आगरा : चेहरे में बाल होना सामान्य बात है, क्योंकि शरीर में सभी जगह हेयर फॉलिकल्स होते हैं. पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के चेहरे पर हल्के बाल होते हैं, जिसे लेकर महिलाएं अक्सर परेशान रहती हैं और इससे छुटकारा पाने के लिए तरह तरह के ट्रीटमेंट कराती हैं. लेकिन, कोरोना महामारी ने महिलाओं की चिंता बढ़ा दी है. एसएन मेडिकल कॉलेज (SNMC) के स्त्री रोग विभाग ने कोरोना को मात देने वाली महिलाओं पर ऑनलाइन सर्वे किया है. जिसमें खुलासा हुआ है कि, कोरोना संक्रमण की चपेट में आईं महिलाएं हार्मोनल डिसऑर्डर की शिकार हुईं हैं. जिससे 32 प्रतिशत से ज्यादा महिलाओं की महावारी अनियंत्रित हो गई है तो कई महिलाओं के चेहरे पर अनचाहे बाल निकल आए हैं.
एसएन मेडिकल कॉलेज की स्त्रीरोग विशेषज्ञ एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रुचिका गर्ग और डॉ. नेहा अग्रवाल ने जून 2021 में कोरोना संक्रमित महिलाओं पर एक ऑनलाइन सर्वे https://surveyheart.com/form पर किया. सर्वे का थीम 'कोरोना संक्रमण का महावारी पर असर' था. इस सर्वे में देशभर से 600 कोरोना संक्रमित महिलाओं ने अपनी डिटेल साझा की. जिसमें किशोरी, महिलाएं, शिक्षिकाएं, मेडिकल स्टूडेंट्स और नर्सिंग स्टाफ शामिल थीं. जिनमें से 434 महिलाओं को कोरोना वैक्सीन भी लग चुकी थी.
15 से 50 साल की महिलाओं पर सर्वे
एसएनएमसी की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रुचिका गर्ग ने बताया कि ऑनलाइन सर्वे सात जून से 14 जून के बीच किया गया. जिसमें में 15 से 50 साल तक की उम्र की महिलाएं शामिल हुईं. इनमें 200 किशोरी और महिलाओं में महावारी अनियंत्रित होने की जानकारी मिली. कोरोना संक्रमण से तनाव की वजह से महिलाओं के हार्मोंस गड़बड़ाए. जिससे तमाम महिलाओं में मासिक धर्म के दौरान अधिक रक्तस्राव हुआ. कुछ का मासिक धर्म आठ से दस दिन पहले आ गया तो कई का मासिक धर्म समय से चार से पांच दिन बाद की देरी से आया. कोरोना संक्रमण की वजह से जिन महिलाओं की हालत गंभीर हुई या उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया. उन्हें ज्यादा परेशानी हो रही है.
अनचाहे बालों से परेशानी बढ़ी
एसएनएमसी की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रुचिका गर्ग ने बताया कि सर्वे में देशभर की महिलाओं ने अपनी समस्याएं बताईं. जिसमें 50 महिलाएं ऐसी सामने आईं हैं. जिनमें हार्मोंस डिसऑर्डर की वजह से चेहरे पर अनचाहे बाल आने की समस्या पैदा हो गई है. कई महिलाओं की ठुड्डी पर बाल और मूछें उग आए हैं. कई महिलाओं ने कोरोना संक्रमण के बाद मोटापा बढ़ने की समस्या भी बताई है.
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स्ट्रेस हार्मोंस का असर
एसएनएमसी के मनोरोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. आशुतोष कुमार के मुताबिक कोरोना संक्रमण की वजह से तनाव और अवसाद में तमाम लोग आ गए. लंबे समय तक तनाव की वजह से 'स्ट्रेस हार्मोंस' का स्राव ज्यादा होने लगता है. इस वजह से ही कोरोना संक्रमित हुईं महिलाओं की परेशानी बड़ी है. महिलाओं की माहवारी अनियंत्रित होने के साथ ही चिड़चिड़ापन और अन्य समस्याएं भी सामने आ रही हैं. एसएनएमसी की स्टडी में हार्मोन्स डिसऑर्डर की समस्या आई है.
सर्वे में पूछे गए ये 9 सवाल
- क्या आपको कोरोना संक्रमण हुआ था ?
- क्या आपको हाल ही में बुखार या खांसी जुकाम हुआ था ?
- आपकी उम्र कितनी है ?
- क्या आपकी महावारी वैसे नियमित है ?
- क्या आपको कोरोना की वैक्सीन लगी है ?
- कोरोना संक्रमण के बाद क्या आपको महावारी ज्यादा हुई ?
- बुखार के बाद क्या आपकी महावारी जल्द आ गई ?
- क्या वैक्सीन लगने के बाद वाले महीने में महावारी में कोई अंतर था ?
- क्या आप कोरोना संक्रमण के लिए अस्पताल में भर्ती हुए थे ?
कारोना संक्रमण का असर
- हार्मोंस डिसऑर्डर
- मोटापा बढ़ना
- मानसिक तनाव
- भूलने की आदत
- चिड़चिड़ापन बढ़ा
- अनियंत्रित महावारी
यह लें खुराक
- संतुलित आहार लें.
- मौसमी हरी सब्जी खाएं.
- मौसमी फल खूब खाएं.
- प्रोटीन युक्त भोजन लें.
- खूब पानी पिएं.
- मौसमी फलों का जूस पिएं
यह व्यायाम करें
- प्रतिदिन योग करें.
- तेज कदम से टहलें.