बहराइच: दुनिया के तमाम देश इस वक्त कोरोना वायरस से जूझ रहे हैं. इस महामारी की चपेट में आकर अब तक भारत समेत विश्व के तमाम देशों में 48 हजार से अधिक लोग अपनी जान गवां चुके हैं. वहीं लाखों लोग इस खतरनाक वायरस की चपेट में आकर बीमार हो चुके हैं.
भारत में इसके प्रभाव को रोकने के लिये 21 दिन का लॉकडाउन चल रहा है. जिससे कि वायरस को फैलने से रोका जा सके. लेकिन पड़ोसी देश नेपाल ने कोरोना के खौफ के कारण अपने नागरिकों के नेपाल पहुंचने पर, बिना उनकी जांच कराए ही उन्हें वापस लाकर लावारिसों की तरह नो मेंस लैंड पर छोड़ दिया है.
नेपाल ने अपने 180 नागरिकों को 'नो मेंस लैंड' पर छोड़ा
दरअसल, देश में कोरोना के बढ़ते मामलों और लॉकडाउन की वजह से दो दिन पूर्व 180 नेपाली नागरिकों ने जिले के रुपईडीहा चेकपोस्ट से नेपाली क्षेत्र में प्रवेश किया था. यहां से उन्हें अपने घर जाना था. नेपाल के बांके जिले के अधिकारियों ने इन्हें दो दिन तक घर भेजने का आश्वाशन भी दिया था. लेकिन इसके बाद बुधवार की देर शाम इन सभी को जांच के नाम लाकर नेपाल और भारतीय सीमा क्षेत्र के बीच स्थित नो मेंस लैंड पर लावारिसों की तरह छोड़ दिया गया.
वहीं इसकी जानकारी मिलते ही उपजिलाधिकारी, एसएसबी कमान्डेंट और स्थानीय पुलिस ने नेपाली आधिकरियों से बात की, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल सका. वहीं अपने देश की ओर से भारतीय क्षेत्र से सटे नो मेंस लैंड पर भेजे जाने से नेपाली नागरिकों में काफी रोष व्याप्त है. ये सभी नेपाली नागरिक अपने घर जाने के लिए काफी परेशान हैं.