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क्या यूपी प्रदेश अध्यक्ष से पहले चुना जाएगा राष्ट्रीय अध्यक्ष का नाम? जल्द हो सकती है जिलाध्यक्षों के नाम की घोषणा - UP BJP PRADESH ADHYAKSH

प्रदेश भाजपा मुख्यालय पर नामांकन पत्रों की स्क्रीनिंग शुरू की गई.

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यूपी बीजेपी अध्यक्ष के नामों को लेकर सस्पेंस कायम (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 13, 2025, 5:50 PM IST

Updated : Jan 13, 2025, 6:09 PM IST

लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी के संगठन में जब-जब चुनाव होता है बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष से पहले ही चुन लिया जाता है. क्या बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष इस बार भी राष्ट्रीय अध्यक्ष के बाद चुना जाएगा? प्रदेश में अध्यक्ष पद को लेकर जितनी कशमकश है, उसके आधार पर यही कहा जा रहा है. फिलहाल उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी जिला अध्यक्षों के चयन में ज्यादा व्यस्त है.

दूसरी ओर राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े का स्पष्ट कहना है कि जिलाध्यक्ष के मामले में किसी स्तर पर कोई दबाव नहीं सहा जाएगा. माना जा रहा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष का चयन उस समय किया जा सकता है, जब 50% राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव हो जाए. ऐसे में अगर उत्तर प्रदेश का चुनाव न भी हो तो राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन में कोई अंतर नहीं पड़ेगा. पहले भी ऐसा ही होता आया है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष का चयन पहले किया गया और उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष का चयन बाद में किया गया.

वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक उमाशंकर दुबे बताते हैं कि भारत की सियासत को देखा जाए तो केंद्र का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर ही जाता है. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी अपना प्रदेश अध्यक्ष बहुत सोच समझ कर चुनेगी. जहां तक राष्ट्रीय अध्यक्ष की बात की जाए तो अब तक केंद्रीय नेतृत्व ने उसका नाम तय कर लिया होगा. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन के बाद उत्तर प्रदेश में प्रदेश अध्यक्ष का चयन आसान हो जाएगा. राष्ट्रीय अध्यक्ष अगर दलित होता है तो उत्तर प्रदेश में पिछड़े वर्ग से अध्यक्ष बनाया जा सकता है या राष्ट्रीय अध्यक्ष पिछड़ा वर्ग से होगा तो उत्तर प्रदेश में दलित वर्ग से अध्यक्ष बनाया जा सकता है. इन्हीं सब समीकरणों पर भारतीय जनता पार्टी विचार कर रही है.




जिलाध्यक्ष के दावेदारों के आवेदन की स्क्रीनिंग शुरू : भाजपा जिलाध्यक्षों के चयन के लिए हुए नामांकन के बाद प्रदेश भाजपा मुख्यालय पर नामांकन पत्रों की स्क्रीनिंग शुरू की गई. बताया जा रहा है कि सोमवार की शाम तक यानी आज शाम तक सभी जिलों से आए आवेदन की स्क्रीनिंग पूरी कर ली जानी है. कोर कमेटी की बैठक के बाद 15 जनवरी तक जिलाध्यक्षों के नाम घोषित किए जाने की तैयारी पार्टी ने की है. स्क्रीनिंग में लग रहे समय को देखते हुए माना जा रहा है कि जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा में और एक-दो दिन लग सकते हैं. भाजपा मुख्यालय पर प्रदेश चुनाव प्रभारी महेंद्र नाथ पांडेय, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, प्रदेश महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह, केंद्रीय सह पर्यवेक्षक संजय भाटिया व संजीव चौरसिया के साथ ही जिलों के चुनाव प्रभारी और चुनाव प्रभारी आवेदन पत्रों की स्क्रीनिंग की बैठक में शामिल हुए हैं.

