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महाकुंभ 2025; पौष पूर्णिमा स्नान पर संगम में 1.65 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी, आज फिर उमड़ेगी भीड़ - MAHA KUMBH 2025

सुबह 4 बजे से ही विभिन्न घाटों पर पहुंचने लगी थी भीड़, मंगलवार को फिर दिखेगा ऐसा ही नजारा

संगम में आस्था की डुबकी.
संगम में आस्था की डुबकी. (Photo Credit : ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 14, 2025, 6:28 AM IST

प्रयागराज/महाकुंभनगर : प्रयागराज त्रिवेदी संगम तट पर मंगलवार को होने वाले अमृत स्नान के लिए संगम क्षेत्र में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है. सोमवार को पौष पूर्णिमा स्नान पर भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई. वैदिक ज्योतिष के अनुसार, पौष सूर्य देव का माह कहलाता है. इस मास में सूर्य देव की आराधना से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसलिए पौष पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान और सूर्य देव को अर्घ्य देने की परंपरा है.

महाकुंभ 2025 में पौष पूर्णिमा स्नान पर ईटीवी भारत की रिपोर्ट. (Video Credit : ETV Bharat)

महाकुंभ मेला का आगाज सोमवार को पौष पूर्णिमा स्नान के साथ हो गया. महाकुंभ में सोमवार को करीब 1.65 करोड़ श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई. इसके बाद मंगलवार को मकर संक्रांति पर आस्था की डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालु आतुर हैं. देश विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाकुंभ में पहुंचे. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान श्रद्धालुओं ने सनातक परंपरा की कहानी सुनाई और आस्था के कुंभ के स्नान की इच्छा जताई. श्रद्धालुओं का कहना है कि कुंभ के दौरान गंगा में डुबकी लगाने से मोक्ष के साथ सारी थकान दूर होती है. सुबह-सुबह मकर संक्रांति के दौरान अमृत स्नान सौभाग्यशाली क्षण है.

जागरूकता रैली निकालते बाबा जय गुरुदेव के अनुयायी.
जागरूकता रैली निकालते बाबा जय गुरुदेव के अनुयायी. (Photo Credit : ETV Bharat)

मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन किया गया दान अक्षय फलदायी होता है. इस दिन शनि देव के लिए प्रकाश का दान करना भी बहुत शुभ होता है. पंजाब, यूपी, बिहार और तमिलनाडु में यह समय नई फसल काटने का होता है. इसलिए किसान इस दिन को आभार दिवस के रूप में भी मनाते हैं.

शाकाहार अपनाने के लिए निकाली जागरूकता रैली

बाबा जय गुरुदेव के अनुयायियों ने 200-200 लोगों की टोली बना कर शाकाहारी बनने और नशा छोड़ने के लिए जागरूकता रैली निकाली. साथ ही मांसाहार और नशा करने से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दी.

यह भी पढ़ें : महाकुंभ मेले का आकर्षण बना अनूठा केंद्र, पौराणिक कहानियों का हो रहा डिजिटल चित्रण - MAHA KUMBH MELA 2025

यह भी पढ़ें : शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने सनातन बोर्ड का किया गठन, जानिए कौन-कौन हैं पदाधिकारी और कार्य? - MAHA KUMBH MELA 2025

प्रयागराज/महाकुंभनगर : प्रयागराज त्रिवेदी संगम तट पर मंगलवार को होने वाले अमृत स्नान के लिए संगम क्षेत्र में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है. सोमवार को पौष पूर्णिमा स्नान पर भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई. वैदिक ज्योतिष के अनुसार, पौष सूर्य देव का माह कहलाता है. इस मास में सूर्य देव की आराधना से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसलिए पौष पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान और सूर्य देव को अर्घ्य देने की परंपरा है.

महाकुंभ 2025 में पौष पूर्णिमा स्नान पर ईटीवी भारत की रिपोर्ट. (Video Credit : ETV Bharat)

महाकुंभ मेला का आगाज सोमवार को पौष पूर्णिमा स्नान के साथ हो गया. महाकुंभ में सोमवार को करीब 1.65 करोड़ श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई. इसके बाद मंगलवार को मकर संक्रांति पर आस्था की डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालु आतुर हैं. देश विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाकुंभ में पहुंचे. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान श्रद्धालुओं ने सनातक परंपरा की कहानी सुनाई और आस्था के कुंभ के स्नान की इच्छा जताई. श्रद्धालुओं का कहना है कि कुंभ के दौरान गंगा में डुबकी लगाने से मोक्ष के साथ सारी थकान दूर होती है. सुबह-सुबह मकर संक्रांति के दौरान अमृत स्नान सौभाग्यशाली क्षण है.

जागरूकता रैली निकालते बाबा जय गुरुदेव के अनुयायी.
जागरूकता रैली निकालते बाबा जय गुरुदेव के अनुयायी. (Photo Credit : ETV Bharat)

मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन किया गया दान अक्षय फलदायी होता है. इस दिन शनि देव के लिए प्रकाश का दान करना भी बहुत शुभ होता है. पंजाब, यूपी, बिहार और तमिलनाडु में यह समय नई फसल काटने का होता है. इसलिए किसान इस दिन को आभार दिवस के रूप में भी मनाते हैं.

शाकाहार अपनाने के लिए निकाली जागरूकता रैली

बाबा जय गुरुदेव के अनुयायियों ने 200-200 लोगों की टोली बना कर शाकाहारी बनने और नशा छोड़ने के लिए जागरूकता रैली निकाली. साथ ही मांसाहार और नशा करने से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दी.

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