जयपुर: प्रदेश में अब बोगस फर्मों के साथ ही जीएसटी चोरी पर अंकुश लगाने के लिए वाणिज्य कर विभाग ने तैयारी कर ली है. जीएसटी रजिस्ट्रेशन के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम अनिवार्य कर दिया गया है. आधार कार्ड की तर्ज पर फिंगर, आंखों की पुतली से बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन होगा. जीएसटी पोर्टल में बायोमेट्रिक का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है. डमी नाम और गलत तरीके से भी जीएसटी रजिस्ट्रेशन नहीं होगा. पूरे राज्य में बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन के लिए 73 केंद्र स्थापित किये गए हैं.
राजस्थान वाणिज्यिक कर विभाग के मुख्य आयुक्त प्रकाश राजपुरोहित ने बताया वाणिज्यिक कर विभाग ने बोगस फर्मों पर लगाम लगाने के लिए प्रदेश में जीएसटी रजिस्ट्रेशन के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम अनिवार्य किया है. विभाग ने जीएसटी पोर्टल में बायोमेट्रिक का नोटिफिकेशन जारी किया. प्रदेशभर के वाणिज्यिक कर विभाग में बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन के लिए 73 केंद्र स्थापित किए गए हैं. 10 जनवरी से बायोमेट्रिक सिस्टम से जीएसटी रजिस्ट्रेशन की कवायद शुरू होगी.
टैक्स चोरी पर लगाम के लिए सबसे पहले गुजरात में बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन सिस्टम लागू हुआ था. इसके बाद पुडुचेरी, आंध्र प्रदेश, उत्तराखंड समेत अन्य राज्यों में बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन सिस्टम अनिवार्य कर दिया गया. राजस्थान वाणिज्यिक कर विभाग के मुख्य आयुक्त प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि प्रदेश में 10 जनवरी, 2025 से राज्य में बायोमेट्रिक सिस्टम से जीएसटी रजिस्ट्रेशन की कवायद शुरू कर दी जाएगी.
नये रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया: जीएसटी के लिए आवेदन करने वालों को आधार कार्ड बनाते समय जैसी प्रक्रिया से गुजरना होगा. वाणिज्यिक कर विभाग की ओर से बनाए गए सेंटर पर आवेदक को जाना होगा. सेंटर में जाने के बाद आवेदन की जांच होगी. जहां आंखों की पुतली, दोनों हाथों के फिंगर का मिलान होगा. इसके बाद अधिकारी आवेदक के बताए पते की जांच करेंगे. सभी दस्तावेजों की जांच के बाद सही पाए जाने पर नया जीएसटी रजिस्ट्रेशन होगा. इस प्रक्रिया के लागू होने के बाद फर्जीवाडा रूकेगा, लेकिन जीएसटी रजिस्ट्रेशन आवेदन में करीब 60 से 70 फीसदी की कमी देखी जा सकती है.
वर्तमान में जीएसटी रजिस्ट्रेशन दस्तावेज के आधार पर ऑनलाइन किया जाता है. देश में जीएसटी लागू किया गया तो थड़ी-ठेला, रिक्शा चालक, कंपनी में एम्पलॉय समेत कई अन्य के नाम पर कारोबारियों ने जीएसटी का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने पर फिजिकली रूप से सत्यापन की प्रक्रिया नहीं होती थी. नियम यह था कि कोई भी आवेदन विभाग के पोर्टल पर आए, तो अधिकारी उसे रोक नहीं पाते थे. यह सिस्टम से स्वतः एक प्रक्रिया के तहत 3 दिनों के अंदर रजिस्ट्रेशन के लिए पास हो जाता था. अब नई प्रक्रिया लागू होने से बोगस फर्मों पर लगाम लगेगी.