फिरोजाबाद : जिले की टूंडला सीट पर विधानसभा के लिए हो रहे उपचुनाव के लिए राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं. बीजेपी को छोड़ सभी दलों ने अपने प्रत्याशी भी घोषित कर दिये हैं. उनके नामांकन का काम चल रहा है, जो 16 अक्टूबर तक चलेगा. आइए टूंडला सीट के इतिहास के बारे में कुछ रोचक तथ्य जानते हैं.
इतने वोटर करेंगे प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला
टूंडला विधानसभा सीट की सीमा आगरा और एटा जनपद से लगती है. यह सीट साल 1952 में अस्तित्व में आई थी. उल्फत सिंह चौहान यहां से पहले विधायक चुने गए थे. इस सीट पर कुल 3 लाख 60 हजार 444 वोटर हैं, जो प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे. इससे पहले साल 2017 के चुनाव में 3 लाख 49 हजार 525 वोटर थे. इस सीट पर बीते चार दशकों में जो विधायक जीते हैं, उनका विवरण इस तरह है.
1980- गुलाव सेहरा (कांग्रेस)
1986- अशोक सेहरा (कांग्रेस)
1989- ओम प्रकाश दिवाकर (जनता दल)
1991- ओम प्रकाश दिवाकर (जनता दल)
1993- रमेश चंद्र चंचल (एसपी)
1996- शिव सिंह चक (बीजेपी)
2002- मोहनदेव शंखवार (एसपी)
2007- राकेश बाबू (बीएसपी)
2012- राकेश बाबू (बीएसपी)
2017- एसपी बघेल (बीजेपी)
एसपी सिंह बघेल के सांसद बनने से खाली हुई थी सीट
साल 2017 में इस सीट से विधायक बनने के बाद एसपी सिंह बघेल यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री भी बने. लेकिन उसके बाद आगरा सीट से संसदीय चुनाव जीतते के बाद उनको इस्तीफा देना पड़ा. अब यहां उपचुनाव हो रहा है. इस बार कोविड के चलते बूथों की संख्या बढ़ाई गयी है. पहले यह संख्या 480 थी. अब यह संख्या 558 हो गयी है. मतदेय स्थल 300 से बढ़ाकर 303 किये गए हैं.