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मानसून की पहली बारिश में ही टूटे ग्राम पंचायत के 9 लाख के निर्माण कार्य

सीकर जिले के दांतारामगढ़ में शिश्यु ग्राम पंचायत द्वारा करवाए गए निर्माण कार्य पहली बारिश की साथ ही तबाह हो गए. पंचायत समिति द्वारा 9 लाख रुपये की लागत से करवाएं कार्यों की पोल मानसून की पहली बारिश के साथ ही खुल गई.

पहली बारिश में ध्वस्त हुए निर्माण कार्य
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Published : Jul 7, 2019, 7:47 PM IST

सीकर. जिले के दांतारामगढ़ में शिश्यु ग्राम पंचायत द्वारा करवाए गए 9 लाख रुपए के निर्माण कार्य की मानसून की पहली बारिश में ही पोल खुल गई. सीकर जिले की शिश्यु ग्राम पंचायत के रामसिंहपुरा में ग्राम पंचायत द्वारा करीब 1 वर्ष पहले 9 लाख रुपए के खुरा व सुरक्षा दीवार के निर्माण कार्य करवाए गए, जो मानसून की पहली बारिश में ही ध्वस्त हो गए.

पहली बारिश में ध्वस्त हुए निर्माण कार्य

गौरतलब है कि ग्राम पंचायत शिश्यु द्वारा सत्र 2016-17 में स्वीकृत एसएफसी योजना में 5 लाख रुपए की लागत से रामसिंहपुरा में किसान रामचंद्र कुमावत के खेत की सुरक्षा दीवार व खुर्रा निर्माण करवाया गया था. वहीं किसान रामेश्वर लाल कुमावत व जगदीश प्रसाद के खेत की भी सुरक्षा दीवार और खुर्रे का निर्माण एफएफसी योजना के अंतर्गत 2-2 लाख रुपए की लागत से करवाया गया था. जो मानसून की पहली बारिश में ही टूट कर मलबे के रूप में तब्दील हो गए.

निर्माण कार्यो का टूटना ग्राम पंचायत की सरकारी कार्यों के प्रति देखरेख पर सवालिया निशान खड़े कर रहे हैं. किसान रामचंद्र कुमावत का कहना है कि सरकार के इन पक्के निर्माण कार्यों से अधिक मजबूत तो किसानों द्वारा बांधी जाने वाली मिट्टी की मेड़ भी होती है.

लोगों की मांग है कि ऐसे घटिया निर्माण करने वाली एजेंसी को ग्राम पंचायत द्वारा प्रस्ताव लेकर ब्लेकलिस्ट करना चाहिए. सरकारी कार्यो में ग्राम पंचायत की अनदेखी के चलते 9 लाख रुपए की लागत से बनाई गई खुर्रा व सुरक्षा दीवार बारिश से ध्वस्त हो गई जो कि पंचायत की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाता है.

सीकर. जिले के दांतारामगढ़ में शिश्यु ग्राम पंचायत द्वारा करवाए गए 9 लाख रुपए के निर्माण कार्य की मानसून की पहली बारिश में ही पोल खुल गई. सीकर जिले की शिश्यु ग्राम पंचायत के रामसिंहपुरा में ग्राम पंचायत द्वारा करीब 1 वर्ष पहले 9 लाख रुपए के खुरा व सुरक्षा दीवार के निर्माण कार्य करवाए गए, जो मानसून की पहली बारिश में ही ध्वस्त हो गए.

पहली बारिश में ध्वस्त हुए निर्माण कार्य

गौरतलब है कि ग्राम पंचायत शिश्यु द्वारा सत्र 2016-17 में स्वीकृत एसएफसी योजना में 5 लाख रुपए की लागत से रामसिंहपुरा में किसान रामचंद्र कुमावत के खेत की सुरक्षा दीवार व खुर्रा निर्माण करवाया गया था. वहीं किसान रामेश्वर लाल कुमावत व जगदीश प्रसाद के खेत की भी सुरक्षा दीवार और खुर्रे का निर्माण एफएफसी योजना के अंतर्गत 2-2 लाख रुपए की लागत से करवाया गया था. जो मानसून की पहली बारिश में ही टूट कर मलबे के रूप में तब्दील हो गए.

निर्माण कार्यो का टूटना ग्राम पंचायत की सरकारी कार्यों के प्रति देखरेख पर सवालिया निशान खड़े कर रहे हैं. किसान रामचंद्र कुमावत का कहना है कि सरकार के इन पक्के निर्माण कार्यों से अधिक मजबूत तो किसानों द्वारा बांधी जाने वाली मिट्टी की मेड़ भी होती है.

लोगों की मांग है कि ऐसे घटिया निर्माण करने वाली एजेंसी को ग्राम पंचायत द्वारा प्रस्ताव लेकर ब्लेकलिस्ट करना चाहिए. सरकारी कार्यो में ग्राम पंचायत की अनदेखी के चलते 9 लाख रुपए की लागत से बनाई गई खुर्रा व सुरक्षा दीवार बारिश से ध्वस्त हो गई जो कि पंचायत की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाता है.

Intro:दांतारामगढ़ (सीकर) शिश्यु ग्राम पंचायत द्वारा करवाए गए 9 लाख रुपए के निर्माण कार्य मानसून की पहली बारिश में ही टूटे।Body:सीकर जिले की शिश्यु ग्राम पंचायत के रामसिंहपुरा में ग्राम पंचायत द्वारा करीब 1 वर्ष पहले 9 लाख रुपए के खुरा व सुरक्षा दीवार के निर्माण कार्य करवाए गए जो मानसून की पहली बारिश में ही ध्वस्त हो गए।
गौरतलब है कि ग्राम पंचायत शिश्यु द्वारा सत्र 2016 -17 में स्वीकृत एसएफसी योजना में 5 लाख रुपए की लागत से रामसिंहपुरा में किसान रामचंद्र कुमावत के खेत की सुरक्षा दीवार व खुर्रा निर्माण करवाया गया था वहीं किसान रामेश्वर लाल कुमावत व जगदीश प्रसाद के खेत की भी सुरक्षा दीवार और खुर्रे का निर्माण एफएफसी योजना के अंतर्गत 2-2 लाख रुपए की लागत से करवाया गया था जो मानसून की पहली बारिश में ही टूट कर मलबे के रूप में तब्दील हो गए। निर्माण कार्यों का टूटना ग्राम पंचायत की सरकारी कार्यों के प्रति देखरेख पर सवालिया निशान खड़े कर रहे हैं।
किसान रामचंद्र कुमावत का कहना है कि सरकार के इन पक्के निर्माण कार्यों से अधिक मजबूत तो किसानों द्वारा बांधी जाने वाली मिट्टी की मेड़ भी होती है।
लोगों की मांग है कि ऐसे घटिया निर्माण करने वाली एजेंसी को ग्राम पंचायत द्वारा प्रस्ताव लेकर ब्लेकलिस्ट करना चाहिए।Conclusion:सरकारी कार्यों में ग्राम पंचायत की अनदेखी के चलते 9 लाख रुपए की लागत से बनाई गई खुर्रा व सुरक्षा दीवार बारिश से ध्वस्त हुई
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