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55 साल पहले पति निर्विरोध सरपंच बने, अब 97 साल की विद्या देवी लड़ रहीं चुनाव

सीकर के नीमकाथाना क्षेत्र के पुरानाबास में पंचायत राज चुनाव के दंगल में विद्या देवी 97 साल की उम्र में सरपंच का चुनाव लड़ रही हैं. उनके ससुर सूबेदार सेडूराम 20 साल सरपंच रहे. वहीं 55 साल पहले उनके पति स्व. मेजर शिवराम सिंह को ग्रामीणों ने निर्विरोध सरपंच बनाया था.

97 years Vidya Devi Sarpanch candidate, Panchayat election
97 साल की विद्या देवी लड़ रहीं चुनाव
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Published : Jan 17, 2020, 4:45 PM IST

नीमकाथाना (सीकर). उम्र के इस पड़ाव पर भी पुराना बास की विद्या देवी अपने गांव को संवारने का सपना देख रही है. छड़ी के सहारे गांव में घूम-घूमकर वोट मांगा. शुक्रवार सुबह मतदान केंद्र पर वोट करने के बाद गांव-ढाणियों में घर-घर दस्तक दे रही है. 55 साल पहले उनके पति स्व. मेजर शिवराम सिंह को ग्रामीणों ने निर्विरोध सरपंच बनाया था. वहीं उनके ससुर सूबेदार सेडूराम भी 20 साल सरपंच रहे थे. उनके पौत्र मोंटू कृष्णियां वार्ड 25 से जिला पार्षद हैं.

97 साल की विद्या देवी लड़ रहीं चुनाव

पढ़ें- चुनाव ड्यूटी के दौरान सहायक मतदान अधिकारी की मौत, कलेक्टर ने परिजनों को 20 लाख की सहायता राशि की स्वीकृति पत्र सौंपा

चुनावी दंगल में 97 साल की विद्या देवी
पुराना बास की विद्या देवी 97 साल की उम्र में सरपंच का चुनाव लड़ रही है. इस दौरान वो गांव की बुजुर्ग महिलाओं के पास बैठकर विकास का मॉडल बता रही है. स्वच्छता, स्वच्छ पानी एवं विधवा पेंशन जैसे मुद्दों पर विद्या देवी चुनाव मैदान में तोल ठोक रही है. इस दौरान उन्होंने बताया कि गांव के रास्ते साफ होने चाहिए, लोगों को पीने का पानी मिले, विधवा व बुजुर्ग महिलाओं को पेंशन मिले. बता दें कि उनके पति स्व.मेजर शिवराम सिंह 55 साल पहले निर्विरोध सरपंच चुने गए थे.

पति और ससुर दोनों रह चुके सरपंच
वहीं सरपंच उम्मीदवार विद्या देवी ने बताया कि गांव में ब्याह कर आई तब से राजनीति देखी है. उनके ससुर सूबेदार सेडूराम 20 साल सरपंच रहे. अब पौता मोंटू वार्ड 25 से जिला पार्षद है. वह प्रदेश की पहली ऐसी महिला है जो उम्र के इस दौर में विकास का सपना लेकर चुनावी दंगल में हैं.

पढ़ें- पंचायत चुनाव: सिरोही के ग्रामीणों में दिखा मतदान के प्रति उत्साह, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

पहले मिट्टी की ढेरी, फिर हाथ खड़े कर भी दिए थे वोट
अब तक हर चुनाव में वोट करने वाली विद्या देवी कहती है उस जमाने से राजनीति देखी है. जब मिट्टी की ढेरी बनाकर सरपंच चुना जाता था. फिर हाथ खड़े कर सरंपच चुने. ठप्पा लगाकर वर्षों तक वोट दिया. अब तो ईवीएम का जमाना है. जमाना बदल गया है. बदलते दौर में गांव भी बदले इसी सोच के साथ चुनाव लड़ रही है. यहीं उनका सपना है.

नीमकाथाना (सीकर). उम्र के इस पड़ाव पर भी पुराना बास की विद्या देवी अपने गांव को संवारने का सपना देख रही है. छड़ी के सहारे गांव में घूम-घूमकर वोट मांगा. शुक्रवार सुबह मतदान केंद्र पर वोट करने के बाद गांव-ढाणियों में घर-घर दस्तक दे रही है. 55 साल पहले उनके पति स्व. मेजर शिवराम सिंह को ग्रामीणों ने निर्विरोध सरपंच बनाया था. वहीं उनके ससुर सूबेदार सेडूराम भी 20 साल सरपंच रहे थे. उनके पौत्र मोंटू कृष्णियां वार्ड 25 से जिला पार्षद हैं.

