लखनऊ: राजधानी के लोहिया संस्थान में डॉक्टरों की आपसी कलह लगातार बढ़ती जा रही है. दरअसल इसकी वजह बीते दिनों मुख्यमंत्री के निरीक्षण के दौरान चार उपस्थित डॉक्टरों को अनुपस्थित दिखाया जाना है, जिसकी वजह से मामला गर्माता जा रहा है. इस मामले में से तीन डॉक्टरों ने निदेशक को उपस्थिति पंजिका, वीडियो फुटेज सौंपे हैं.
लोहिया संस्थान में सीनियर और जूनियर डॉक्टरों के बीच तकरार की नौबत आ गई है. जूनियर और सीनियर डॉक्टरों के बीच चल रहा विवाद इस कदर पहुंच गया है कि मुख्यमंत्री और प्रमुख सचिव के निरीक्षण के वक्त उपस्थिति होने के बाद भी उनकी रिपोर्ट अनुपस्थिति में दर्ज करा दी गई. अनुपस्थिति दिखाए गए चारों डॉक्टरों से स्पष्टीकरण मांगा गया तो उन्होंने उपस्थिति पंजिका सहित वीडियो फुटेज निदेशक को सौंप दिए.
दरअसल बीते दिनों राजधानी लखनऊ के लोहिया संस्थान में 27 मई को मुख्यमंत्री और 28 को प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा और औचक निरीक्षण किया था. इस दौरान कई डॉक्टरों को अनुपस्थिति बता दिया गया. ऐसे में शासन की ओर से दो एसोसिएट प्रोफेसर और दो असिस्टेंट प्रोफेसर को नोटिस जारी कर दी गई. यह नोटिस संस्थान पहुंची तो यहां हलचल मच गई. इस मामले को लेकर के इस विभाग के अलावा दूसरे संकाय सदस्य भी लामबंद हो गए.
इसे करियर के साथ खिलवाड़ करने की संज्ञा देते हुए संकाय सदस्यों ने निदेशक से शिकायत की. अनुपस्थिति बताई गई एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर ने खुद के उपस्थित होने का प्रमाण तक दिया. निदेशक प्रोफेसर एके त्रिपाठी को तीनों ने अपनी उपस्थिति की कॉपी ड्यूटी रोस्टर और वीडियो फुटेज भी दिए हैं.
इसमें बताया गया है कि एक डॉक्टर वेंटिलेटर पर था तो वहीं दूसरी ट्रेनिंग दे रही थी और तीसरी टेलीमेडिसिन विभाग में कार्यरत थी. एक डॉक्टर दूसरी शिफ्ट में थी. ऐसे में उन्होंने रोस्टर ड्यूटी का चार्ट सौंपा है. हालांकि यह रिपोर्ट सौंपने के बाद अब लोहीया संस्थान प्रशासन में पूरी तरह से हड़कंप मचा हुआ है और यह पूरा मामला सामने आने के बाद लोहिया संस्थान में सब कुछ ठीक चल रहा है या कहना सही नहीं होगा.
जब इस पूरे मामले पर हमने लोहिया संस्थान के निदेशक डॉ. ए. के. त्रिपाठी से बातचीत करी तो उन्होंने बताया कि मामला संज्ञान में उपस्थित रहने वालों को अनुपस्थित दिखाया जाना गंभीर मामला है. सभी ने अपने सबूत दिए हैं. पूरे मामले की जांच की जा रही है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.