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56 लाख में बिका ₹100 का भारतीय 'हज नोट', आखिर लोगों ने क्यों चुकाई इतनी मोटी रकम? - 100 RS HAJ NOTE SOLD AT AUCTION

नोट को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 1950 के दशक में जारी किया गया था. यह खास नोट भारतीय हज यात्रियों के लिए था.

100 RS HAJ NOTE SOLD AT AUCTION
100 रुपये के नोट का प्रतीकात्मक तस्वीर (getty images)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 7, 2025, 1:23 PM IST

हैदराबाद: लंदन में एक नीलामी हुई, और इस नीलामी में एक भारतीय नोट ने इतिहास रच दिया. नोट दिखने में तो ये एक साधारण सा 100 रुपये का नोट है, लेकिन इसकी कीमत जानकर आपके होश उड़ जाएंगे. नोट 56 लाख 49 हजार 650 रुपये में बिका. अब आप सोच रहे होंगे कि इस नोट में ऐसा क्या खास था? दरअसल, नीलामी में बिकने वाला नोट भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा 1950 के दशक में जारी किया गया था. लेकिन ये कोई साधारण नोट नहीं था.

दुर्लभ है यह नोट
इसे ‘हज नोट’ कहा जाता है. 20वीं सदी के मध्य में आरबीआई ने यह खास नोट उन भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए जारी किया था जो हज यात्रा के लिए खाड़ी देशों की यात्रा करते थे. इसका मकसद सोने की अवैध खरीद को रोकना था.

इन नोटों में नंबर से पहले एक खास प्रीफिक्स ‘HA’ लगा होता था, जिससे इन्हें पहचानना आसान था. ये नोट आम भारतीय नोटों से अलग रंग के होते थे. ये नोट कुछ खाड़ी देशों में मान्य थे, जैसे संयुक्त अरब अमीरात, कतर, बहरीन, कुवैत और ओमान, जहां भारतीय रुपया स्वीकार किया जाता था. हालांकि, ये नोट भारत में मान्य नहीं थे.

1961 में कुवैत ने अपनी मुद्रा शुरू की, और इसके बाद दूसरे खाड़ी देशों ने भी ऐसा ही किया. इससे 1970 के दशक में हज नोट जारी करना बंद कर दिया गया. आज ये नोट दुर्लभ माने जाते हैं, और मुद्रा संग्रहकों के बीच इनका बहुत महत्व है. इनकी क़ीमत इनकी स्थिति और दुर्लभता पर निर्भर करती है।

6.90 लाख रुपये में बिका 10 रुपये का 2 दुर्लभ नोट
और ये तो सिर्फ शुरुआत थी, उसी नीलामी में 10 रुपये के दो और पुराने नोट बिके. एक नोट 6 लाख 90 हज़ार रुपये में और दूसरा 5 लाख 80 हज़ार रुपये में बिका. इनका संबंध इतिहास से है. 25 मई 1918 को जारी किए गए इन नोटों का ऐतिहासिक महत्व बहुत ज़्यादा है, क्योंकि ये प्रथम विश्व युद्ध के आखिरी साल के हैं. इन नोटों का संबंध ब्रिटिश जहाज एसएस शिराला से भी है, जिसे 2 जुलाई 1918 को एक जर्मन यू-बोट ने टारपीडो से उड़ा दिया था. जहाज के मलबे और इसके इतिहास के चलते ये नोट बहुत खास हो जाते हैं.

यह भी पढ़ें- उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक से बेहतर होगी कनेक्टिविटी, पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा, जानें विशेषज्ञों की राय

हैदराबाद: लंदन में एक नीलामी हुई, और इस नीलामी में एक भारतीय नोट ने इतिहास रच दिया. नोट दिखने में तो ये एक साधारण सा 100 रुपये का नोट है, लेकिन इसकी कीमत जानकर आपके होश उड़ जाएंगे. नोट 56 लाख 49 हजार 650 रुपये में बिका. अब आप सोच रहे होंगे कि इस नोट में ऐसा क्या खास था? दरअसल, नीलामी में बिकने वाला नोट भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा 1950 के दशक में जारी किया गया था. लेकिन ये कोई साधारण नोट नहीं था.

दुर्लभ है यह नोट
इसे ‘हज नोट’ कहा जाता है. 20वीं सदी के मध्य में आरबीआई ने यह खास नोट उन भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए जारी किया था जो हज यात्रा के लिए खाड़ी देशों की यात्रा करते थे. इसका मकसद सोने की अवैध खरीद को रोकना था.

इन नोटों में नंबर से पहले एक खास प्रीफिक्स ‘HA’ लगा होता था, जिससे इन्हें पहचानना आसान था. ये नोट आम भारतीय नोटों से अलग रंग के होते थे. ये नोट कुछ खाड़ी देशों में मान्य थे, जैसे संयुक्त अरब अमीरात, कतर, बहरीन, कुवैत और ओमान, जहां भारतीय रुपया स्वीकार किया जाता था. हालांकि, ये नोट भारत में मान्य नहीं थे.

1961 में कुवैत ने अपनी मुद्रा शुरू की, और इसके बाद दूसरे खाड़ी देशों ने भी ऐसा ही किया. इससे 1970 के दशक में हज नोट जारी करना बंद कर दिया गया. आज ये नोट दुर्लभ माने जाते हैं, और मुद्रा संग्रहकों के बीच इनका बहुत महत्व है. इनकी क़ीमत इनकी स्थिति और दुर्लभता पर निर्भर करती है।

6.90 लाख रुपये में बिका 10 रुपये का 2 दुर्लभ नोट
और ये तो सिर्फ शुरुआत थी, उसी नीलामी में 10 रुपये के दो और पुराने नोट बिके. एक नोट 6 लाख 90 हज़ार रुपये में और दूसरा 5 लाख 80 हज़ार रुपये में बिका. इनका संबंध इतिहास से है. 25 मई 1918 को जारी किए गए इन नोटों का ऐतिहासिक महत्व बहुत ज़्यादा है, क्योंकि ये प्रथम विश्व युद्ध के आखिरी साल के हैं. इन नोटों का संबंध ब्रिटिश जहाज एसएस शिराला से भी है, जिसे 2 जुलाई 1918 को एक जर्मन यू-बोट ने टारपीडो से उड़ा दिया था. जहाज के मलबे और इसके इतिहास के चलते ये नोट बहुत खास हो जाते हैं.

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