प्रयागराज: महाकुंभ के पहले 'अमृत स्नान' मकर संक्रांति पर गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में करोड़ों लोगों ने डुबकी लगाकर जनम-जनम का पुण्य कमाया. मंगलवार को ब्रह्म मुहूर्त से शुरू होकर दोपहर बाद तक त्रिवेणी के घाटों की तरफ जनसमुद्र बढ़ता रहा.
हर हर गंगे..., हर हर महादेव... के जयकारों के बीच लगा आज तीन लोक धरती पर आए हैं. ऐसा अद्भुत नजारा है महाकुंभ मेला क्षेत्र का. कण कण में शंकर के साथ जिधर नजर घुमे, कण कण में नर-नारी, बच्चे-बुजुर्ग दिख रहे थे. देश-दुनिया के कोने-कोने से आए साधु-संत, महंत, पीठाधीश्वर, शंकराचार्य हों या आम श्रद्धालु, सब जैसे एक ही डोर से बंधे थे. शायद, यही है मानवता का सबसे बड़ा महोत्सव..., यही है सनातन की अलख.... आगे वीडियो क्लिक करके खुद देखिए- तीर्थराज प्रयागराज में 144 साल बाद हो रहे महाकुंभ का अनूठा और अलौकिक संसार.