ETV Bharat / state

अयोध्या में थाने के लॉकअप से निकलकर अभियुक्त ने दारोगा के साथ कैसे की मारपीट

अयोध्या में दारोगा के साथ मारपीट (Accused assaulted Sub inspector in Ayodhya) का मामला सामने आया है. यहां थाने के लॉकअप से निकलकर अभियुक्त ने दारोगा के साथ मारपीट की. पुलिस ने आरोपी और उसके भाई को जेल भेज दिया.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Jun 9, 2023, 6:56 AM IST

अयोध्या: अपराध और अपराधियों को लेकर यूपी पुलिस की कार्यप्रणाली पर पहले भी कई बार सवाल उठे हैं. लेकिन जनपद अयोध्या की मवई थाने की पुलिस ने गजब कारनामा कर दिया. मवई थाने में तैनात एक दारोगा ने 6 जून की रात दबिश के दौरान एक मुजरिम को पकड़ा और थाने के लॉकअप में लाकर बंद कर दिया. बाकायदा थाने के रजिस्टर में रात के 3 बजे मुजरिम के हिरासत में लेने का जिक्र भी है.

दारोगा के साथ मारपीट के मामले में एफआईआर की कॉपी
दारोगा के साथ मारपीट के मामले में एफआईआर की कॉपी

बावजूद इसके हिरासत में बंद मुजरिम ने लॉकअप से बाहर निकलकर 7 जून की सुबह दारोगा के साथ हाथापाई (Accused assaulted Sub inspector in Ayodhya) की और उनके अंगूठे में काट भी लिया. यह वारदात थाने के सामने ही हुई और जान पर खेलकर दारोगा साहब ने उस अभियुक्त को एक बार फिर से पकड़ लिया, जिसको पिछली रात उन्होंने अपने ही थाने के लॉकअप में बंद किया था.

अयोध्या में दारोगा के साथ कैसे हुई मारपीट
अयोध्या में दारोगा के साथ कैसे हुई मारपीट

अगर बीती रात सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक दारोगा साथ के साथ मारपीट करने वाला अभियुक्त लॉकअप में था, तो अगली सुबह वह लॉकअप (Ayodhya police station) के बाहर निकल कर थाने के गेट के बाहर कैसे पहुंच गया. दारोगा ने अभियुक्त के ऊपर एक और मुकदमा दर्ज करते हुए अभियुक्त और उसके भाई को जेल की राह दिखा दी. अयोध्या में दारोगा का यह कारनामा अब चर्चा का विषय बन गया है.

मवई थाना में दर्ज एफआईआर में उपनिरीक्षक गुलाम रसूल ने लिखा है कि 6 जून की रात 11:06 बजे वारंटियों को गिरफ्तार करने के लिए क्षेत्र में निकले और रसूलपुर मजरे कुशहरी गांव निवासी अमरीश वर्मा को गिरफ्तार कर थाने ले आए. पुलिस अभिरक्षा में उसे रखा गया. वहीं उपनिरीक्षक गुलाम रसूल ने अगले घटनाक्रम में आरोप लगाया है कि वो 7 जून की सुबह 10 बजे वह मवई गांव में अपने हमराही के साथ एक प्रार्थना पत्र की जांच करने गए थे.

तभी वापस आते वक्त करीब 10.30 बजे आरोपी सुरेंद्र वर्मा और अमरीश वर्मा पुत्र गण प्रेमचंद ने मवई थाना के गेट पर उनकी गाड़ी रोककर भाई की गिरफ्तारी का कारण पूछते हुए लात घूसों से पिटाई की. उनकी अंगुली में दांत से काट लिया. अब सवाल यह उठता है कि पुलिस में अभिरक्षा में से अमरीश आख़िर थाना के गेट के बाहर कैसे पहुंचा. इस मामले में पहरेदार, मुंशी और दीवान की भूमिका संदेह के घेरे में है. पुलिस अभिरक्षा में रहा वारंटी अभियुक्त आखिर थाने के गेट सड़क पर जाकर कैसे मारपीट कर सकता है.

