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लखनऊ के बालू अड्डा में डायरिया के प्रकोप से 2 की मौत, 2 सौ से ज्यादा बीमार

बालू अड्डा में डायरिया के फैले प्रकोप से सबक लेते हुए जिला स्वास्थ्य विभाग इसकी रोकथाम के लिए कई कदम उठाने जा रहा है. इसके तहत राजधानी के जिन-जिन इलाकों में डायरिया और पानी जनित बीमारियों का प्रकोप ज्यादा है. उनकी मैपिंग की जायेगी.इसी के मुताबिक प्लानिंग करते हुए बीमारियों की रोकथाम का काम किया जाएगा.

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Published : Aug 11, 2021, 9:35 PM IST

डायरिया का प्रकोप
डायरिया का प्रकोप

लखनऊः बालू अड्डा में डायरिया का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है. बेकाबू हो चुकी बीमारी की चुपेट में आने से दो लोगों की मौत हो चुकी है और 2 सौ से ज्यादा लोग इसकी चपेट में आ गए हैं. इनमें से अधिकांश 20 से 40 साल की उम्र के लोग शामिल हैं. काफी मरीज प्राइवेट क्लीनिक में भी इलाज करा रहे हैं.

करीब 11 मरीजों को हेल्थ पोस्ट सेंटर में प्राथमिक इलाज मुहैया कराने के बाद सिविल अस्पताल में रेफर किया गया है. अब सिविल अस्पताल में 37 मरीज भर्ती किए जा चुके हैं. डॉक्टर सरोज श्रीवास्तव की टीम मरीजों की देखभाल कर रही है. सीएमओ डॉक्टर मनोज अग्रवाल के निर्देश पर हेल्थ पोस्ट सेंटर का संचालन 24 घंटे हो रहा है. तीन एम्बुलेंस भी लगाई गई हैं. ताकि जरूरत के मुताबिक मरीज को बड़े अस्पतालों में शिफ्ट किया जा सके.

सीएमओ द्वारा संचारी रोग के नोडल इंचार्ज एसीएमओ डॉ. केपी त्रिपाठी को राजधानी के उन इलाकों की मैपिंग करने और हॉट स्पॉट बनाने का निर्देश दिया है, जहां पर वॉटर बॉर्न बीमारियों का खतरा सबसे ज्यादा रहता है. डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि इसके लिए बड़े स्तर पर प्लानिंग बनाई जा रही है. जिसके तहत राजधानी के सभी 110 वार्ड की मैपिंग का काम किया जायेगा. वार्ड के उन इलाकों जहां डायरिया या वॉटर बॉर्न बीमारियां सबसे ज्यादा फैलती है, उनको चिन्हित किया जायेगा. उन इलाकों को हॉट स्पॉट घोषित किया जायेगा.

डॉ. त्रिपाठी ने आगे बताया कि राजधानी के कई इलाकों में हर साल वॉटर बॉर्न बीमारियां फैलती है. इसके अलावा कुछ इलाकों में वहां के हालात के कारण बीमारियां फैलती है. ऐसे में उनकी मैपिंग के बाद आशा, आंगनबाड़ी व एएनएम द्वारा उन इलाकों का सर्वे कराया जायेगा. जिस वार्ड में केस सामने आएंगे वहां पर घर-घर जाकर सर्वे करना, दवा वितरण, जागरूक करना समेत अन्य काम को पूर्ण करेंगी. इसके साथ ही कंट्रोल रूम को तत्काल बीमार लोगों की सूचना देने का भी काम करेंगे. इसके अलावा आरआरटी की भी तैनाती की जाएगी. ताकि अगर समस्या अचानक से बढ़ती है तो टीम तत्काल अपना काम शुरु कर सके.

उधर, डायरिया के प्रकोप से जूझ रहे बालू अड्डा के लोगों का गुस्सा बुधवार को फूट पड़ा. लोगों ने सड़क जामकर प्रदर्शन किया. जल संस्थान और नगर निगम की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए. प्रदर्शनकारियों ने मृतकों के परिवारीजनों को मुआवजा देने की मांग की. बालू अड्डा में बीते सोमवार से डायरिया कहर बरपा रहा है. मासूम समेत दो की मौत हो चुकी है. इलाके में भीषण गंदगी है. पीने का साफ पानी तक उपलब्ध नहीं है. लोगों का आरोप हैं कि सरकारी स्तर पर जो सबमरसेबल और टंकी लगाई गई है. उसकी कभी सफाई नहीं हुई. टंकी का पानी पीने से ही बीमारी फैली है. लोगों की नाराजगी को देखते हुए नगर निगम के अफसरों ने आनन-फानन पानी की टंकी हटवा दी.

