ETV Bharat / state

अंबेडकरनगर में स्वास्थ्य व्यवस्था पड़ी बीमार, कोरोना फाइटर्स के खाने में मिला कॉकरोच - डॉ. आरके मौर्या

यूपी के अंबेडकरनगर जिले में कोविड में ड्यूटी कर रहे डाक्टरों को क्वारंटाइन सेंटर पर पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. आलम ये है कि क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे डॉक्टरों के खाने में कॉकरोच निकल रहे हैं.

etv bharat
महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज.
author img

By

Published : Jul 30, 2020, 5:41 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:26 PM IST

अंबेडकरनगर: कोरोना फाइटर डाक्टरों को हर सुविधा मुहैया कराने के सरकारी दावे से राजकीय मेडिकल कॉलेज में तैनात डाक्टरों की हालत बदहाल है. लगातार 24 घंटे कोविड में ड्यूटी कर रहे डाक्टरों को क्वारंटाइन सेंटर पर प्रयाप्त सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. कवारंटाइन सेंटर में रह रहे डॉक्टर के भोजन में कॉकरोच निकलने का मामला सामने आया है. यहां अव्यवस्था को लेकर डाक्टरों में नाराजगी बढ़ती ही जा रही है.

महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज को कोविड अस्पताल बनाया गया है. यहां पर अंबेडकरनगर, सुल्तानपुर और अमेठी तीन जिलों के एल-2 मरीजों को भर्ती किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि वर्तमान में यहां 29 मरीज भर्ती हैं, जिनमें से चार की तबीयत खराब है. इस मेडिकल कॉलेज में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन डाक्टरों की भारी किल्लत है. कोरोना का इलाज करने के लिए मेडिसिन के सिर्फ तीन डॉक्टर हैं, जबकि सृजित पदों की संख्या 9 है. डाक्टरों की संख्या कम होने से 8 घंटे के बजाय डाक्टरों को लगातार 24 घंटे ड्यूटी करनी पड़ती है.

etv bharat
खाने में निकला कॉकरोच.

डॉक्टरों को है कार्रवाई का भय
बताया जा रहा है कि मेडिसिन के लिए तीन टीम बनाई गई हैं. एक टीम 14 दिन तक 24 घंटे कोविड मरीजों को देखती है, जबकि एक टीम क्वारंटाइन रहती है. एक टीम नॉन कोविड मरीजों को देखती है. कॉलेज में एनस्थीसिया के भी महज दो डॉक्टर हैं, जिनके जिम्मे कोविड और इमरजेंसी ऑपरेशन का संचालन करना है. डॉक्टर 24 घंटे मेहनत कर मरीजों का इलाज कर रहे हैं, लेकिन उनकी व्यवस्था ही बीमार है.

खाने में निकल रहा कॉकरोच
बताया जा रहा है कि जिस भवन में डाक्टरों को क्वारंटाइन किया जा रहा है, वहां न तो टीवी की व्यवस्था है और न ही शौचालयों में पर्याप्त व्यवस्था है. मेडिकल कॉलेज में यदि किसी डॉक्टर को कोरोना हो जाए तो उनके इलाज के लिए अभी कोई व्यवस्था नहीं की गई है. प्रशासन्निक लापरवाही का आलम यह है कि क्वारंटाइन में रह रहे डाक्टरों को खाने का जो पैकेट दिया जाता है, उसमें खाना ठीक नहीं रहता है. गुरूवार को एक डॉक्टर के खाने के पैकेट में कॉकरोच निकल गया.

स्वास्थ्य विभाग की अव्यवस्था को लेकर डाक्टरों में भी आक्रोश है, लेकिन दूसरी ओर प्रशासन से कार्रवाई का डर भी है. नाम गुप्त रखने की शर्त पर डाक्टरों ने बताया कि खाने और रहने की अव्यवस्था को लेकर कई बार शिकायत की गई हैं, लेकिन सुधार नहीं हुआ. कार्रवाई का भय दिखाकर चुप करा दिया जाता है. खाने में रोटी ही कम पड़ जाती है. यही नहीं यहां न तो प्रयाप्त मात्रा में दवा है और न ही मरीजों के लिए कोई व्यवस्था, जिसके चलते यहां सब राम भरोसे ही चल रहा है.

मेडिकल कॉलेज के कोविड विभाग के नोडल डॉ. आरके मौर्या ने कहा कि कर्मचारियों को एहतियात बरतने का निर्देश दिया गया है. भोजन में कॉकरोच निकला है तो इस मामले को दिखवाया जाएगा. क्वारंटाइन सेंटर में व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश दिया गया है और इसके साथ ही डाक्टरों के लिए अस्पताल में 5 कमरे आरक्षित किए गए हैं.

अंबेडकरनगर: कोरोना फाइटर डाक्टरों को हर सुविधा मुहैया कराने के सरकारी दावे से राजकीय मेडिकल कॉलेज में तैनात डाक्टरों की हालत बदहाल है. लगातार 24 घंटे कोविड में ड्यूटी कर रहे डाक्टरों को क्वारंटाइन सेंटर पर प्रयाप्त सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. कवारंटाइन सेंटर में रह रहे डॉक्टर के भोजन में कॉकरोच निकलने का मामला सामने आया है. यहां अव्यवस्था को लेकर डाक्टरों में नाराजगी बढ़ती ही जा रही है.

महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज को कोविड अस्पताल बनाया गया है. यहां पर अंबेडकरनगर, सुल्तानपुर और अमेठी तीन जिलों के एल-2 मरीजों को भर्ती किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि वर्तमान में यहां 29 मरीज भर्ती हैं, जिनमें से चार की तबीयत खराब है. इस मेडिकल कॉलेज में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन डाक्टरों की भारी किल्लत है. कोरोना का इलाज करने के लिए मेडिसिन के सिर्फ तीन डॉक्टर हैं, जबकि सृजित पदों की संख्या 9 है. डाक्टरों की संख्या कम होने से 8 घंटे के बजाय डाक्टरों को लगातार 24 घंटे ड्यूटी करनी पड़ती है.

etv bharat
खाने में निकला कॉकरोच.

डॉक्टरों को है कार्रवाई का भय
बताया जा रहा है कि मेडिसिन के लिए तीन टीम बनाई गई हैं. एक टीम 14 दिन तक 24 घंटे कोविड मरीजों को देखती है, जबकि एक टीम क्वारंटाइन रहती है. एक टीम नॉन कोविड मरीजों को देखती है. कॉलेज में एनस्थीसिया के भी महज दो डॉक्टर हैं, जिनके जिम्मे कोविड और इमरजेंसी ऑपरेशन का संचालन करना है. डॉक्टर 24 घंटे मेहनत कर मरीजों का इलाज कर रहे हैं, लेकिन उनकी व्यवस्था ही बीमार है.

खाने में निकल रहा कॉकरोच
बताया जा रहा है कि जिस भवन में डाक्टरों को क्वारंटाइन किया जा रहा है, वहां न तो टीवी की व्यवस्था है और न ही शौचालयों में पर्याप्त व्यवस्था है. मेडिकल कॉलेज में यदि किसी डॉक्टर को कोरोना हो जाए तो उनके इलाज के लिए अभी कोई व्यवस्था नहीं की गई है. प्रशासन्निक लापरवाही का आलम यह है कि क्वारंटाइन में रह रहे डाक्टरों को खाने का जो पैकेट दिया जाता है, उसमें खाना ठीक नहीं रहता है. गुरूवार को एक डॉक्टर के खाने के पैकेट में कॉकरोच निकल गया.

स्वास्थ्य विभाग की अव्यवस्था को लेकर डाक्टरों में भी आक्रोश है, लेकिन दूसरी ओर प्रशासन से कार्रवाई का डर भी है. नाम गुप्त रखने की शर्त पर डाक्टरों ने बताया कि खाने और रहने की अव्यवस्था को लेकर कई बार शिकायत की गई हैं, लेकिन सुधार नहीं हुआ. कार्रवाई का भय दिखाकर चुप करा दिया जाता है. खाने में रोटी ही कम पड़ जाती है. यही नहीं यहां न तो प्रयाप्त मात्रा में दवा है और न ही मरीजों के लिए कोई व्यवस्था, जिसके चलते यहां सब राम भरोसे ही चल रहा है.

मेडिकल कॉलेज के कोविड विभाग के नोडल डॉ. आरके मौर्या ने कहा कि कर्मचारियों को एहतियात बरतने का निर्देश दिया गया है. भोजन में कॉकरोच निकला है तो इस मामले को दिखवाया जाएगा. क्वारंटाइन सेंटर में व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश दिया गया है और इसके साथ ही डाक्टरों के लिए अस्पताल में 5 कमरे आरक्षित किए गए हैं.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:26 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.