सिरोही. जिले के आबूरोड सातपुर में बुधवार को हाईकोर्ट के आदेश के बाद तालाब पर बने हनुमान मंदिर को हटाया गया. साथ ही तालाब पर हुए अन्य अतिक्रमण को भी हटाया गया. इस कार्रवाई के विरोध में भाजपा व हिंदू संगठनों के नेताओं ने विरोध करते हुए सांकेतिक रूप से गिरफ्तारियां (Sirohi administration removed Hanuman temple) दी. इस बीच सड़क पर जमे लोगों को पुलिस ने हटाया तो लोगों ने पथराव कर दिया. जिससे एएसपी देवाराम चौधरी के नाक पर चोट आई है. जबकि माउंट आबू सीओ योगेश शर्मा के चेहरे पर चोट लगी है व दो अन्य पुलिसकर्मी भी घायल हो गए हैं. मामले में (More than 20 in custody on encroachment ruckus) 20 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है.
जानकारी के मुताबिक सुबह 6 बजे से पुलिस का भारी जाप्ता सातपुर पहुंचा. यहां एडीएम कालूराम के नेतृत्व में अतिक्रमण को लेकर कार्रवाई शुरू की गई. पुलिस व प्रशासन की भारी मौजूदगी के बीच लोग लगातार नारेबाजी कर रहे थे. पुलिस व प्रशासन के अधिकारी लगातार लोगों से समझाइश कर रहे थे. जैसे जैसे समय गुजरता गया लोगों की भीड़ मौके पर जमा होती रही. मौके पर पहुंचे भाजपा ग्रामीण मण्डल के अध्यक्ष दिनेश खंडेलवाल ने प्रशासन से हनुमान जी की मूर्ति को अन्य मंदिर में शिफ्ट करने को कहा, जिसपर पुलिस प्रशासन की टीम ने मूर्ति को निकाल सातपुर के अन्य मंदिर में शिफ्ट की.
मौके पर जेसीबी की मदद से मंदिर को तोड़ा गया. साथ ही तालाब की जद में आ रहे अन्य अतिक्रमण को भी मौके से तोड़ा गया. कार्रवाई के दौरान आबूरोड - सातपुर मार्ग पर लोग जाम लगाकर बैठे रहे. अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के विरोध में भाजपा व हिन्दू संगठनों के नेताओं ने साकेंतिक रूप से गिरफ्तारी दी. स्थानीय लोग सड़क पर जमे रहे. पुलिस ने लोगों से समझाइश की पर लोग नहीं माने. इस पर पुलिस ने सड़क पर बैठे लोगों को उठाया और घर जाने के लिए कहा. आक्रोशित लोग जैसे ही गलियों में गए तो पथराव शुरू कर दिया. पथराव में एएसपी देवाराम चौधरी के नाक पर चोट लगी. वहीं माउंट आबू सीओ योगेश शर्मा के मुंह पर चोट लगी, साथ ही अन्य 2 पुलिसकर्मी भी घायल हो गए.
लोगों के पथराव के बाद पुलिस ने मौके पर लाठीचार्ज किया. गलियों में जाकर पुलिस ने पथराव करने वाले करीब 2 दर्जन लोगों को हिरासत में लिया. मौके पर कुछ देर के लिए बने तनाव के बाद पुलिस ने शांति स्थापित की. इस दौरान पुलिस कार्रवाई का विरोध करने आए भाजपा नेता अरुण परसरामपुरिया पर भी पुलिस ने लाठिया भांजी. घटना की जानकारी मिलने पर जिला कलक्टर डॉ भवरलाल, एसपी ममता गुप्ता भी मौके पर पहुंचे. दोनों ने घटना की जानकारी लेकर राजकीय अस्पताल पहुंचे. यहां उन्होंने घायल पुलिस अधिकारियो और पुलिसकर्मियों के बारे में जानकारी ली.
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इस दौरान जिला कलेक्टर डॉ. भवरलाल चौधरी ने बताया की सातपुर निवासी कांतिलाल उपाध्याय द्वारा हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई थी. इसमें बताया था कि तालाब की 14 बीघा भूमि पर अतिक्रमण है जिसके बाद हाईकोर्ट के आदेश पर यह कार्रवाई की गई.
कल आबूरोड बंद का आह्वानः भाजपा ग्रामीण मंडल अध्यक्ष दिनेश खंडेलवाल ने कहा की हाईकोर्ट का हम सम्मान करते हैं. लेकिन याचिकाकर्ता की ओर से भी अतिक्रमण कर मकान बनाया गया, उस पर कार्रवाई नहीं की गई. इसके विरोध गुरुवार को आबूरोड बंद का आह्वान किया गया है. बन्द में सभी हिन्दू संगठन शामिल हैं.
पुलिस कार्रवाई के विरोध में पहुंचे विधायकः पुलिस की ओर से लाठीचार्ज करने और प्रशासन द्वारा मंदिर हटाए जाने की जानकारी मिलने पर रेवदर विधायक जगसीराम कोली, आबू-पिण्डवाड़ा विधायक समाराम गरासिया आबूरोड पहुंचे. उन्होंने मंदिर तोड़ने और भाजपा कार्यकर्त्ताओं और स्थानीय लोगों पर पुलिस द्वारा की गई लाठीचार्ज का विरोध किया. विधायक जगसीराम कोली ने कहा की सरकार हमारी धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है. विरोध करने पर लाठीचार्ज किया जा रहा है.
वहीं, विधायक समाराम गरासिया ने कहा की यह सरकार हिन्दू विरोधी है. विधायक ने आरोप लगाया कि आज जिस प्रकार से घरों में घुसकर पुलिस ने बर्बरतापूर्ण कार्रवाई की है, यह उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि हो सकता है मंदिर के टूटने से कुछ आक्रोशित लोगों ने गलत कदम उठाया हो, लेकिन पुलिस समझाइश करके मामला सुलझा सकती थी. उन्होंने आरोप लगाया कि बच्चों और महिलाओं से घरों में घुस कर मारपीट की गई है. इसका हम निंदा करते हैं. उन्होंने कहा कि पथराव में शामिल नहीं रहे, जिन लोगों को पकड़ा गया है, उन्हें तुरंत छोड़ा जाए. पुलिस की कार्रवाई के विरोध में प्रदर्शन किया जाएगा, कल आबूरोड बंद का आह्वान किया गया है.