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सात वर्ष की बच्ची से दुष्कर्म के दोषी को उम्रकैद, 15 महीने में कोर्ट ने सुनाया फैसला

लखनऊ में पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश ने सात वर्ष की बच्ची से दुष्कर्म के दोषी को महज 15 महीने में सजा सुनाई है. कोर्ट ने दोषी को उम्रकैद और जुर्माने की सजा सुनाई है.

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Published : Mar 13, 2023, 10:35 PM IST

लखनऊः विवाह समारोह में अपने पिता के साथ गई सात साल की बच्ची के साथ दुराचार करने के दोषी शिवम सिंह को पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश विजेन्द्र त्रिपाठी ने उम्र कैद की सजा सुनाई है. कोर्ट ने इसके साथ ही दोषी पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई 15 महीने से भी कम समय में पूरी कर फैसला सुनाया है.


अदालत ने अपने निर्णय में कहा है कि अभियुक्त पर आरोपित अर्थदंड की धनराशि एक लाख रुपये में से दस हजार रुपये राजकोष में जमा किया जाएगा तथा. नब्बे हजार रुपये की धनराशि किसी राष्ट्रीय कृत बैंक में फिक्स डिपॉजिट की जाएगी. अदालत ने कहा कि फिक्स डिपाजिट की उक्त धनराशि पीड़िता के बालिग होने पर उसे ही प्राप्त होगी.

कोर्ट में अभियोजन की ओर से विशेष अधिवक्ता सुखेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि इस मामले की रिपोर्ट पीड़िता के पिता द्वारा 2 दिसंबर 2021 को थाना बंथरा में लिखाई गई थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि वादी अपने चाचा की लड़की की शादी में आया हुआ था तथा साथ में उसकी पत्नी और सात साल की बेटी भी थी. कहा गया था कि बारात आने के बाद उसकी बेटी अचानक लापता हो गई, जिसे काफी तालाश किया गया लेकिन वह नहीं मिली. इसी दौरान गांव के कुछ लोगों ने बताया कि बादे खेड़ा, बंथरा का रहने वाला शिवम सिंह बच्ची को बहला-फुसलाकर जंगल की ओर ले गया है. अदालत में पीड़िता ने बताया कि जंगल में ले जाकर आरोपी ने उसके साथ दुष्कर्म किया. पीड़िता ने बताया कि आरोपी ने उसे मारा-पीटा व जानमाल की धमकी भी दी. अदालत के समक्ष इस मामले में सात महत्वपूर्ण गवाह पेश किए गए थे.

इसे भी पढ़ें-High Court Lucknow : सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा 2019, हाईकोर्ट ने 69 हजार अभ्यर्थियों की चयन सूची पर पुनर्विचार के दिए आदेश

लखनऊः विवाह समारोह में अपने पिता के साथ गई सात साल की बच्ची के साथ दुराचार करने के दोषी शिवम सिंह को पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश विजेन्द्र त्रिपाठी ने उम्र कैद की सजा सुनाई है. कोर्ट ने इसके साथ ही दोषी पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई 15 महीने से भी कम समय में पूरी कर फैसला सुनाया है.


अदालत ने अपने निर्णय में कहा है कि अभियुक्त पर आरोपित अर्थदंड की धनराशि एक लाख रुपये में से दस हजार रुपये राजकोष में जमा किया जाएगा तथा. नब्बे हजार रुपये की धनराशि किसी राष्ट्रीय कृत बैंक में फिक्स डिपॉजिट की जाएगी. अदालत ने कहा कि फिक्स डिपाजिट की उक्त धनराशि पीड़िता के बालिग होने पर उसे ही प्राप्त होगी.

कोर्ट में अभियोजन की ओर से विशेष अधिवक्ता सुखेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि इस मामले की रिपोर्ट पीड़िता के पिता द्वारा 2 दिसंबर 2021 को थाना बंथरा में लिखाई गई थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि वादी अपने चाचा की लड़की की शादी में आया हुआ था तथा साथ में उसकी पत्नी और सात साल की बेटी भी थी. कहा गया था कि बारात आने के बाद उसकी बेटी अचानक लापता हो गई, जिसे काफी तालाश किया गया लेकिन वह नहीं मिली. इसी दौरान गांव के कुछ लोगों ने बताया कि बादे खेड़ा, बंथरा का रहने वाला शिवम सिंह बच्ची को बहला-फुसलाकर जंगल की ओर ले गया है. अदालत में पीड़िता ने बताया कि जंगल में ले जाकर आरोपी ने उसके साथ दुष्कर्म किया. पीड़िता ने बताया कि आरोपी ने उसे मारा-पीटा व जानमाल की धमकी भी दी. अदालत के समक्ष इस मामले में सात महत्वपूर्ण गवाह पेश किए गए थे.

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