प्रयागराज : संगम नगरी में 13 जनवरी से शुरू हुए महाकुंभ में देश के कोने-कोने से लोग पहुंच रहे हैं. वहीं सात समंदर पार यूरोप के अलग-अलग देशों के लोग भी आ रहे हैं. वे यहां आकर सनातन संस्कृति से रूबरू हो रहे हैं. वे दुनिया के इस सबसे बड़े धार्मिक आयोजन का रहस्य जानने में भी दिलचस्पी ले रहे हैं. मेले की शुरुआत के पहले दिन करीब 1 करोड़ 65 लाख श्रद्धालुओं ने स्नान किया. इसमें करीब 20 देशों से पहुंचे श्रद्धालु भी शामिल थे.
महाकुंभ में यूरोपियन देश बुल्गारिया के पर्यटकों का एक दल भी आया है. 12 सदस्यों वाला ये दल रविवार की शाम को ही महाकुंभ मेला क्षेत्र में पहुंच गया. 16 जनवरी तक ये लोग आध्यात्मिक मेले में रहकर सनातन धर्म के बारे में जानेंगे. उसे महसूस करेंगे. इस दल में कई फोटोग्राफर भी हैं. वे अपने कैमरे से महाकुंभ की आभा को कैद कर रहे हैं.
साधु-संतों के अखाड़ों की परंपराओं को भी जान रहे हैं. विदेशी पर्यटकों की टीम गंगा-यमुना-सरस्वती के पावन त्रिवेणी तट से लेकर गंगा के अलग-अलग घाटों का भ्रमण कर रही है. बुल्गारिया की तात्याना ने बताया कि उन्होंने सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति के बारे में बहुत सुना था. उन्हें जब इस महाकुंम्भ के बारे में पता चला तो वो खुद को रोक नहीं सकीं. उन्होंने इस आयोजन का हिस्सा बनने का फैसला किया.
तात्याना ने बताया कि उनके साथी भी महाकुंभ में आए हैं. वे यहां रहकर भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म को देख और समझ रहे हैं. महाकुंभ जैसा बड़ा आयोजन उन्होंने पहले कभी नहीं देखा था. 14 जनवरी को होने वाले पहले शाही स्नान को लेकर भी उनके मन में काफी उत्सुकता है.
तात्याना ने बताया कि उन्होंने महाकुंभ के बारे में जितना सुना था, उससे कहीं ज्यादा यहां देखने को मिला है. महाकुंभ के इस बड़े आयोजन को सफल बनाने के लिए भारत सरकार ने बेहतरीन कार्य किया है. एयरपोर्ट से लेकर मेले के अंदर तक सभी इंतजाम बेहतर तरीके से किए गए हैं.
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