तिरुवनंतपुरम: केरल में एक युवकी की हत्या के मामले में अदालत ने दोषी गर्लफ्रेंड को मौत की सजा सुनाई है. वहीं, अदालत ने कहा कि दोषी ने हत्या के अलावा अपहरण, सबूत नष्ट करने समेत कई संगीन अपराध किए. न्यायालय ने अपहरण के लिए 10 साल की जेल और जांच दल को गुमराह करने के लिए 5 साल की जेल और 2 लाख रुपये जुर्माने भी ठोंका है.
नेय्याट्टिनकारा अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने यह सजा सुनाई. अदालत ने इस मामले को दुर्लभतम बताया और कहा कि युवती की उम्र को उसकी सजा में कमी लाने वाला कारक नहीं माना जा सकता. आरोपी युवती के चाचा को सबूत नष्ट करने का दोषी ठहराया गया और तीन साल की जेल की सजा सुनाई गई. हालांकि, अदालत ने आरोपी की मां को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया. वह भी इस मामले में आरोपी थी.
पेश मामले में 14 अक्टूबर, 2022 को उसे घर पर बुलाया गया था, जहां आरोपी ने अपने प्रेमी को जहर मिला हुआ काढ़ा पिलाया था जिसके बाद युवक के अंग काम करना बंद कर दिया और फिर 25 अक्टूबर को उसकी मौत हो गई. युवक और युवती कई सालों से रिलेशनशिप में थे. इस दौरान युवती को एक और शादी का प्रस्ताव मिला, जिसे उसने स्वीकार कर लिया.
इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाने के लिए आरोपी युवती ने अपने प्रेमी के साथ अपने रिश्ते को खत्म करने और शेरोन को खत्म करने की योजना बनाई. प्रेमी को जहर देने की उसकी पहली कोशिश पैरासिटामोल को ड्रिंक में मिलाकर की गई थी. हालांकि युवत को तबियत खराब लगी, लेकिन वह उस दिन बच गया. जब पहला प्रयास विफल हो गया, तो आरोपी युवती ने काढ़े में कीटनाशक मिलाकर अपनी योजना को आगे बढ़ाया.
जहरीला मिश्रण पीने के बाद युवत बीमार पड़ गया और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. 11 दिनों के उपचार के बावजूद वह आंतरिक अंगों की विफलता के कारण दम तोड़ दिया और उसकी मृत्यु हो गई. पीडि़त युवक ने मजिस्ट्रेट को दिए गए अपने मृत्यु बयान में आरोपी प्रेमिका के खिलाफ कुछ भी उल्लेख नहीं किया. हालांकि, अभियोजन पक्ष ने उसके दोस्त और पिता के साथ हुई बातचीत का हवाला दिया. इसमें उसने युवती की धोखाधड़ी के बारे में बताया था. यह मामले में एक महत्वपूर्ण मोड़ बन गया.
वैज्ञानिक साक्ष्यों ने अभियोजन पक्ष के घटनाक्रम का समर्थन किया. पुलिस द्वारा पूछताछ किए जाने पर आरोपी युवती ने अपराध कबूल कर लिया था. उसकी मां और उसके चाचा को सबूत नष्ट करने के आरोप में मामले में फंसाया गया. युवती ने पुलिस हिरासत में आत्महत्या का प्रयास किया, जिसे आज अदालत ने जवाबदेही से बचने का एक नाटकीय प्रयास बताया. फिर भी उसे एक साल जेल में बिताने के बाद जमानत पर रिहा कर दिया गया.
केरल से बाहर मुकदमा चलाने की आरोपी की याचिका को हाईकोर्ट द्वारा खारिज किए जाने के बाद पुलिस ने 25 जनवरी, 2023 को मामले में आरोपपत्र दाखिल किया. मुकदमा 15 अक्टूबर, 2024 को शुरू हुआ और 3 जनवरी, 2025 को समाप्त हुआ. इसमें अदालत ने 95 गवाहों से पूछताछ की. 18 जनवरी, 2025 को अदालत ने पहली आरोपी युवती और उसके चाचा तीसरे आरोपी को दोषी पाया. युवती की मां, दूसरी आरोपी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया.