हैदराबाद: मकर संक्रांति के अवसर पर हैदराबाद के हस्तिनापुरम के संतोषीमाता कॉलोनी के कलाकार डॉ. मुंजमपल्ली विद्याधर ने मंगलवार को एक अनूठी लघु कलाकृति बनाई. उनकी यह कलाकृति लोगों के आकर्षण का केंद्र बन गई है. उन्होंने सोने का सबसे छोटा पतंग और चरखा बनाया है.
डॉ. विद्याधर ने कहा कि उन्होंने इन जटिल लघु कलाकृतियों को बनाने के लिए लगभग 150 मिलीग्राम सोने का इस्तेमाल किया. इसे 24 घंटे तक अथक परिश्रम के बाद बनाया जा सका. फिनिशिंग के प्रति उनका समर्पण उनकी असाधारण कलात्मकता को दर्शाता है. उनके पास उल्लेखनीय लघु कृतियां बनाने का इतिहास है और उन्होंने पहले अपनी कलात्मकता के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रशंसा अर्जित की हैं. यह सोने का पतंग उनके काम में एक और उपलब्धि जोड़ दी है. संक्रांति समारोह के दौरान इसका महत्व और बढ़ गया है.
इस बीच, पूरे देश में मकर संक्रांति धार्मिक उत्साह और जोश के साथ मनाई जा रही है. कोलकाता के बाबूघाट से लेकर वाराणसी के गंगा घाटों और हरिद्वार की हर की पौड़ी तक भक्तों ने ठंड के बावजूद पवित्र स्नान और पूजा-अर्चना की. मंगलवार को भारत भर में हजारों श्रद्धालु मकर संक्रांति 2025 मनाने के लिए गंगा नदी के तट पर एकत्र हुए.
यह त्यौहार सूर्य के मकर राशि में प्रवेश और उत्तरायण की शुरुआत का प्रतीक है. पश्चिम बंगाल में श्रद्धालुओं ने कोलकाता के बाबूघाट में नदी में पवित्र डुबकी लगाकर अनुष्ठान किए. इसी तरह वाराणसी और पटना के घाटों पर पारंपरिक प्रथाओं में शामिल होने वाली बड़ी भीड़ देखी गई. इसमें बच्चों सहित परिवार के सदस्यों ने ठंड के बावजूद उत्साह से इसमें भाग लिया. उत्तराखंड में श्रद्धालु इस शुभ अवसर पर पारंपरिक गंगा स्नान करने के लिए हरिद्वार में हर की पौड़ी पर एकत्र हुए.