ETV Bharat / bharat

IIT Kharagpur के छात्र की मौत का मामला : हाईकोर्ट ने कब्र से शव निकालकर दोबारा पोस्टमार्टम कराने का दिया आदेश - IIT Kharagpur

आईआईटी खड़गपुर के छात्र फैजान अहमद की मौत मामले में हाईकोर्ट ने दोबारा पोस्टमार्टम के आदेश दिए हैं. शव को निकालकर दोबारा पोस्टमार्टम किया जाएगा. दरअसल हाईकोर्ट ने इस मामले में एक एक्सपर्ट कमेटी नियुक्त की है.

Calcutta High Court
कलकत्ता उच्च न्यायालय
author img

By

Published : Apr 25, 2023, 3:39 PM IST

कोलकाता: आईआईटी खड़गपुर के छात्र फैजान अहमद की संदिग्ध हालात में मौत मामले की जांच कलकत्ता उच्च न्यायालय की ओर से नियुक्त विशेषज्ञ समिति कर रही है.

समिति ने एक रिपोर्ट पेश की है जिसमें चौंकाने वाली बात सामने आई है. रिटायर्ड पोस्टमॉर्टम डॉक्टर अजय गुप्ता की रिपोर्ट के मुताबिक छात्र के सिर के पिछले हिस्से में जोरदार वार किया गया है. वहीं, पुलिस की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इसका कोई जिक्र नहीं था. ऐसे में हो सकता है कि हाथ काट कर ध्यान भटकाने की कोशिश की गई हो.

रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद, न्यायमूर्ति राजा शेखर मंथा ने शव निकालकर फिर से पोस्टमार्टम करने का आदेश दिया है. जांच अधिकारी शव को नए सिरे से पोस्टमार्टम के लिए कोलकाता लाएंगे. इस दौरान डॉ. गुप्ता और पूर्व कोरोनर उपस्थित रहेंगे.

पोस्टमार्टम कॉलेज स्ट्रीट स्थित कलकत्ता मेडिकल कॉलेज में होगा. राज्य को इसकी जिम्मेदारी दी गई है. इसे एक महीने के भीतर करना होगा. मामला 30 जून को आगे की सुनवाई के लिए पोस्ट किया गया.

डॉ. अजय गुप्ता के वकील संदीप भट्टाचार्य ने कहा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक की 21 नवंबर 2022 की रिपोर्ट के अनुसार कुछ नशीला पदार्थ बरामद किया गया है जिसमें 'एमप्लूर' नामक नशीला पदार्थ भी पाया गया है. इस दवा का प्रयोग मांस को सड़ने से रोकने के लिए किया जाता है और इसका उपयोग जहर के रूप में किया जाता है. उसमें एक पीले रंग के तरल के साथ एक नीली टोकरी मिली. डॉ. गुप्ता ने नए सिरे से ऑटोप्सी की सिफारिश की है क्योंकि पहले की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पूरी तरह से इस बात की अनदेखी की गई है कि मौत कैसे हो सकती है. ऐसा नहीं होना चाहिए. हेमेटोमा नग्न आंखों को दिखाई देता है, लेकिन पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर की रिपोर्ट में इसका जिक्र नहीं है.'

हालांकि, राज्य ने कहा कि उसे एक निजी व्यक्ति के पोस्टमॉर्टम पर आपत्ति है. न्यायाधीश ने एक स्पष्ट बयान के माध्यम से जवाब दिया, 'त्रुटिपूर्ण पोस्टमार्टम किया गया है इसलिए मुझे दो बार सोचना होगा.' इसके बाद न्यायाधीश ने दूसरे पोस्टमार्टम के लिए शव को कब्र से बाहर निकालने का आदेश दिया.

इससे पहले 20 फरवरी को जस्टिस ने IIT खड़गपुर के छात्र फैजान अहमद की मौत पर ऑटोप्सी रिपोर्ट पर नए सिरे से राय लेने के लिए एक सेवानिवृत्त फोरेंसिक विशेषज्ञ डॉ. एके गुप्ता को नियुक्त किया था क्योंकि पुलिस रिपोर्ट में कहा गया था कि फैजान ने डिप्रेशन के कारण आत्महत्या की थी. न्यायाधीश को रिपोर्ट पर संदेह हुआ और उन्होंने डॉ. एके गुप्ता को सभी दस्तावेजों को देखने और दूसरी राय देने का आदेश दिया. उस राय को लेकर मंगलवार को कोर्ट को रिपोर्ट सौंप दी गई है.

गौरतलब हो कि फैजान अहमद का शव पिछले साल 14 अक्टूबर को आईआईटी खड़गपुर के लाला लाजपत रॉय हॉल के एक कमरे से बरामद किया गया था. घटना की शिकायत दर्ज करने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की. शव को पोस्टमॉर्टम के लिए मिदनापुर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल भेज दिया गया.

खड़गपुर आईआईटी की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने कोर्ट को बताया कि इस मौत में संस्थान की कोई जिम्मेदारी नहीं है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि घटना में सात छात्रों पर रैगिंग का आरोप लगाया गया है. राज्य ने अदालत को बताया कि मौत में विश्वविद्यालय, शिक्षकों, छात्रों और पुलिस की भूमिका है. पिछले साल फरवरी में रैगिंग की घटना हुई थी. उसके बाद कोई कार्रवाई नहीं की गई. कई टेस्ट देने के बावजूद नौकरी नहीं मिलने से जाहिर तौर पर वह उदास हो गया था.

