लखनऊ: कोरोना संक्रमण के तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए उत्तर प्रदेश के सरकारी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में बच्चों के लौटने में समय लग सकता है. दरअसल, कोरोना संक्रमण के तीसरी लहर के संभावित खतरे को देखते हुए, इसके नियंत्रित होने के बाद ही बच्चों को स्कूल बुलाए जाने पर मंथन किया जा रहा है. अधिकारियों का कहना है कि अभी तक के अनुमान के अनुसार कोरोना की तीसरी लहर का असर बच्चों पर ज्यादा होने की बात सामने आ रही है. इसको देखते हुए स्कूलों को खोलना जोखिम भरा हो सकता है. उनकी माने तो इस संबंध में कोई भी फैसला लेने से पहले चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से भी परामर्श लिया जाएगा. शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने बताया कि अभी ऑनलाइन क्लासेस आगे भी चलाई जाएंगी.
परीक्षा हुई तो सभी विभागों की ली जाएगी अनुमति
यूपी बोर्ड और विश्वविद्यालय की परीक्षाओं को लेकर भी विभाग के स्तर पर मंथन चल रहा है. डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा का कहना है कि अगर परीक्षा होती है, तो गृह और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से भी सहयोग लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि केंद्रों पर पर्याप्त सुरक्षा बल के साथ मेडिकल की टीम भी तैनात होगी. ताकि, किसी शिक्षक कर्मचारी है छात्र के लक्षण दिखने पर तत्काल इलाज उपलब्ध कराया जा सके.
12वीं की परीक्षा के पक्ष में नहीं कई स्कूल
यूपी बोर्ड की 12वीं की परीक्षा कराई जाए या न कराई जाए, इसको लेकर लगातार मंथन किया जा रहा है. हालांकि मौजूदा हालातों को देखते हुए कई स्कूल फिलहाल परीक्षाओं कराने के पक्ष में नहीं है. उनका कहना है कि इससे हजारों छात्र-छात्राओं का भविष्य और स्वास्थ्य संकट में पड़ सकता है. वहीं कुछ स्कूलों की ओर से सेल्फ सेंटर की व्यवस्था करके एग्जाम कराने का भी सुझाव रखा गया है. इस पूरे मुद्दे पर प्रदेश सरकार फिलहाल केंद्र के रुख का इंतजार कर रही है.
कोरोना की तीसरी लहर शांत होने तक स्कूलों में ऑनलाइन चलेंगी क्लास
उत्तर प्रदेश के सरकारी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में बच्चों के लौटने में समय लग सकता है. दअसल, कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए इसके नियंत्रित होने के बाद ही बच्चों को स्कूल बुलाए जाने पर मंथन किया जा रहा है. तब तक ऑनलाइन क्लास के जरिए ही बच्चों की पढ़ाई कराए जाने की योजना बनाई जा रही है.
लखनऊ: कोरोना संक्रमण के तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए उत्तर प्रदेश के सरकारी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में बच्चों के लौटने में समय लग सकता है. दरअसल, कोरोना संक्रमण के तीसरी लहर के संभावित खतरे को देखते हुए, इसके नियंत्रित होने के बाद ही बच्चों को स्कूल बुलाए जाने पर मंथन किया जा रहा है. अधिकारियों का कहना है कि अभी तक के अनुमान के अनुसार कोरोना की तीसरी लहर का असर बच्चों पर ज्यादा होने की बात सामने आ रही है. इसको देखते हुए स्कूलों को खोलना जोखिम भरा हो सकता है. उनकी माने तो इस संबंध में कोई भी फैसला लेने से पहले चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से भी परामर्श लिया जाएगा. शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने बताया कि अभी ऑनलाइन क्लासेस आगे भी चलाई जाएंगी.
परीक्षा हुई तो सभी विभागों की ली जाएगी अनुमति
यूपी बोर्ड और विश्वविद्यालय की परीक्षाओं को लेकर भी विभाग के स्तर पर मंथन चल रहा है. डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा का कहना है कि अगर परीक्षा होती है, तो गृह और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से भी सहयोग लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि केंद्रों पर पर्याप्त सुरक्षा बल के साथ मेडिकल की टीम भी तैनात होगी. ताकि, किसी शिक्षक कर्मचारी है छात्र के लक्षण दिखने पर तत्काल इलाज उपलब्ध कराया जा सके.
12वीं की परीक्षा के पक्ष में नहीं कई स्कूल
यूपी बोर्ड की 12वीं की परीक्षा कराई जाए या न कराई जाए, इसको लेकर लगातार मंथन किया जा रहा है. हालांकि मौजूदा हालातों को देखते हुए कई स्कूल फिलहाल परीक्षाओं कराने के पक्ष में नहीं है. उनका कहना है कि इससे हजारों छात्र-छात्राओं का भविष्य और स्वास्थ्य संकट में पड़ सकता है. वहीं कुछ स्कूलों की ओर से सेल्फ सेंटर की व्यवस्था करके एग्जाम कराने का भी सुझाव रखा गया है. इस पूरे मुद्दे पर प्रदेश सरकार फिलहाल केंद्र के रुख का इंतजार कर रही है.