कुशीनगर: समाधान दिवस में फर्जी पट्टे को निरस्त करने की मांग को लेकर पहुंची महिलाओं पर बल प्रयोग करने का आरोप लगा है. देर रात मुचलके पर महिलाओं को रिहा किया गया. रविवार को अपने गांव जंगल चौरिया मे महिलाओं ने ईटीवी भारत से कोतवाली मे हुए अत्याचार की कहानी को बताया. साथ ही उन्होंने कहा कि विवाद पिछले छह महीने से चल रहा है, लेकिन कोई अधिकारी आज तक मौके पर नहीं आया है.
जांच के लिए नहींं पहुंचे अधिकारी
- जिले के मुख्यालय पड़रौना शहर से सटे ग्राम जंगल चौरिया में गलत लोगों को आवंटित किए गए पट्टे का मामला पिछले छह महीने से चर्चा में है.
- ग्रामीणों का आरोप है कि लिखित शिकायत के बाद आज तक कोई अधिकारी मौके पर जांच के लिए नहीं आया.
- बांडी नदी के किनारे स्थित रकबे में रीना देवी पत्नी राम आसरे, तुलसी पुत्र बनहूं, ओम प्रकाश पुत्र ठगई के नाम पट्टा आवंटन की प्रक्रिया कुछ साल पहले पूरी की गई.
- आरोप के अनुसार इनमें से कुछ लोगों के पास गांव में ही बड़ी मकान और वाहन आदि सब कुछ है.
- सरकारी रिकार्ड के अनुसार आराजी संख्या 1330 बंजर में दर्ज है और आराजी संख्या 1075 में श्मशान दर्ज है.
- बीते शनिवार को थाना समाधान दिवस में मामले को लेकर पहुंची महिलाओं ने एसडीएम को रोककर बात करनी चाही.
- इसके बाद 11 महिलाओं को हिरासत में ले लिया गया, महिलाओं का आरोप है कि सभी को कोतवाली में अन्दर ले जाकर पीटा गया.