प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चयनित सहायक अध्यापक के नियुक्ति मामले में अवसर देने के बावजूद कोई जवाब न देने पर सचिव माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को पत्रावली के साथ 27 सितम्बर को हाजिर होने का निर्देश दिया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि एक महीना बीत गया, सचिव की तरफ से न तो जवाब दिया गया और न ही उन्होंने अपने वकील को कोई जानकारी दी.
यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने संजय कुमार की याचिका पर दिया है. याचिका पर अधिवक्ता विवेक मिश्र ने बहस की. याची का कहना था कि बोर्ड ने 2013 की भर्ती में संस्कृत अध्यापक के 442 बालक, 30 बालिका के पद विज्ञापित किये. 369 बालक पदों के परिणाम घोषित किए गए. पैनल जारी नहीं किया गया तो कोर्ट ने जारी करने का निर्देश दिया. कछ गलत सवालों को लेकर कायम याचिका पर कोर्ट ने विचार करने के निर्देश दिया. पुनरीक्षित परिणाम घोषित किया गया. जिसमें याची एससी कोटे में चौथे स्थान पर चयनित किया गया है.
ये भी पढ़ें-फीकी हुई आगरा के बूट की चमक, 35 फैक्टरियों पर लटके ताले, 5 हजार कारीगर बेरोजगार
उसे ऐसा कालेज आवंटित किया गया, जहां 2017 से एक अध्यापक राजेश कुमार सरोज कार्यरत था. उसने हाईकोर्ट से स्थगनादेश प्राप्त कर लिया. सरोज को दूसरा कालेज आवंटित किया गया, लेकिन वह वहीं रहा. याची ने आदेश का पालन न होने पर अवमानना याचिका दाखिल की है. इस पर सचिव के जवाब न देने पर कोर्ट ने उन्हें रिकॉर्ड के साथ तलब किया है.