सूरतगढ़ (श्रीगंगानगर). पीएचईडी स्कीम में चल रहा निर्माण कार्य जी शेड्यूल के मुताबिक नहीं होने से हाल ही में बनी दीवार में दरारें आ गई हैं. दीवार में गुणवत्तापूर्ण सामग्री का उपयोग न होने से यह किसी भी वक्त गिर सकती है. इतना ही नहीं स्कीम के वाटर स्टोरेज टैंक से ओवरफ्लो होता पानी नई बनी दीवार के नीचे से होकर पास के खेतों में जा रहा है. जिससे पास के खेत जल मग्न हो गए.
स्कीम के तहत वाटर स्टोरेज टैंक की चारदीवारी को ऊंचा करने, जाली लगाने, अर्थ वर्क करने, एक तरफ की दीवार का पुनर्निमाण, पंप हाऊस, मुख्य गेट से फिल्टर प्लांट और पंप हाऊस तक सड़क निर्माण का कार्य करवाया जा रहा है. एक्सईएन, एईएन और जेईएन की देखरेख में चल रहे निमार्ण कार्यों में ठेकेदार तय मापदंड की पालना न करके घटिया निर्माण सामग्री को उपयोग में ले रहे हैं.
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पालिका के वार्ड नंबर 42 के पार्षद सुनील सैनी और वार्ड 45 के रोहिताश कुमार धाणका ने बताया कि निर्माण सामग्री के मिश्रण में सीमेंट की मात्रा नाम मात्र है. दीवार की नींव का भराव भी पूरा नहीं किया गया है. नतीजतन दीवार का निर्माण पूरा भी नहीं हुआ कि दीवार गिरने की हालत में पहुंच गई है. घटिया निर्माण कर सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचाने वाले ठेकेदार की एक्सईएन और एसडीएम से शिकायत की जाएगी. साथ ही उपयोग में ली गई सामग्री के सैंपल लेकर जांच करवाई जाएगी.
पीड़ित किसान विजयसिंह ने कहा कि विभाग की लापरवाही के चलते खेत में खड़ी फसल चैपट हो गई है. दीवार बनाते समय ही अवगत करवा दिया था कि न ही नींव को पूरा भरा जा रहा है और न ही दीवार के दोनों ओर मिट्टी का भराव किया जा रहा है. डिग्गी का पानी ओवरफ्लो हुआ तो पानी दीवार के नीचे से होकर खेत में भर गया और फसल जलमग्न हो गई.
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पीएचईडी की अर्बन स्कीम के पड़ोसी किसान विजयसिंह ने कहा कि अपने खेत के भाग में पिछले काफी वर्षों से गोवंश पुण्यार्थ जोई की फसल बीजान कर रहें हैं. फसल तैयार होने पर गोशाला को गोवंश के हराचारे के लिए निशुल्क उपलब्ध करवाते हैं। पीएचईडी के अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही के कारण पूरी फसल चैपट हो गई. साथ ही गेंहू की फसल में भी पानी भर गया. दीवार की तरफ खेत में पानी जाने से अब डर भी लगने लगा है कि पानी बहने के कारण बड़े-बड़े गड्ढ़े हो गए हैं. जो पैर रखते ही धंस रहे हैं. जिससे दीवार पता नहीं कब गिर जाए.