यह भी पढ़ें : बीजेपी जिला अध्यक्ष के चयन में नामांकन में नहीं होंगे प्रस्तावक, हर जिले में हो रहे नामांकन - UP BJP PRADESH ADHYAKSH

यह भी पढ़ें : यूपी में दलित-पिछड़ा या ब्राह्मण, कौन होगा नया बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष? सीएम योगी-केशव मौर्य के साथ महामंत्री तावड़े ने किया मंथन - UP BJP NEWS

लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी के संगठन में जब-जब चुनाव होता है बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष से पहले ही चुन लिया जाता है. क्या बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष इस बार भी राष्ट्रीय अध्यक्ष के बाद चुना जाएगा? प्रदेश में अध्यक्ष पद को लेकर जितनी कशमकश है, उसके आधार पर यही कहा जा रहा है. फिलहाल उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी जिला अध्यक्षों के चयन में ज्यादा व्यस्त है.

दूसरी ओर राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े का स्पष्ट कहना है कि जिलाध्यक्ष के मामले में किसी स्तर पर कोई दबाव नहीं सहा जाएगा. माना जा रहा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष का चयन उस समय किया जा सकता है, जब 50% राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव हो जाए. ऐसे में अगर उत्तर प्रदेश का चुनाव न भी हो तो राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन में कोई अंतर नहीं पड़ेगा. पहले भी ऐसा ही होता आया है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष का चयन पहले किया गया और उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष का चयन बाद में किया गया.

वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक उमाशंकर दुबे बताते हैं कि भारत की सियासत को देखा जाए तो केंद्र का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर ही जाता है. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी अपना प्रदेश अध्यक्ष बहुत सोच समझ कर चुनेगी. जहां तक राष्ट्रीय अध्यक्ष की बात की जाए तो अब तक केंद्रीय नेतृत्व ने उसका नाम तय कर लिया होगा. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन के बाद उत्तर प्रदेश में प्रदेश अध्यक्ष का चयन आसान हो जाएगा. राष्ट्रीय अध्यक्ष अगर दलित होता है तो उत्तर प्रदेश में पिछड़े वर्ग से अध्यक्ष बनाया जा सकता है या राष्ट्रीय अध्यक्ष पिछड़ा वर्ग से होगा तो उत्तर प्रदेश में दलित वर्ग से अध्यक्ष बनाया जा सकता है. इन्हीं सब समीकरणों पर भारतीय जनता पार्टी विचार कर रही है.




जिलाध्यक्ष के दावेदारों के आवेदन की स्क्रीनिंग शुरू : भाजपा जिलाध्यक्षों के चयन के लिए हुए नामांकन के बाद प्रदेश भाजपा मुख्यालय पर नामांकन पत्रों की स्क्रीनिंग शुरू की गई. बताया जा रहा है कि सोमवार की शाम तक यानी आज शाम तक सभी जिलों से आए आवेदन की स्क्रीनिंग पूरी कर ली जानी है. कोर कमेटी की बैठक के बाद 15 जनवरी तक जिलाध्यक्षों के नाम घोषित किए जाने की तैयारी पार्टी ने की है. स्क्रीनिंग में लग रहे समय को देखते हुए माना जा रहा है कि जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा में और एक-दो दिन लग सकते हैं. भाजपा मुख्यालय पर प्रदेश चुनाव प्रभारी महेंद्र नाथ पांडेय, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, प्रदेश महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह, केंद्रीय सह पर्यवेक्षक संजय भाटिया व संजीव चौरसिया के साथ ही जिलों के चुनाव प्रभारी और चुनाव प्रभारी आवेदन पत्रों की स्क्रीनिंग की बैठक में शामिल हुए हैं.

यह भी पढ़ें : बीजेपी जिला अध्यक्ष के चयन में नामांकन में नहीं होंगे प्रस्तावक, हर जिले में हो रहे नामांकन - UP BJP PRADESH ADHYAKSH

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Last Updated : Jan 13, 2025, 6:09 PM IST
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