संगीत के प्रति 6 साल के बच्चे की अनूठी पेशकश, आप भी देखिए... - child set an example for music
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सदियों से यह माना जाता है कि बच्चे भगवान का रूप होते हैं. ऐसा कहते हैं कि वह घर-घर नहीं होता, जहां बच्चों की किलकारियां नहीं गुंजा करतीं. दुनिया का हर मां बाप अपने बच्चों से प्यार करता है. जोधपुर के लूणी में पाल रोड रूप नगर निवासी दिगवन्त टांटिया डीपीएस स्कूल में पढ़ने वाले तीसरी कक्षा का छात्र मात्र 6 साल की उम्र में संगीत के प्रति इतना प्रेम बढ़ाया कि उन्होंने कोरोना काल में स्कूल बंद होने से पढ़ाई के साथ-साथ संगीत के गुर सीखे. वहीं नन्हे-मुन्ने बालक ने हारमोनियम तबला पर उन्होंने तबला बजाकर एक अनूठी पहल की. उन्होंने बताया कि मेरे माता-पिता की प्रेरणा मिली, जिसकी बदौलत से लॉकडाउन के दौरान स्कूल बंद हो गया था. साथ ही ऑनलाइन पढ़ाई भी चल रही थी. पढ़ाई के साथ-साथ हमने संगीत के प्रति प्रेम भाव बढ़ा तो हमने हारमोनियम तबला पियानो उसमें हारमोनियम मालकौन सारेगामा गा संगीत पर उन्होंने सारे जहां से अच्छा पर संगीत की कड़ी से कड़ी मिलाकर उन्होंने एक मिसाल पेश की. साथ ही 11 साल की चारकिता टांटिया ने बताया कि जब लॉकडाउन हो गया था. मैं पढ़ाई भी करती थी, इसके साथ ही वायल संगीत बजाने की कोशिश करती थी. साथ ही उन्होंने कहा कि पढ़ाई हर कोई कर सकता है, लेकिन उसके अलावा कुछ करने का मौका मुझे मिला है. जब से लॉकडाउन लगा था, तब हमने घर पर ही यूट्यूब के माध्यम से स्केटिंग पर तबला पर सुरंग की आवाज से उन्होंने अपने गायन की प्रस्तुति दी. साथ ही उन्होंने बताया कि और भी बच्चों को हम इस बारे में जागरुक कर रहे हैं.