वाराणसी: महाकुंभ को लेकर तमाम तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं. कुम्भ के लिए धर्म, आध्यात्म और संस्कृति की नगरी वाराणसी से भी तैयारियां की जा रही हैं. कुंभ को भव्य-दिव्य बनाने के लिए सरकार एक तरफ हर संभव प्रयास कर रही है तो वहीं सामाजिक संगठनों के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी अब इसमें अपनी भागीदारी निभाने की तैयारी में हैं. खास बात यह कि कुंभ को नेचर फ्रेंडली बनाने के साथ ही यहां गंदगी रोकने के उद्देश्य से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) थाली झोला अभियान चलाने जा रहा है. जिसके अंतर्गत 15 लाख थाली और 50 हजार थैला आरएसएस के पर्यावरण विंग महाकुंभ परिसर में चलने वाले अन्नक्षेत्रों में पहुंचा रहा है. जिसमें बनारस ने भी अपनी भूमिका निभाई है.
दरअसल महाकुंभ में चालीस करोड़ श्रद्धालुओं से ज्यादा के पहुंचने का अनुमान है. जिनके लिए संगम तट पर अलग-अलग शिविरों में भंडारे का भी आयोजन चलता रहेगा. इसी के साथ तमाम श्रद्धालु अपने साथ पूजा सामग्री भी लाएंगे, जिसके लिए वो प्लास्टिक का प्रयोग करेंगे. वहीं भंडारे में डिस्पोजल का प्रयोग होगा. ऐसे में कचरा भी ज्यादा निकलेगा.. उसी कचरे को कम करने के लिए राष्ट्रीय स्वयं संघ अभियान चलाएगा.
इस अभियान के अंतर्गत प्रत्येक घर से एक थाली और एक थैला एकत्रित किया गया है. यह अभियान आरएसएस ने पूरे देश से शुरू किया है. अब तक पंद्रह लाख थाली और पचास हज़ार थैला कुंभ पहुंचाया गया है. वहीं बनारस में भी इस मुहिम को चलाया गया. जिसमें बनारस के सैकड़ों घरों से एक थाली और एक थैला एकत्रित किया गया है. जिसमें हजारों परिवारों ने अपनी भूमिका निभाई है. जहां से लगभग चालीस हजार थालियां एकत्रित की गई हैं. वो क्रम वार महाकुंभ में चल रहे अन्नक्षेत्र में पहुंचाई जा रही हैं. आरएसएस के पर्यावरण विंग के अलग-अलग टीमों को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है. इस अभियान के तहत धर्म के साथ साथ पर्यावरण को संरक्षित करने के उद्देश से चलाया जा रहा है, जिसमें आरएसएस ने अपनी भूमिका निभाई है.