लखनऊः माफिया बहुजन समाज पार्टी के विधायक मुख्तार अंसारी के खिलाफ 10 गंभीर मुकदमों की सुनवाई प्रयागराज के एमपी/एलएलए कोर्ट में चल रही है. उत्तर प्रदेश सरकार इन सभी मुकदमों में मजबूत पैरवी कर रही है और प्रयास है कि इनका जल्दी से निपटारा हो. सरकार का प्रयास बाहुबली मुख्तार अंसारी को उसके गुनाहों की सख्त से सख्त सजा दिलाने का है. दस गंभीर केस में से एक डबल मर्डर का केस फाइनल स्टेज पर है. इसका ट्रायल लगभग पूरा हो चुका है और कभी भी फैसला आ सकता है. बाकी नौ मुकदमों में छह में इन दिनों गवाही के साथ ट्रायल चल रहा है. तीन में अभी कोर्ट ने आरोप तय नहीं किया है. दस मुकदमों में से चार गैंगस्टर एक्ट के हैं. चार में से तीन गाजीपुर तथा एक मऊ में दर्ज हैं. मुख्तार के खिलाफ हत्या और जानलेवा हमले का भी केस है.
मुख्तार के खिलाफ दर्ज बड़े केसः-
मऊ का ट्रिपल मर्डर केस
मुख्तार के खिलाफ सबसे बड़ा मुकदमा मऊ के दक्षिण टोला थाने में दर्ज डबल मर्डर केस का है. मऊ में वर्ष 2009 में ए कैटेगरी के बड़े ठेकेदार अजय प्रकाश सिंह उर्फ मन्ना की दिन दहाड़े बाइक सवार हमलावरों ने हत्या कर दी थी. इसमें एके-47 राइफल तथा नाइन एमएम पिस्टल का प्रयोग किया गया था. इस हत्या का आरोप बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी पर लगा था. इस मर्डर केस में मन्ना का मुनीम राम सिंह मौर्य चश्मदीद गवाह था. गवाह होने के चलते राम सिंह मौर्य को सतीश नाम का एक गनर भी दिया गया था. इस मर्डर के साल भर में ही आरटीओ ऑफिस के पास राम सिंह मौर्य और गनर सतीश को भी मौत के घाट उतार दिया गया था. इसमें भी मुख्तार अंसारी और उसके करीबियों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था. केस का ट्रायल अंतिम दौर में है. तीन-चार सुनवाई के बाद महीने-दो महीने बाद फैसला आ सकता है. मुख्तार पर जेल में रहते इस हत्याकांड की साजिश रचने का आरोप.
कांग्रेस नेता अजय राय के भाई की हत्या
वाराणसी का एक मुकदमा कांग्रेस के नेता अजय राय के भाई की हत्या से जुड़ा हुआ है. चेतगंज थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी. मुकदमा इस समय गवाही में चल रहा है. वाराणसी कोर्ट से इस केस की फाइलें स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट में नहीं आ सकी हैं. कांग्रेस नेता अजय राय इस मामले में वादी और गवाह दोनों हैं.
आजमगढ़ में हत्या
मुख्तार अंसारी पर तीसरा केस आजमगढ़ में हुई हत्या से जुड़ा हुआ है. इस मामले में भी हत्या और साजिश रचने का केस है. इसकी एफआईआर आजमगढ़ के तरवा थाने में दर्ज हुई थी. मुकदमा यूपी सरकार बनाम राजेंद्र पासी और अन्य के नाम से चल रहा है.
गाजीपुर में हत्या के प्रयास का केस
मुख्तार अंसारी के खिलाफ चौथा मुकदमा केस हत्या के प्रयास से जुड़ा हुआ है. केस गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में हत्या का प्रयास करने के तहत दर्ज हुआ था. इसकी प्रक्रिया 2010 से चल रही है. मुख्य आरोपी सोनू यादव केस से बरी हो चुका है. मुख्तार का मामला अभी ट्रायल की स्टेज पर है और काफी दिनों से सुनवाई रुकी हुई है.
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फर्जी शस्त्र लाइसेंस
मुख्तार अंसारी के खिलाफ पांचवा केस फर्जी शस्त्र लाइसेंस हासिल करने से जुड़ा है. केस गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में दर्ज हुआ था. इसमें मुख्तार अंसारी के खिलाफ दो केस दर्ज हैं. पहला तो धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा का है और का दूसरा आर्म्स एक्ट से जुड़ा हुआ है. इस केस में अभी मुख्तार पर अदालत से आरोप तय होना बाकी है.
धमकाने का मुकदमा
मुख्तार के खिलाफ छठा मुकदमा वाराणसी के भेलूपुर थाने में धमकी देने का है. मुकदमा साल 2012 से शुरू हुआ है. इसमें एफआईआर दर्ज है. अभी मुख्तार पर आरोप तय नहीं हैं.
एमपी/एमएलए कोर्ट में चार केस
मुख्तार के खिलाफ प्रयागराज की स्पेशल एमपी/एमएलए कोर्ट में गैंगस्टर एक्ट के चार केस हैं. चारों में आरोप पत्र दाखिल हो चुके हैं. चारों मामलों में मुख्तार पर आरोप भी तय हैं. चार में से तीन मामले गाजीपुर के थानों के हैं, जबकि चौथा मऊ जिले का है.
गैंगस्टर एक्ट का एक और केस
मुख्तार अंसारी के खिलाफ आठवां मामला भी गैंगस्टर का ही है. यह केस गाजीपुर के करांडा थाने में दर्ज है. इस मामले में आरोप तय हैं और ट्रायल बाकी है.
गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई
मुख्तार अंसारी के खिलाफ नौवां मामला भी गैंगस्टर एक्ट के तहत की कार्रवाई का ही है. इसमें गाजीपुर की मोहम्मदाबाद कोतवाली में केस दर्ज किया गया था. केस ट्रायल के लेवल पर है.
मऊ में गैंगस्टर एक्ट में केस
मुख्तार अंसारी के खिलाफ दसवां केस भी गैंगस्टर एक्ट का ही है. मऊ जिले के दक्षिण टोला थाने में केस दर्ज है. केस का ट्रायल 2010 में शुरू हुआ था. कोर्ट से मुख्तार पर आरोप तय हो चुके हैं.
सजा दिलाने का इंतजाम
प्रयागराज की एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट में मुख्तार अंसारी के मामलों में अभी तक मुख्तार के पंजाब जेल में होने के कारण इलाहाबाद की कोर्ट में पेश न होने से कानूनी पेचीदगियां सामने आ रही थीं. एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट में मुख्तार अंसारी के खिलाफ जो भी मामले हैं, उसमें उसे उम्र कैद से लेकर फांसी तक की सजा भी हो सकती है.
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