जयपुर : राजस्थान में चर्चित और विवादों में रही राजस्थान पुलिस उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा 2021 रद्द हो सकती है. परीक्षा में नकल मामले की जांच कर रही एसआईटी और कैबिनेट सब कमेटी की रिपोर्ट के बाद गृह विभाग ने मुख्यमंत्री कार्यालय से इसको रद्द करने को लेकर अनुशंसा की है. अब गेंद भजनलाल कैबिनेट के पाले में है, जिसको निर्णय करना है कि परीक्षा रद्द होगी या नहीं. सूत्रों की मानें तो शनिवार (28 दिसम्बर) को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट की बैठक में इसको लेकर निर्णय लिया जा सकता है.
गृह विभाग ने की अनुशंसा पर कैबिनेट होगा फैसला : राज्य में पुलिस सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा 2021 एक बार फिर चर्चा में आ गई. गृह विभाग की संयुक्त सचिव कश्मी कौर ने मुख्यमंत्री कार्यालय के संयुक्त सचिव को पत्र लिखा है. गृह विभाग की ओर से लिखे गए इस पत्र में सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा में SIT की अनुशंसा और इस मामले में गठित कैबिनेट सब कमेटी की रिपोर्ट का हवाला दिया गया है. दोबारा आयोजित भर्ती परीक्षा में पूर्व में शामिल अभ्यर्थियों को शामिल करने की भी अनुशंसा की गई है.
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गृह विभाग की ओर से सीएमओ को लिखे गए पत्र में परीक्षा के आयोजन से लेकर जांच और कमेटियों की सिफारिश में आए परिणामों का हवाला देते हुए निर्णय लेने के लिए कहा गया है. सूत्रों की मानें तो 28 दिसंबर को प्रस्तावित कैबिनेट की बैठक में परीक्षा रद्द करने को लेकर निर्णय लिया जा सकता है. बता दें कि शनिवार (28 दिसंबर) को दोपहर 2 बजे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक होनी है. उसके आधे घंटे बाद यानी 2.30 बजे मंत्रिपरिषद की बैठक होगी.
हालांकि, मंत्रिमंडल और मंत्री परिषद की बैठक को लेकर अभी तक आधिकारिक रूप से एजेंडा जारी नहीं हुआ है. वहीं, जिस तरह से गृह विभाग ने अपने अनुसंधान जारी की है, उससे अब यह माना जा रहा है कि इस कैबिनेट में सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय संभव है. इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक में पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के समय बनाए गए जिलों को लेकर भी निर्णय संभव है.
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बता दें कि राजस्थान लोक सेवा आयोग अजमेर ने 3 फरवरी, 2021 को सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा की विज्ञप्ति जारी की थी, जिसमें 859 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मांगे गए थे. इधर, राज्य सरकार ने विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक की जांच करने और आगे परीक्षाओं में पेपर लीक रोकने के लिए एडीजी विजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में 16 दिसंबर, 2023 को एसआईटी का गठन किया था. एसओजी में दर्ज फिर 10/2024 की जांच के दौरान भर्ती परीक्षा में नकल करने के मामले सामने आए.
बड़ी संख्या में नकल के कारण अभ्यर्थियों के चयन की बात सामने आई. सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा में भी नकल होने की बात सामने आई. साथ ही शिक्षकों और चयनित योग्य प्रशिक्षकों को अलग-अलग चिन्हित किया जाना असंभव बताया गया. इधर, एडीजी एसओजी एटीएस वीके सिंह ने 22 अगस्त, 2024 को सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा को रद्द करने की अनुशंसा करते हुए डीजीपी को पत्र लिखा. डीजीपी ने इस अनुशंसा पर सहमत होते हुए गृह विभाग को रिपोर्ट भेजी है.
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SIT ने की ये अनुशंसा : SIT की ओर से जांच के बाद सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा 2021 को लेकर कहा कि सब इंस्पेक्टर पुलिस प्लाटून कमांडर भर्ती परीक्षा 2021 को निरस्त किया जाए. परीक्षा निरस्त करने के साथ ही नई भर्ती की विज्ञप्ति जारी करें. इस परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों को कम से कम 3 महीने का समय देकर पुनः परीक्षा आयोजित कराई जाए. उम्र में छूट देने की भी अनुशंसा की गई है. वर्तमान में ट्रेनिंग ले रहे सब इंस्पेक्टर नई भर्ती परीक्षा में असफल रहते हैं, तो उन्हें उम्र में उम्र में छूट देकर अगली भर्ती परीक्षा में एक अतिरिक्त मौका दिए जाने की सिफारिश की गई.
राज्य सरकार ने डीजीपी की इस अनुशंसा को एसआईटी रिपोर्ट के साथ वैधानिक परीक्षण के लिए एडवोकेट जनरल को भेजा. 14 सितंबर को एडवोकेट जनरल ने इस भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने के संबंध में राय दी. पुलिस महानिदेशक एसआईटी और और एडवोकेट जनरल की राय को अवलोकन के लिए मुख्यमंत्री के पास भेजा गया. इसके बाद पूरे मामले के परीक्षण के लिए कैबिनेट सब कमेटी गठित की गई. संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल की अध्यक्षता में गठित कैबिनेट सब कमेटी में चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह, खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा, जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी, गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम और राज्य मंत्री डॉ. मंजू बाघमार को शामिल किया गया.
कैबिनेट सब कमेटी ने दिया ये फैसला : कैबिनेट सब कमेटी पुलिस महानिदेशक की अभिशप्त से सहमत हुई. एडवोकेट जनरल की राय को मानते हुए कहा कि यह परीक्षा शुरू से ही गलत रही. यदि भर्ती प्रक्रिया जारी रहती है, तो आमजन में विश्वास और अपराधियों में भय के दिए पुलिस वाक्य को चरितार्थ नहीं कर पाएंगे.
भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन के लिए पारदर्शी और स्वच्छ छवि वाले कर्मचारी चयनित हो, ऐसी अपेक्षा राज्य की जनता राज्य सरकार से करती है, जो वर्तमान स्थिति में इस भर्ती में चरितार्थ नहीं हो रही है. इधर, गृह विभाग ने एडीजी एटीएस की रिपोर्ट डीजीपी की सहमति अनुशंसा, एडवोकेट जनरल की सहमति और कैबिनेट सब कमेटी की अनुशंसा को सही माना है. इसके बाद गृह विभाग ने मुख्यमंत्री कार्यालय को मामले में अग्रिम कार्रवाई के लिए फाइल भेजी है.