इसे भी पढ़ें- यूपी कोरोना अपडेट: 24 घंटे में मिले 27 नए मरीज, 59 जिलों में केस शून्य

दोपहर करीब 12 बजे जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश डायरिया प्रभावित क्षेत्र पहुंचे. लोगों ने जिलाधिकारी को समस्याएं गिनाई. इसके बाद जिलाधिकारी सामुदायिक केंद्र का निरीक्षण करने गए. इसी दौरान स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया. नगर निगम और जल संस्थान के अफसरों के खिलाफ नारेबाजी की और सड़क जाम कर दिया. प्रदर्शनकारियों ने मृतकों के परिवारजनों को मुआवजा देने की मांग की. इसके अलावा अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिवारीजनों को भी मुआवजा देने की मांग की. हालांकि अफसरों के समझाने के बाद प्रदर्शनकारियों ने जाम को हटा लिया.

लखनऊः बालू अड्डा में डायरिया का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है. बेकाबू हो चुकी बीमारी की चुपेट में आने से दो लोगों की मौत हो चुकी है और 2 सौ से ज्यादा लोग इसकी चपेट में आ गए हैं. इनमें से अधिकांश 20 से 40 साल की उम्र के लोग शामिल हैं. काफी मरीज प्राइवेट क्लीनिक में भी इलाज करा रहे हैं.

करीब 11 मरीजों को हेल्थ पोस्ट सेंटर में प्राथमिक इलाज मुहैया कराने के बाद सिविल अस्पताल में रेफर किया गया है. अब सिविल अस्पताल में 37 मरीज भर्ती किए जा चुके हैं. डॉक्टर सरोज श्रीवास्तव की टीम मरीजों की देखभाल कर रही है. सीएमओ डॉक्टर मनोज अग्रवाल के निर्देश पर हेल्थ पोस्ट सेंटर का संचालन 24 घंटे हो रहा है. तीन एम्बुलेंस भी लगाई गई हैं. ताकि जरूरत के मुताबिक मरीज को बड़े अस्पतालों में शिफ्ट किया जा सके.

सीएमओ द्वारा संचारी रोग के नोडल इंचार्ज एसीएमओ डॉ. केपी त्रिपाठी को राजधानी के उन इलाकों की मैपिंग करने और हॉट स्पॉट बनाने का निर्देश दिया है, जहां पर वॉटर बॉर्न बीमारियों का खतरा सबसे ज्यादा रहता है. डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि इसके लिए बड़े स्तर पर प्लानिंग बनाई जा रही है. जिसके तहत राजधानी के सभी 110 वार्ड की मैपिंग का काम किया जायेगा. वार्ड के उन इलाकों जहां डायरिया या वॉटर बॉर्न बीमारियां सबसे ज्यादा फैलती है, उनको चिन्हित किया जायेगा. उन इलाकों को हॉट स्पॉट घोषित किया जायेगा.

डॉ. त्रिपाठी ने आगे बताया कि राजधानी के कई इलाकों में हर साल वॉटर बॉर्न बीमारियां फैलती है. इसके अलावा कुछ इलाकों में वहां के हालात के कारण बीमारियां फैलती है. ऐसे में उनकी मैपिंग के बाद आशा, आंगनबाड़ी व एएनएम द्वारा उन इलाकों का सर्वे कराया जायेगा. जिस वार्ड में केस सामने आएंगे वहां पर घर-घर जाकर सर्वे करना, दवा वितरण, जागरूक करना समेत अन्य काम को पूर्ण करेंगी. इसके साथ ही कंट्रोल रूम को तत्काल बीमार लोगों की सूचना देने का भी काम करेंगे. इसके अलावा आरआरटी की भी तैनाती की जाएगी. ताकि अगर समस्या अचानक से बढ़ती है तो टीम तत्काल अपना काम शुरु कर सके.

उधर, डायरिया के प्रकोप से जूझ रहे बालू अड्डा के लोगों का गुस्सा बुधवार को फूट पड़ा. लोगों ने सड़क जामकर प्रदर्शन किया. जल संस्थान और नगर निगम की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए. प्रदर्शनकारियों ने मृतकों के परिवारीजनों को मुआवजा देने की मांग की. बालू अड्डा में बीते सोमवार से डायरिया कहर बरपा रहा है. मासूम समेत दो की मौत हो चुकी है. इलाके में भीषण गंदगी है. पीने का साफ पानी तक उपलब्ध नहीं है. लोगों का आरोप हैं कि सरकारी स्तर पर जो सबमरसेबल और टंकी लगाई गई है. उसकी कभी सफाई नहीं हुई. टंकी का पानी पीने से ही बीमारी फैली है. लोगों की नाराजगी को देखते हुए नगर निगम के अफसरों ने आनन-फानन पानी की टंकी हटवा दी.

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दोपहर करीब 12 बजे जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश डायरिया प्रभावित क्षेत्र पहुंचे. लोगों ने जिलाधिकारी को समस्याएं गिनाई. इसके बाद जिलाधिकारी सामुदायिक केंद्र का निरीक्षण करने गए. इसी दौरान स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया. नगर निगम और जल संस्थान के अफसरों के खिलाफ नारेबाजी की और सड़क जाम कर दिया. प्रदर्शनकारियों ने मृतकों के परिवारजनों को मुआवजा देने की मांग की. इसके अलावा अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिवारीजनों को भी मुआवजा देने की मांग की. हालांकि अफसरों के समझाने के बाद प्रदर्शनकारियों ने जाम को हटा लिया.

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