लखनऊ: यूपीपीसीएल घोटाले की जांच कर रही आर्थिक अपराध शाखा घोटाले से जुड़े कई खुलासे जल्द कर सकती है. गुरुवार को आर्थिक अपराध शाखा की टीम ने तात्कालिक एमडी एपी मिश्रा के राजधानी स्थित घर पहुंची थी, जहां से उसने तमाम दस्तावेज जब्त किए हैं.
एपी मिश्रा की पर्सनल डायरी भी EOW की टीम ने जब्त की है. टीम को उम्मीद है कि उन्हें एपी मिश्रा की पर्सनल डायरी से UPPCL घोटाले से जुड़े कई अहम सुराग मिल सकते हैं. मिली जानकारी के अनुसार जहां EOW की टीम एपी मिश्रा की निजी डायरी की पड़ताल कर रही है तो वहीं आवश्यकता पड़ने पर वह एपी मिश्रा के मोबाइल फोन व लैपटॉप को जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भी भेज सकती है.
कर्मचारियों ने किया विरोध प्रदर्शन
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के कर्मचारियों की भविष्य निधि के पैसे को डीएचएफएल में मानकों के विपरीत निवेश किया गया था जो कि अब डूबता हुआ प्रतीत हो रहा है. इससे लगभग 45 हजार कर्मचारी प्रभावित हैं, जिसको लेकर कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया था. मामले के खुलासे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पूरे घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की संस्तुति की है. जब तक सीबीआई इस मामले में जांच नहीं शुरु करती, तब तक इस पूरे मामले की जांच उत्तर प्रदेश पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा कर रही है.
एपी मिश्रा सहित तीन गिरफ्तार
आर्थिक अपराध शाखा ने अब तक कार्रवाई करते हुए तात्कालिक एमडी एपी मिश्रा व तात्कालिक निदेशक वित्त सुधांशु द्विवेदी सहित एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है. पिछले दिनों आर्थिक अपराध शाखा की टीम ने सभी आरोपियों को आमने-सामने बिठाकर पूछताछ की, जिसमें घोटाले से जुड़ी कई अहम बातें निकलकर सामने आई हैं.
बता दें कि इस घोटाले के बाद उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के हजारों कर्मचारियों का 22 सौ करोड़ रुपये फंस गया है. कंपनी पर संदेह होने के चलते कंपनी के लेन-देन पर रोक लगा दी गई है. नियमों के तहत कर्मचारियों के भविष्य निधि का पैसा सिर्फ नेशनलाइज बैंक में इन्वेस्ट किया जाता था, लेकिन इस घोटाले के तहत नियम विरुद्ध जाकर कर्मचारियों के भविष्य निधि का पैसा निजी कंपनी में निवेश किया गया.
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EOW के डीजीपी आरपी सिंह के अनुसार 16 मार्च 2017 को भविष्य निधि ट्रस्ट की बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें कर्मचारियों के भविष्य निधि को डीएचएफएल में निवेश का निर्णय लिया गया. बैठक के बाद इस आदेश को 17 मार्च को जारी किया गया और इसी दिन ट्रस्ट की ओर से 18 करोड़ रुपये डीएचएफएल को ट्रांसफर कर दिए गए. 17 मार्च को जब डीएचएफएल को पैसा ट्रांसफर किया गया तो इससे ठीक एक दिन पहले 16 मार्च को डीएचएफएल के तात्कालिक एमडी एपी मिश्रा ने इस्तीफा दे दिया था.
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इस्तीफा देने के बावजूद भी 22 मार्च को बुलाई गई बैठक में एपी मिश्रा शामिल होने पहुंचे थे. डीएचएफएल में कर्मचारियों के भविष्य निधि के पैसे के ट्रांसफर करने के लिए आयोजित की गई ट्रस्ट की बैठक में तात्कालिक चेयरमैन संजय अग्रवाल, निदेशक वित्त सुधांशु द्विवेदी, एमडी एपी मिश्रा, निदेशक कार्मिक प्रबंधन एवं प्रशासन सत्य प्रकाश पांडेय व सचिव प्रवीण कुमार गुप्ता शामिल हुए थे.