अयोध्या: मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की पावन नगरी अयोध्या में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के चौथे दीपोत्सव कार्यक्रम को शुरू होने में कुछ ही घंटे का समय बचा है. मुख्य कार्यक्रम स्थल राम की पैड़ी सरयू घाट और राम कथा पार्क में तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय चतुर्थ दीपोत्सव को भव्य एवं दिव्य बनाने के क्रम में सभी 24 घाटों पर दीये के पैटर्न मानकों के अनुरूप लगाने का कार्य पूर्ण हो गया है. दीपोत्सव में तैनात स्वयंसेवकों को कोविड-19 के मानकों को चुस्त दुरूस्त बनाये रखने के दिशा-निर्देश दिए गए हैं. वहीं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह नियमित रूप से घाटों पर व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे हैं.
10 हजार वॉलिंटियर्स किए गए तैयार
अयोध्या में दीपोत्सव की तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है. राम नगरी अयोध्या में बीते 3 वर्षों से लगातार भगवान राम का राज्याभिषेक और दिव्य दीपोत्सव कार्यक्रम हो रहा है. साल 2020 में इस भव्य आयोजन का चौथा वर्ष है और इस बार 5 लाख 51 हजार दीप जलाकर एक बार फिर से एक नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की पूरी तैयारी है. इसके लिए 10,000 वॉलिंटियर्स तैयार किए गए हैं, जो दीपकों को जलाकर एक नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाएंगे. यह पूरा आयोजन राम की पैड़ी परिसर में होगा. इसके लिए तैयारी पूरी कर ली गई है.
दीप श्रृंखला के माध्यम से महिला सशक्तीकरण का संदेश
दीपोत्सव की प्रमुख झलकियों में घाट संख्या दो पर सामाजिक समरसता का परिदृश्य प्रस्तुत करती दीप श्रृंखला से महिला सशक्तीकरण पर संदेश प्रस्तुत किया गया है. जबकि घाट संख्या तीन पर 14 वर्षों बाद लौट रहे भगवान श्रीराम को पुष्पक विमान दीप माला से तैयार किया गया. घाट संख्या पांच पर पहाड़ लेकर उड़ते हुए हनुमान जी की छवि को उकेरा गया है. वहीं घाट संख्या दस पर विश्वविद्यालय की फाइन आर्टस की छात्राओं द्वारा अदभुत कला का प्रदर्शन करते हुए श्रीराम दरबार की पेन्टिंग बनाई है. कलात्मक प्रतिभा का प्रदर्शन दीपोत्सव स्थल पर स्वयंसेवकों द्वारा जगह-जगह कलात्मक प्रतिभा का प्रदर्शन किया है.
अयोध्या के लोगों को ही दीपोत्सव में अनुमति
कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि इस आयोजन में सिर्फ उन्हीं लोगों को आने की अनुमति मिलेगी, जिन्हें जिला प्रशासन ने आवश्यक पास जारी किए होंगे. बाहर से भीड़ अयोध्या न पहुंचे, इसके लिए 11 नवंबर की शाम से ही अयोध्या के सभी रास्ते बंद कर सिर्फ अयोध्या के लोगों को ही प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी. इन सब दावों पर विश्वास करना इसलिए आसान नहीं लगता, क्योंकि 5 अगस्त को जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में भूमि पूजन करने के लिए आए थे. उस वक्त भी कोरोना को लेकर बेहद सख्ती दिखाई गई थी. बावजूद इसके भूमि पूजन के दिन देर शाम लाखों लोगों की भीड़ तमाम सुरक्षा इंतजामों को धता बताकर राम की पैड़ी परिसर में इकट्ठा हो गई थी. ऐसे में इस बार इस दीपोत्सव कार्यक्रम से आम अयोध्या वासियों को दूर रखना प्रदेश सरकार और अयोध्या पुलिस के लिए बड़ी चुनौती होगी.
दूरदराज से आ रहे दर्शक
दीपोत्सव में अयोध्या के अलावा अन्य जगहों से जनता को शामिल होने की अनुमति नहीं है, बावजूद इसके दूरदराज से लोग इस कार्यक्रम को देखने के लिए अयोध्या पहुंच गए हैं. राम की पैड़ी पर मौजूद संत महावीर दास ने बताया कि दीपोत्सव की परंपरा तो भारत में सदियों से चली आ रही है. लेकिन 500 वर्षों की प्रतीक्षा के बाद भगवान राम का मंदिर बन रहा है. इसलिए इस वर्ष का दीपोत्सव बेहद खास और अनूठा है. इसलिए हम इस दीपोत्सव देखने आए हैं. राम की पैड़ी पर मौजूद अंशुल गुप्ता ने भी कहा की इस तरह के आयोजन हमारी संस्कृति और परंपरा के संवाहक हैं. हम सौभाग्यशाली हैं कि अयोध्या में रहकर इस आयोजन के गवाह बनेंगे.