97 साल की विद्या देवी लड़ रहीं चुनाव

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चुनावी दंगल में 97 साल की विद्या देवी
पुराना बास की विद्या देवी 97 साल की उम्र में सरपंच का चुनाव लड़ रही है. इस दौरान वो गांव की बुजुर्ग महिलाओं के पास बैठकर विकास का मॉडल बता रही है. स्वच्छता, स्वच्छ पानी एवं विधवा पेंशन जैसे मुद्दों पर विद्या देवी चुनाव मैदान में तोल ठोक रही है. इस दौरान उन्होंने बताया कि गांव के रास्ते साफ होने चाहिए, लोगों को पीने का पानी मिले, विधवा व बुजुर्ग महिलाओं को पेंशन मिले. बता दें कि उनके पति स्व.मेजर शिवराम सिंह 55 साल पहले निर्विरोध सरपंच चुने गए थे.

पति और ससुर दोनों रह चुके सरपंच
वहीं सरपंच उम्मीदवार विद्या देवी ने बताया कि गांव में ब्याह कर आई तब से राजनीति देखी है. उनके ससुर सूबेदार सेडूराम 20 साल सरपंच रहे. अब पौता मोंटू वार्ड 25 से जिला पार्षद है. वह प्रदेश की पहली ऐसी महिला है जो उम्र के इस दौर में विकास का सपना लेकर चुनावी दंगल में हैं.

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पहले मिट्टी की ढेरी, फिर हाथ खड़े कर भी दिए थे वोट
अब तक हर चुनाव में वोट करने वाली विद्या देवी कहती है उस जमाने से राजनीति देखी है. जब मिट्टी की ढेरी बनाकर सरपंच चुना जाता था. फिर हाथ खड़े कर सरंपच चुने. ठप्पा लगाकर वर्षों तक वोट दिया. अब तो ईवीएम का जमाना है. जमाना बदल गया है. बदलते दौर में गांव भी बदले इसी सोच के साथ चुनाव लड़ रही है. यहीं उनका सपना है.

Intro:नीमकाथाना(सीकर).
उम्र के इस पड़ाव पर भी पुरानाबास की विद्या देवी अपने गांव को संवारने का सपना देख रही है. छड़ी के सहारे गांव में घूम-घूमकर वोट मांगा. शुक्रवार सुबह मतदान केंद्र पर वोट करने के बाद गांव-ढ़ाणियों में घर-घर दस्तक दे रही है. 55 साल पहले उनके पति स्व.मेजर शिवरामसिंह को ग्रामीणों ने निर्विरोध सरपंच बनाया था. उनके ससुर सूबेदार सेडूराम भी 20 साल सरपंच रहे थे. उनके पौत्र मोंटू कृष्णियां वार्ड 25 से जिला पार्षद हैं.Body:पुरानाबास की विद्या देवी 97 साल की उम्र में सरपंच का चुनाव लड़ रही है. उम्र के इस पड़ाव में भी वो गांव को संवारने का सपना देख रही है. छड़ी के सहारे गांव में घूम-घूमकर वोट मांग रही है. शुक्रवार सुबह मतदान करने के बाद वो गांव-ढ़ाणियों में घर-घर दस्तक दे रही है. बुजुर्ग महिलाओं के पास बैठकर विकास का मॉडल बता रही है. स्वच्छता, स्वच्छ पानी एवं विधवा पेंशन जैसे मुद्दों पर विद्या देवी चुनाव लड़ रही है. वो कहती है कुछ हो ना हो गांव के रास्ते साफ होने चाहिए. लोगों को पीने का पानी मिले. विधवा व बुजुर्ग महिलाओं को पेंशन मिले. उनके पति स्व.मेजर शिवराम सिंह 55 साल पहले निर्विरोध सरपंच चुनें गए थे. विद्या देवी ने कहा गांव में ब्याह कर आई तब से राजनीति देखी है. उनके ससुर सूबेदार सेडूराम 20 साल सरपंच रहे. अब पौता मोंटू वार्ड 25 से जिला पार्षद है. वह प्रदेश की पहली ऐसी महिला है जो उम्र के इस दौर में विकास का सपना लेकर चुनावीं दंगल में हैं.Conclusion:पहले मिट्‌टी की ढ़ेरी बनाकर फिर हाथ खड़े कर भी दिए थे वोट: अब तक हर चुनाव में वोट करने वाली विद्या देवी कहती है उस जमाने से राजनीति देखी है जब मिट्‌टी की ढ़ेरी बनाकर सरपंच चुना जाता था. फिर हाथ खड़े कर सरंपच चुने. ठप्पा लगाकर वर्षों तक वोट दिया. अब तो ईवीएम का जमाना है. जमाना बदल गया है. बदलते दौर में गांव भी बदले इसी सौच के साथ चुनाव लड़ रही है. यहीं उनका सपना है.
बाइट 1- विद्या देवी, पुराना वास।
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