पढ़ें- Student Death In IIT Kharagpur: कलकत्ता हाई कोर्ट ने निदेशक को लगाई फटकार, पूछा- जांच से ज्यादा विदेश जाना जरूरी?

कोलकाता: आईआईटी खड़गपुर के छात्र फैजान अहमद की संदिग्ध हालात में मौत मामले की जांच कलकत्ता उच्च न्यायालय की ओर से नियुक्त विशेषज्ञ समिति कर रही है.

समिति ने एक रिपोर्ट पेश की है जिसमें चौंकाने वाली बात सामने आई है. रिटायर्ड पोस्टमॉर्टम डॉक्टर अजय गुप्ता की रिपोर्ट के मुताबिक छात्र के सिर के पिछले हिस्से में जोरदार वार किया गया है. वहीं, पुलिस की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इसका कोई जिक्र नहीं था. ऐसे में हो सकता है कि हाथ काट कर ध्यान भटकाने की कोशिश की गई हो.

रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद, न्यायमूर्ति राजा शेखर मंथा ने शव निकालकर फिर से पोस्टमार्टम करने का आदेश दिया है. जांच अधिकारी शव को नए सिरे से पोस्टमार्टम के लिए कोलकाता लाएंगे. इस दौरान डॉ. गुप्ता और पूर्व कोरोनर उपस्थित रहेंगे.

पोस्टमार्टम कॉलेज स्ट्रीट स्थित कलकत्ता मेडिकल कॉलेज में होगा. राज्य को इसकी जिम्मेदारी दी गई है. इसे एक महीने के भीतर करना होगा. मामला 30 जून को आगे की सुनवाई के लिए पोस्ट किया गया.

डॉ. अजय गुप्ता के वकील संदीप भट्टाचार्य ने कहा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक की 21 नवंबर 2022 की रिपोर्ट के अनुसार कुछ नशीला पदार्थ बरामद किया गया है जिसमें 'एमप्लूर' नामक नशीला पदार्थ भी पाया गया है. इस दवा का प्रयोग मांस को सड़ने से रोकने के लिए किया जाता है और इसका उपयोग जहर के रूप में किया जाता है. उसमें एक पीले रंग के तरल के साथ एक नीली टोकरी मिली. डॉ. गुप्ता ने नए सिरे से ऑटोप्सी की सिफारिश की है क्योंकि पहले की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पूरी तरह से इस बात की अनदेखी की गई है कि मौत कैसे हो सकती है. ऐसा नहीं होना चाहिए. हेमेटोमा नग्न आंखों को दिखाई देता है, लेकिन पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर की रिपोर्ट में इसका जिक्र नहीं है.'

हालांकि, राज्य ने कहा कि उसे एक निजी व्यक्ति के पोस्टमॉर्टम पर आपत्ति है. न्यायाधीश ने एक स्पष्ट बयान के माध्यम से जवाब दिया, 'त्रुटिपूर्ण पोस्टमार्टम किया गया है इसलिए मुझे दो बार सोचना होगा.' इसके बाद न्यायाधीश ने दूसरे पोस्टमार्टम के लिए शव को कब्र से बाहर निकालने का आदेश दिया.

इससे पहले 20 फरवरी को जस्टिस ने IIT खड़गपुर के छात्र फैजान अहमद की मौत पर ऑटोप्सी रिपोर्ट पर नए सिरे से राय लेने के लिए एक सेवानिवृत्त फोरेंसिक विशेषज्ञ डॉ. एके गुप्ता को नियुक्त किया था क्योंकि पुलिस रिपोर्ट में कहा गया था कि फैजान ने डिप्रेशन के कारण आत्महत्या की थी. न्यायाधीश को रिपोर्ट पर संदेह हुआ और उन्होंने डॉ. एके गुप्ता को सभी दस्तावेजों को देखने और दूसरी राय देने का आदेश दिया. उस राय को लेकर मंगलवार को कोर्ट को रिपोर्ट सौंप दी गई है.

गौरतलब हो कि फैजान अहमद का शव पिछले साल 14 अक्टूबर को आईआईटी खड़गपुर के लाला लाजपत रॉय हॉल के एक कमरे से बरामद किया गया था. घटना की शिकायत दर्ज करने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की. शव को पोस्टमॉर्टम के लिए मिदनापुर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल भेज दिया गया.

खड़गपुर आईआईटी की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने कोर्ट को बताया कि इस मौत में संस्थान की कोई जिम्मेदारी नहीं है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि घटना में सात छात्रों पर रैगिंग का आरोप लगाया गया है. राज्य ने अदालत को बताया कि मौत में विश्वविद्यालय, शिक्षकों, छात्रों और पुलिस की भूमिका है. पिछले साल फरवरी में रैगिंग की घटना हुई थी. उसके बाद कोई कार्रवाई नहीं की गई. कई टेस्ट देने के बावजूद नौकरी नहीं मिलने से जाहिर तौर पर वह उदास हो गया था.

पढ़ें- Student Death In IIT Kharagpur: कलकत्ता हाई कोर्ट ने निदेशक को लगाई फटकार, पूछा- जांच से ज्यादा विदेश जाना जरूरी?

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.