श्रीगंगानगर. जिले के दौरे पर आए प्रभारी मंत्री बीडी कल्ला भले ही चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वादों में से 50 फीसदी वादे पुरा होने का दावा कर रहे हैं, लेकिन राज्य में बेरोजगारी की समस्या काफी बढ़ गई है. वहीं, सरकार की ओर से बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता व नौकरी देने का किया गया वादा अब कोरा साबित हो रहा है.
राज्य में पिछले लंबे समय से संविदा पदों पर राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में कार्यरत अतिथि अनुदेशकों को संविदा कर्मचारी मानते हुए नियमित करने की मांग को लेकर प्रभारी मंत्री बीडी कल्ला को ज्ञापन सौंपा गया था. जिसमें राजस्थान की समस्त राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में लंबे समय से गेस्ट फैकल्टी पर कार्यरत इन अतिथि अनुदेशकों ने अब नियमित करने की मांग की है. बता दें कि 1998 से 2017 तक इन सभी अनुदेशकों को अलग-अलग एजेंसी व एनजीओ के माध्यम से कॉन्ट्रैक्ट बेस पर रखा गया है. जिसके बाद तत्कालीन बीजेपी सरकार ने इन्हें गेस्ट फैकल्टी बना दिया था.
इसलिए संविदा कर्मियों की समस्याओं के निराकरण में इनका नाम नहीं आया है. ऐसे में अब प्रदेश के समस्त राजकीय आईटीआई में कार्यरत गेस्ट फैकल्टी की समस्याओं को देखते हुए नियमितीकरण करने की मांग की जा रही है. प्रभारी मंत्री को ज्ञापन देने आए इन बेरोजगारों ने बताया कि वे पिछले कई सालों से सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में कार्यरत हैं लेकिन उन्हें कभी ठेका प्रथा व कभी एनजीओ के हिसाब से कार्य करवाया जाता है. जिसके बाद तत्कालीन भाजपा सरकार ने इन्हें 2017 से गेस्ट फैकल्टी पर किया था. ऐसे में अब संविदाकर्मी मानते हुए नियमितीकरण किया जाए. उन्होंने कहा कि औधोगिक प्रशिक्षण संस्थानों में जो भर्ती आ रही है.
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वह लगातार 2010 से चली आ रही है लेकिन अभी तक भर्ती पूरी नहीं हुई है, जिसके चलते बेरोजगारी बढ़ती जा रही है. ऐसे में सुविधा का लाभ देते हुए नियमितीकरण किया जाए ताकि सरकारी सेवा में अपात्र होने से वंचित ना हो सकें. वहीं राजस्थान की समस्त राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में लंबे समय से गेस्ट फैकल्टी पर कार्यरत अतिथि अनुदेशकों ने सरकार से नियमित करने की मांग की है. जिसको लेकर प्रभारी मंत्री बीडी कल्ला को ज्ञापन सौंपा गया था.