ये भी पढ़ें- Sanjeev Jeeva Murder Case : कोर्ट परिसर में तैनात छह पुलिसकर्मी सस्पेंड, लापरवाही बरतने का आरोप

अयोध्या: अपराध और अपराधियों को लेकर यूपी पुलिस की कार्यप्रणाली पर पहले भी कई बार सवाल उठे हैं. लेकिन जनपद अयोध्या की मवई थाने की पुलिस ने गजब कारनामा कर दिया. मवई थाने में तैनात एक दारोगा ने 6 जून की रात दबिश के दौरान एक मुजरिम को पकड़ा और थाने के लॉकअप में लाकर बंद कर दिया. बाकायदा थाने के रजिस्टर में रात के 3 बजे मुजरिम के हिरासत में लेने का जिक्र भी है.

दारोगा के साथ मारपीट के मामले में एफआईआर की कॉपी
दारोगा के साथ मारपीट के मामले में एफआईआर की कॉपी

बावजूद इसके हिरासत में बंद मुजरिम ने लॉकअप से बाहर निकलकर 7 जून की सुबह दारोगा के साथ हाथापाई (Accused assaulted Sub inspector in Ayodhya) की और उनके अंगूठे में काट भी लिया. यह वारदात थाने के सामने ही हुई और जान पर खेलकर दारोगा साहब ने उस अभियुक्त को एक बार फिर से पकड़ लिया, जिसको पिछली रात उन्होंने अपने ही थाने के लॉकअप में बंद किया था.

अयोध्या में दारोगा के साथ कैसे हुई मारपीट
अयोध्या में दारोगा के साथ कैसे हुई मारपीट

अगर बीती रात सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक दारोगा साथ के साथ मारपीट करने वाला अभियुक्त लॉकअप में था, तो अगली सुबह वह लॉकअप (Ayodhya police station) के बाहर निकल कर थाने के गेट के बाहर कैसे पहुंच गया. दारोगा ने अभियुक्त के ऊपर एक और मुकदमा दर्ज करते हुए अभियुक्त और उसके भाई को जेल की राह दिखा दी. अयोध्या में दारोगा का यह कारनामा अब चर्चा का विषय बन गया है.

मवई थाना में दर्ज एफआईआर में उपनिरीक्षक गुलाम रसूल ने लिखा है कि 6 जून की रात 11:06 बजे वारंटियों को गिरफ्तार करने के लिए क्षेत्र में निकले और रसूलपुर मजरे कुशहरी गांव निवासी अमरीश वर्मा को गिरफ्तार कर थाने ले आए. पुलिस अभिरक्षा में उसे रखा गया. वहीं उपनिरीक्षक गुलाम रसूल ने अगले घटनाक्रम में आरोप लगाया है कि वो 7 जून की सुबह 10 बजे वह मवई गांव में अपने हमराही के साथ एक प्रार्थना पत्र की जांच करने गए थे.

तभी वापस आते वक्त करीब 10.30 बजे आरोपी सुरेंद्र वर्मा और अमरीश वर्मा पुत्र गण प्रेमचंद ने मवई थाना के गेट पर उनकी गाड़ी रोककर भाई की गिरफ्तारी का कारण पूछते हुए लात घूसों से पिटाई की. उनकी अंगुली में दांत से काट लिया. अब सवाल यह उठता है कि पुलिस में अभिरक्षा में से अमरीश आख़िर थाना के गेट के बाहर कैसे पहुंचा. इस मामले में पहरेदार, मुंशी और दीवान की भूमिका संदेह के घेरे में है. पुलिस अभिरक्षा में रहा वारंटी अभियुक्त आखिर थाने के गेट सड़क पर जाकर कैसे मारपीट कर सकता है.

ये भी पढ़ें- Sanjeev Jeeva Murder Case : कोर्ट परिसर में तैनात छह पुलिसकर्मी सस्पेंड, लापरवाही बरतने का आरोप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.