतिकूल बताते हुए जांच के आदेश दिए हैं. वन मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने पहले यह मामला सरकार में उच्च स्तर पर उठाया. उच्च स्तर से हरी झंडी मिलने पर वन मंत्री ने अपर मुख्य सचिव, वन एवं पर्यावरण को पत्र लिखा कि तबादला आदेश बिना मेरी अनुमति, अनुमोदन व विचार-विमर्श किए जारी किए गए.




यह भी पढ़ें : UP Weather : छिटपुट बारिश ने बढ़ाई उमस भरी गर्मी, कई इलाकों में बारिश का अलर्ट

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के वन विभाग में वर्षों तक विभागाध्यक्ष के तौर पर राज करने वाली ममता संजीव दुबे ने अपनी सेवानिवृत्ति से तीन दिन पहले बड़ा खेल कर दिया. एक साथ 90 से अधिक वन अधिकारियों का तबादला करके उनको मनचाही पोस्टिंग दे दी. उनकी इस मनमानी की जानकारी जब सरकार तक पहुंची तो राज्य के वन मंत्री ने सभी तबादलों पर रोक लगा दी है. इस आशय का आदेश अपर मुख्य सचिव वन मनोज कुमार सिंह की ओर से जारी किया गया.

ममता संजीव दुबे का कारनामा.
ममता संजीव दुबे का कारनामा.

अपर मुख्य सचिव, वन मनोज कुमार सिंह ने विभागाध्यक्ष के स्तर से विगत 15 दिनों में रेंजरों के किए गए सभी स्थानांतरण तत्काल प्रभाव निरस्त करने का आदेश जारी किया गया है. तबादलों पर न ही शासन का पूर्व अनुमोदन लिया गया और न ही इसकी प्रतिलिपि मुहैया कराई गई है. इस तरह पौधरोपण सत्र के मध्य में ये स्थानांतरण संदेह के घेरे में आ जाते हैं.

ममता संजीव दुबे का कारनामा.
ममता संजीव दुबे का कारनामा.
वन विभागाध्यक्ष ममता संजीव दुबे ने सेवानिवृत्ति से तीन दिन पहले 90 से ज्यादा क्षेत्रीय वनाधिकारियों (रेंजरों) के तबादले कर दिए. बताया जा रहा है कि इसमें विभागीय मंत्री को भी विश्वास में नहीं लिया गया. मंत्री की नाराजगी के बाद शासन ने सभी तबादले निरस्त कर दिए हैं. शासन ने विभागाध्यक्ष के रवैये को मनमाना व विभागीय हितों के प्रतिकूल बताते हुए जांच के आदेश दिए हैं. वन मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने पहले यह मामला सरकार में उच्च स्तर पर उठाया. उच्च स्तर से हरी झंडी मिलने पर वन मंत्री ने अपर मुख्य सचिव, वन एवं पर्यावरण को पत्र लिखा कि तबादला आदेश बिना मेरी अनुमति, अनुमोदन व विचार-विमर्श किए जारी किए गए.




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