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देवगढ़ प्रधान बनी भाजपा की कल्पना कंवर चुण्डावत - राजस्थान ताजा हिंदी खबरें

जिले के देवगढ़ पंचायत समिति के लिए गरुवार को प्रधान पद का चुनाव हुआ, जिसमें पूर्ण बहुमत वाली भाजपा की कल्पना कवंर चुण्डावत देवगढ़ की प्रधान बनी. देवगढ में कुल 15 सदस्य हैं, जिसमें से भाजपा के 9 सदस्यों ने जीत हासिल की थी. वहीं कांग्रेस के 5 सदस्य, एक सदस्य निर्दलीय विजयी हुआ था.

Kalpana Kanwar won in Deogarh, Devgarh Panchayat Samiti election
देवगढ़ प्रधान बनी भाजपा की कल्पना कंवर चुण्डावत
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Published : Dec 11, 2020, 4:28 AM IST

देवगढ़ (राजसमंद). जिले के देवगढ़ पंचायत समिति के लिए गरुवार को प्रधान पद का चुनाव हुआ, जिसमें पूर्ण बहुमत वाली भाजपा की कल्पना कवंर चुण्डावत देवगढ़ की प्रधान बनी. देवगढ में कुल 15 सदस्य हैं, जिसमें से भाजपा के 9 सदस्यों ने जीत हासिल की थी. वहीं कांग्रेस के 5 सदस्य, एक सदस्य निर्दलीय विजयी हुआ था.

प्रधान चुनाव में जहां भाजपा दो धड़ में बंटी हुई दिखाई दी. इस कारण प्रधान पद के लिए 4 सदस्यों ने नामांकन पत्र दाखिल किया था. बाद में राजसमन्द सांसद दीया कुमारी की समझाइश पर दो निर्दलीय उम्मीदवार ने अपना नामांकन पत्र वापस उठा लिया. कांग्रेस की ज्ञान कवंर व भाजपा की कल्पना के बीच सीधा मुकाबला हुआ, जिसमें भाजपा को 8 मत मिले. वहीं कांग्रेस को एक निर्दलीय उम्मीदवार ने अपना मत दिया, जिससे 6 मत प्राप्त हुए. वहीं एक सदस्य ने नाराज होकर नोटा में अपना मत दिया. कल्पना 2 मतों से विजयी घोषित की गई.

पढ़ें- राजस्थान पंचायती राज चुनाव 2020: बीजेपी हो या कांग्रेस, परिवारवाद का खिला फूल, 7 जिला प्रमुख और 12 प्रधान बने

वहीं नाम वापस लेने वाली प्रत्याशी तारा रावत और चंचल देवी ने बताया कि हम पार्टी की रीति नीति में विश्वास करते हैं और नरेंद्र मोदी की कार्यशैली एवं पार्टी में निष्ठा होने से जो दबाव हमारे पर बनाया गया है. उसके आधार पर हमने अपने नामांकन पत्र वापस लिए हैं, लेकिन पार्टी में कुछ गद्दार लोगों की वजह से यह नौबत आई है. उन्हें पार्टी से बाहर किया जाना चाहिए.

देवगढ़ (राजसमंद). जिले के देवगढ़ पंचायत समिति के लिए गरुवार को प्रधान पद का चुनाव हुआ, जिसमें पूर्ण बहुमत वाली भाजपा की कल्पना कवंर चुण्डावत देवगढ़ की प्रधान बनी. देवगढ में कुल 15 सदस्य हैं, जिसमें से भाजपा के 9 सदस्यों ने जीत हासिल की थी. वहीं कांग्रेस के 5 सदस्य, एक सदस्य निर्दलीय विजयी हुआ था.

प्रधान चुनाव में जहां भाजपा दो धड़ में बंटी हुई दिखाई दी. इस कारण प्रधान पद के लिए 4 सदस्यों ने नामांकन पत्र दाखिल किया था. बाद में राजसमन्द सांसद दीया कुमारी की समझाइश पर दो निर्दलीय उम्मीदवार ने अपना नामांकन पत्र वापस उठा लिया. कांग्रेस की ज्ञान कवंर व भाजपा की कल्पना के बीच सीधा मुकाबला हुआ, जिसमें भाजपा को 8 मत मिले. वहीं कांग्रेस को एक निर्दलीय उम्मीदवार ने अपना मत दिया, जिससे 6 मत प्राप्त हुए. वहीं एक सदस्य ने नाराज होकर नोटा में अपना मत दिया. कल्पना 2 मतों से विजयी घोषित की गई.

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वहीं नाम वापस लेने वाली प्रत्याशी तारा रावत और चंचल देवी ने बताया कि हम पार्टी की रीति नीति में विश्वास करते हैं और नरेंद्र मोदी की कार्यशैली एवं पार्टी में निष्ठा होने से जो दबाव हमारे पर बनाया गया है. उसके आधार पर हमने अपने नामांकन पत्र वापस लिए हैं, लेकिन पार्टी में कुछ गद्दार लोगों की वजह से यह नौबत आई है. उन्हें पार्टी से बाहर किया जाना चाहिए.

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