प्रतापगढ़. जिले में दो कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आए थे. जिनमें से एक की मौत भी हो गई है. पीपलखूंट क्षेत्र के मरीज की मौत के बाद मृतक व्यक्ति के शव को लेने से उसके परिजनों ने मना कर दिया था. इसके बाद जिला प्रशासन की ओर से अंतिम संस्कार करवाया गया.
वहीं, दूसरे कोरोना पॉजिटिव मरीज को उदयपुर रैफर किया गया है. दोनों मरीजों की सूचना के बाद से स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन सतर्क हो चुका है. पीपलखूंट के मरीज के संपर्क में रहे लोगों का जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग पता लगाकर उनकी भी जांच करवाएगा.
इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने जिला अस्पताल में भर्ती रहे मरीज के संपर्क में रहे स्वास्थ्य कर्मी और डॉक्टरों को भी होम क्वॉरेंटाइन में रखने की बात कही है. साथ ही मरीज के संपर्क में रहे लोगों की भी स्क्रीनिंग और जांच करवाई जाएगी.
पढ़ें- ग्रीन जोन में शामिल प्रतापगढ़ में कोरोना संक्रमण से पहली मौत
अंतिम संस्कार के लिए चली खींचतान
कोरोना संक्रमित मरीज की मौत के बाद रविवार को उसके कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई. जिसके बाद चिकित्सा, प्रशासन, पुलिस और नगर परिषद के बीच शव के अंतिम संस्कार को लेकर खींचतान शुरू हुई, जो सुबह से दोपहर बाद तक चलती रही. आखिर में सहमति बनी और पीपीई किट पहनकर नगर परिषद कार्मिकों ने शव का अंतिम संस्कार किया. शव को मेडिकल स्टाफ ने एंबुलेंस में ही मोक्ष धाम पहुंचाया.
बिना हाथ लगाए सीधे स्ट्रैचर से चिता पर पलटा शव
PPE किट पहने तीन लोगों ने ही सारी अंतिम क्रिया को अंजाम दिया. शव को अच्छे से पैक किया हुआ था और इसे बिना छुए सीधे स्ट्रैचर से ही एंबुलेंस से उतारा गया. चिता पर शव को डालने के लिए स्ट्रैचर को पलट दिया गया. इसके बाद कपूर और लकड़ियों से शव का अंतिम संस्कार किया गया.
पढ़ें- भरतपुर: दुल्हन बनी बहन को दूर से हाथ जोड़ कर किया विदा, नहीं लगा सका गले
आंखों में दिख रहा था डर
इस दौरान यहां मौजूद कार्मिकों की आंखों में कोरोना को लेकर डर साफ देखा जा सकता था. मेडिकल टीम से स्पष्ट निर्देश थे कि किसी भी हालत में शव का कुछ भी जलने से बाकी न रहे. जलाने के दौरान भी हो सके तो दूरी बनाए रखें. कार्मिक यहां पूरी एहतियात से काम करते दिखे.
पिछले डेढ़ साल से था टीबी का मरीज
कोरोना संक्रमित जिस व्यक्ति की मौत हुई वो पिछले डेढ़ साल से टीबी का मरीज था. बीमार होने पर 1 मई को सुबह राजकीय अस्पताल में उसे भर्ती करवाया गया. जिसके बाद उसके परिजन और पड़ोसी वापस चले गए. वहीं, जब 2 मई को दोपहर 2.35 पे उसकी मौत हुई तो उसके लक्षण देखकर चिकित्सा विभाग ने उसका सैंपल जांच के लिए भेजा. जिसके बाद रविवार सुबह उदयपुर लैब में कोरोना की पुष्टी हुई.